शहीदों के परिवारों का किया सम्मान, कोरोना वारियर्स भी हुए सम्मानित, उत्कृष्ट कार्य के लिए अधिकारी-कर्मचारियों को भी किया गया पुरस्कृत
छत्तीसगढ़/कोरबा :- कोरोना संक्रमण के कारण कोरबा जिले में गणतंत्र दिवस का पर्व सादगी और सम्मान के साथ कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मनाया गया। इस अवसर पर आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास, स्कूल शिक्षा एवं सहकारिता विभाग मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने आज गणतंत्र दिवस पर कोरबा जिला मुख्यालय स्थित सीएसईबी फुटबॉल ग्राउंड पर आयोजित संक्षिप्त कार्यक्रम में ध्वजारोहण किया और सशस्त्र बलों की टुकड़ियों की सलामी ली। उन्होंने इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का प्रदेश की जनता के नाम संदेश का वाचन भी किया। डॉ. टेकाम ने कोरबा वासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए संविधान के प्रावधानों का पालन करते हुए अग्रणी छत्तीसगढ़ के निर्माण में सहयोग की अपील की। इस अवसर पर अनेकता में एकता के प्रतीक गुब्बारे आकाश में छोड़े। प्रभारी मंत्री डॉ. टेकाम ने शॉल और श्रीफल भेंटकर शहीदो के परिजनों का सम्मान भी किया।
कार्यक्रम में 73 कोरोना वारियर्स डॉक्टरों, पुलिस कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों एवं स्वच्छता मित्रों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों को भी पुरस्कृत किया गया। समारोह में महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद, नगर निगम के सभापति श्री श्याम सुंदर सोनी, कलेक्टर श्रीमती रानू साहू, पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल, जिला पंचायत सीईओ श्री नूतन कंवर , नगर निगम आयुक्त प्रभाकर पांडेय, एडीएम श्री सुनील नायक, डीएफओ कोरबा श्रीमती प्रियंका पांडेय सहित अन्य अधिकारीगण, जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर जिले के सभी शासकीय कार्यालयों में भी ध्वजारोहण किया गया। कोरोना संक्रमण की आशंका के कारण इस बार मुख्य समारोह में मार्च पास्ट नही हुई। सशस़्त्र बलों द्वारा केवल राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गयी। कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में स्कुली छात्र-छात्राओं की भागीदारी भी प्रतिबंधित रही। सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं हुए। कार्यक्रम में सभी लोग मास्क पहनकर और सामाजिक दूरी का पालन करते हुए शामिल हुए। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या से ही सभी शासकीय एवं सार्वजनिक भवनों तथा राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों पर रोशनी की गई।