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कोरबा वन मण्डल ने करवाया बच्चों को जंगल का भ्रमण, जंगल के साथ वन्य जीवों के प्रति किया जागरूकता कार्यक्रम

छत्तीसगढ़/कोरबा :- आज 21 मार्च को विश्व भर में विश्व वानिकी दिवस मनाया जा रहा है। कोरबा वन मंडल द्वारा भी स्कूल के बच्चों के साथ विश्व वानिकी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विश्व वानिकी दिवस पर वर्तमान और आने वाली पीढ़ियो को वनों के महत्व से अवगत कराया जाता है। छत्तीसगढ़ शासन और वन विभाग की योजना वन मितान का शुभारंभ किया गया। वन मितान अर्थात वन के मित्र दिनेश कुमार और जितेंद्र सारथी के माध्यम से कोरबा में पूर्व माध्यमिक शाला अंधरीकछार एवं बेलगरी स्कूल से शामिल हुए छात्रों को वन और पर्यावरण के बारे में जागरूक किया गया । कार्यक्रम का प्रारंभ छात्रों को बालको नर्सरी में पौधे तैयारी के बारे में बताया गया बच्चो ने स्वयं से दोना में पौधे तैयार किये उनमें बहुत उत्साह देखने को मिला। नर्सरी में लगे पौधे के नाम उपयोगिता बताई गई। जिसके बाद बालको के वनों में नैचरल ट्रेल किया गया, जंगल मे घूमते हुए बच्चे बहुत रोमांचित थे। जंगल में घूमते हुए उन्हें पेड़ पौधों फ़ूल पत्तियो के बारे में बताया गया । बालको के टाइगर पॉइंट घुमाया गया जहाँ बड़े बच्चे बर्थडे , पिकनिक बनाने के लिए आते है और मौज मजा मस्ती करने के बाद अपने साथ लाये गार्बेज, चिप्स पैकेट, पानी बोत्तल को छोड़ देते है और जंगल को गंदा कर रहे है। वन विभाग द्वारा डस्ट बिन लगाया गया है बच्चे के माध्यम से सभी से आग्रह है आपके द्वारा जंगल मे लाये सभी चीजों को अपने साथ लेजाए। छोड़ा गया पॉलीथिन जंगल के आग को बढ़ाने में सहयोग करता है। वन पर्यावरण चेतना केंद्र कॉफ़ी पॉइंट में स्वल्पाहार के बाद वन मितान, सर्प मित्र जितेंद्र सारथी द्वारा सांपो के बारे में बताया । बीते एक वर्ष में 1000 से अधिक सांपो को जिंदा रेस्क्यू किया गया है। इन नई पीढ़ी में जागरूकता के संचार से आने वाले समय में सांप और वन्य जीवों को बचाने में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे।
मानव , वन ,पर्यावरण, पृथ्वी सभी आपस में जुड़े है। इनमें मानव ही ऐसा तत्व है जो सभी को सकारात्मक और नकारात्मक रूप से प्रभावित करने के क्षमता रखता है। विश्व भर में प्रत्येक वर्ष 130 लाख हेक्टेयर वन क्षेत्र में कमी आ रही है जिससे उनमे रहने वाले वन्य प्राणी भी प्रभावित हुए है और वनों की कार्बन सोखने की क्षमता मे 12 से 18 प्रतिशत की कमी आयी है । विश्व वानिकी दिवस के माध्यम से बच्चों को उनकी सहभागिता से अवगत कराया गया कि किस तरह आने वाले समय में उनके ऊपर कितनी जिम्मेदारी होगी। यही बच्चे आगे चल कर कोई पर्यावरण के क्षेत्र में, कोई वन्यप्राणी के क्षेत्र में, कोई वनस्पति के क्षेत्र में अपना भविष्य बना कर इस पृथ्वी के पारिस्थितिकी में सुधार के लिए कार्य करेंगे।
विश्व वानिकी दिवस में आयोजित कार्यक्रम में वन मंडलाधिकारी श्रीमती प्रियंका पांडेय, उप वनमंडलाधिकारी ईश्वर कुजूर और आशीष खेलवार के साथ परिक्षेत्र अधिकारी बालको संजय लकरा और सियाराम करमाकर उपस्थित रहे।

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