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ऋतुओं के संधिकाल में होने वाले उपद्रवों से बचाता है स्वर्ण बिंदु प्राशन संस्कार – डॉ.नागेंद्र शर्मा

छत्तीसगढ़/कोरबा :- फाल्गुन शुक्ल एकादशी,आमलकी एकादशी के पावन पर्व पर अति शुभ पुष्य नक्षत्र में 14 मार्च  2022 सोमवार को “बच्चे रहें स्वस्थ” योजनांतर्गत आयुर्वेदिक इम्यूनाइजेसन प्रोग्राम के तहत डॉ. नागेन्द्र नारायण शर्मा द्वारा निहारिका कोरबा स्थित पतंजलि चिकित्सालय में बच्चों को स्वर्ण बिन्दु प्राशन ड्रॉप्स पिलाकर आयुर्वेद पद्धति से टीकाकरण किया गया। स्वर्ण बिंदु प्राशन संस्कार के लाभ के विषय में बताते हुये संस्थान के चिकित्सक डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा ने कहा कि सर्दी के विदाई के साथ गर्मी का आगमन धीरे धीरे हो रहा है ऋतु परिवर्तन के इस काल को संधिकाल कहते हैं । आयुर्वेद के अनुसार बाह्य प्रकृति में बदलाव आने के साथ साथ हमारे शरीर के अंदर भी परिवर्तन होने लगता है जिसमे जरा सी भी असावधानी के कारण अनेक तरह के उपद्रव हमे शारीरिक रोग जैसे वमन, अतिसार, चक्कर का आना आदि के रूप में प्रभावित करते हैं। जिसका ज्यादा असर बच्चो में देखने को मिलता है क्योंकि उनकी रोग प्रतिकारक क्षमता कम होती है। और वे ऋतुओं के इस संधिकाल से प्रभावित होकर रोगग्रस्त हो जाते हैं। स्वर्ण बिंदु प्राशन संस्कार से बच्चो की पाचन तंत्र की क्रिया सम्यक होकर उनकी धातुएं पुष्ट होती है । साथ ही उनकी रोग प्रतिकारक क्षमता में अतिशय वृद्धि होती है। जिससे वो ऋतुओं के इस संधिकाल में होने वाले उपद्रव से सुरक्षित रहते हैं। स्वर्ण बिन्दु प्राशन संस्कार में डॉ.नागेन्द्र नारायण शर्मा के अलावा श्रीमती प्रतिभा शर्मा, नेत्रनन्दन साहू, अश्विनी बुनकर, कमल धारिया, चक्रपाणि पांडेय, राकेश इस्पात, रोशन कुंजल एवं सिद्धराम शाहनी ने विशेष रूप से उपस्थित होकर अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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