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कलेक्टर का स्पष्ट निर्देश : सभी अशासकीय स्कूलों को फीस अधिनियम का करना होगा पालन

निजी स्कूलों द्वारा एक बार में अधिकतम प्रतिशत तक ही फीस की वृद्धि की जा सकेगी, स्कूलों द्वारा नियम विरूद्ध फीस लेने पर पालकगण जिला फीस समिति में कर सकते है शिकायत

छत्तीसगढ़/कोरबा :- जिले के सभी निजी स्कूलों को छत्तीसगढ़ अशासकीय विद्यालय फीस विनियमन अधिनियम 2020 का पालन करना अनिवार्य होगा।कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने सभी अशासकीय विद्यालयों को फीस अधिनियम का अनिवार्य रूप से पालन सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए है। निजी विद्यालय में नियम के विपरीत अन्य किसी प्रकार की फीस विद्यार्थियों से नहीं ली जानी है। उन्होंने कहा कि यदि किसी विद्यार्थी से अतिरिक्त फीस ली जाती है तो उसके अभिभावक कलेक्टर अथवा जिला शिक्षा अधिकारी को शिकायत कर सकते है। अशासकीय विद्यालय फीस अधिनियम 2020 के तहत  निजी स्कूलों द्वारा एक बार में अधिकतम आठ प्रतिशत तक ही फीस की वृद्धि की जा सकती है । इससे अधिक फीस की वृद्धि करने के लिए विद्यालय फीस समिति को अपना प्रस्ताव जिला फीस समिति के समक्ष प्रस्तुत करना होगा इसके पश्चात जिला फीस समिति द्वारा उस प्रस्ताव पर युक्तियुक्त निर्णय लिया जाएगा। निजी स्कूलों द्वारा अधिनियम के प्रावधानों का पालन किए बिना अपनी फीस में असाधारण रूप से वृद्धि नहीं की जा सकती है। स्कूलों द्वारा नियम विरुद्ध फीस लेने पर पालकगण जिला फीस समिति में शिकायत कर  सकते हैं।

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छत्तीसगढ़ अशासकीय विद्यालय फीस विनियमन अधिनियम 2020 के तहत जिला फीस समिति का अध्यक्ष जिला कलेक्टर है एवं जिला फीस समिति का सचिव जिला शिक्षा अधिकारी है। कलेक्टर श्रीमती साहू ने निजी विद्यालयों द्वारा अशासकीय विद्यालय फीस विनियमन अधिनियम 2020 के पालन किये जाने का लगातार मॉनिटरिंग करने व शिकायत मिलने पर नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए है।

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