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पुराने रोजगार सहित 13 सूत्रीय मांगों को लेकर एसईसीएल सीएमडी को सौपा गया ज्ञापन

छत्तीसगढ़/कोरबा/ बिलासपुर :- कोरबा जिले के कोयला खदानो के भूविस्थापितों की समस्याओं का निराकरण के लिए ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने एसईसीएल के सीएमडी प्रेमसागर मिश्रा को ज्ञापन सौंपकर निराकरण के लिये सार्थक पहल करने की मांग की है जिससे आये दिन खदान में आंदोलन के लिए बाध्यता समाप्त हो और अपनी पुरखो की जमीन खोने वाले परिवारों को न्याय मिल सके । ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपूरन कुलदीप ने प्रेस को जारी बयान में कहा है कि 60 सालों से कोरबा जिले के किसानों की जमीन अर्जन किया जा रहा है जिले के कोरबा , कुसमुंडा , दीपका और गेवरा कोल परियोजना के हजारों किसानों की जमीन ले ली गयी है पर जमीन के एवज में दी जाने वाली रोजगार ,पुनर्वास और मुआवजा के लिए भटकना पड़ रहा है जिसके कारण मजबूरन उन्हें आंदोलन के रास्ते पर चलना पड़ रहा है । उनके समस्याओं के निराकरण करने के लिए स्मरण कराते हुए ज्ञापन दिया गया है । उन्होंने बताया कि सकारात्मक कार्यवाही नही होने पर पुनः एक बार बड़ा आंदोलन की तैयारी की जा रही है ।

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मांगे :-

01. वन टाइम सेटलमेंट कर रोजगार के पुराने लंबित मामलो का जल्द से जल्द निराकरण किया जाये जैसे कि अर्जन के बाद जन्म वाले प्रकरण , एक खाता एक रोजगार नियम के विरुद्ध अलग अलग खाता का सयोंजन से रोजगार से वंचितों को रोजगार प्रदान किया जाये | एस. ई. सी. एल. में लागू कोल इण्डिया पालिसी 2012 को वापस लिया जाये और हर खाते में स्थायी रोजगार/नौकरी प्रदान किया जाये चूँकि वर्ष 2010 से इस पालिसी को अमल में लाने का फैसला लिया गया था उसके पहले वर्ष 2004-2009 के अर्जन के मामलो में सभी मूल खातेदार एवं पैतृक बंटवारे से सहखातेदार को रोजगार दिया जाये ( रोजगार की लालच में खरीदी गयी जमीन को छोड़कर ) तथा भूविस्थापित परिवारों के शेष बेरोजगार युवाओं को खदान परिक्षेत्र में वैकल्पिक रोजगार की 100% व्यवस्था किया जाए | फंक्शनल डायरेक्टर्स मीटिंग की निर्णय पत्र क्र. SECL/BSP/CAD/642FD/EXTRACTS/18-19-198 date – 30/05/2018 को सरायपाली सहित सभी खदानों में लागू किया जाये |

02. पूर्व की पुनर्वास नीति के अनुसार बसाहट के लिए 10 डिसमिल भूमि अथवा बसाहट की एवज में 25 लाख रूपये की राशि दी जाये | शासन की योजनाओं से प्राप्त पट्टों /शासकीय/वन भूमि एवं भूमि पर बने मकानों का मुआवजा एवं सौ प्रतिशत सोलिशियम और बसाहट की पात्रता हेतु वर्तमान में प्रचलित नियमो में संशोधन कर समुचित लाभ दिया जाये |

03. रलिया , भिलाईबाजार , हरदी बाजार ,करतली सहित अन्य सभी ग्रामो में हुये आंशिक अधिग्रहण को रद्द किया जाये गाँव का सम्पूर्ण अर्जन किया जाये |

04. खदान बंद हो जाने अथवा अनुपयोगी होने पर पुराने अर्जित भूमि को मूल खातेदारों को वापसी करायी जाये | कोरबा एवं कुसमुंडा क्षेत्र में अर्जन करते समय जमीन को नियत समय के बाद मूल खातेदारों को वापस करने अथवा पुन: अर्जन की प्रक्रिया पूरा कर पुनर्वास नीति के अनुसार लाभ दिलाने की शर्तों पर जिला प्रशासन के द्वारा दखल करने का आदेश दिया था | कोरबा क्षेत्र में कुछ जमीन की वापसी भी किया गया है | वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा कब्जाधारियों को पट्टा प्रदान किया जा रहा है जबकि बड़े पैमाने पर बाहरी लोंगो द्वारा अर्जित भूमि पर बलात कब्जा किया जा रहा है उसपर रोक लगाते हुए मूल खातेदारों को उनकी जमीन वापस किया जाये |
05. वर्तमान में दीपका ,कुसमुंडा, गेवरा में लागू बसाहट के एवज में राशि,प्रोत्साहन राशि , भूविस्थापितो को टेंडर इत्यादि सुविधाओं को कोरबा क्षेत्र अंतर्गत सरईपाली परियोजना में भी प्रदान किया जाये |
06. अर्जित गाँव से विस्थापन से पूर्व उनके पुनर्वास स्थल का सर्वसुविधायुक्त व्यवस्था किया जाये |
07. भूविस्थापितो के बच्चो को निशुल्क उच्च शिक्षा की पढाई लिखाई और परिवार को एस ई सी एल की अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा और सहयोग प्रदान किया जाये |
08. एस ई सी एल की सी एस आर के तहत प्रभावित क्षेत्रो का समुचित विकास कार्य कराया जाना सुनिश्चित किया जाये | पुनर्वास ग्रामों में सर्वे कराया जाकर वहां पर सभी विकास कार्य किया जाये |
09. पुनर्वास ग्रामो व प्रत्यक्ष प्रभावित ग्रामो में जिला खनिज न्यास मद संस्थान के नियमानुसार 60 प्रतिशत खर्च करने , शिक्षा , स्वास्थ और रोजगार सृजन के लिए सुनिश्चित करायी जाये |
10. आउट्सोर्सिंग कंपनियों में नियोजित ठेका कामगारों को कोल इण्डिया द्वारा निर्धारित वेतन( HPC) सहित समस्त सुविधाएं प्रदान किया जाये |
11. ग्राम मलगांव (दीपका क्षेत्र ) के मकान व परिसम्पतियों का विवाद को समाप्त कर मुआवजा का भुगतान किया जाए | जोकाहीडबरी ( आमगांव गेवरा क्षेत्र ) का 2014-15 से लम्बित मुआवजा का भुगतान किया जाए |
12. ग्राम रलिया के वन भूमि पट्टा , जोगी पट्टा , इंदिरा हरेली सहेली योजना आदि से प्राप्त भूमि पट्टा का पुनर्वास नीति में दिए जाने वाले सुविधा के अनुसार हितग्राहियों को लाभ दिया जाए |
13. ग्राम पड़निया ( कुसमुंडा क्षेत्र ) के मुआवजा भुगतान के लिए वर्तमान नया भू-अर्जन नियम के अनुसार भुगतान किया जाए |

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