छत्तीसगढ़/कोरबा :- सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरबा जिले में कोल माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि रात ही नहीं दिन के उजाले में प्रतिबंधित क्षेत्र से कोयला लोड वाहन पार कर रहे हैं हालांकि हाईवे में लोड कोयला लीगल है या चोरी का जो जांच का विषय है लेकिन जिस प्रकार से शहर के अंदर बीआईपी क्षेत्र जहां जिले के तमाम वरिष्ठ अधिकारियों के दफ्तर हैं जिसमें से नगर पालिक निगम कोरबा पुलिस अधीक्षक कार्यालय जिला एवं सत्र न्यायालय कोरबा जिला दंडाधिकारी कोरबा आदि ऐसे प्रमुख कार्यालयों के मार्ग प्रतिबंधित क्षेत्र से इस प्रकार की गतिविधियां संदेह को जन्म देती हैं, ऐसा लगता है इनको कानून का डर ही नहीं, इसके साथ साथ इस प्रकार अगर प्रतिबंध मार्ग से लीगल या चोरी का कोयला पार हो रहा है तो कहीं ना कहीं कानून व्यवस्था पर सवाल उठना लाजमी है और जिले में कानून व्यवस्था बिगड़ने की संभावना भी बढ़ जाती है जिसे रोकना अति आवश्यक हो गया,
हालांकि आज जिला प्रशासन ने कोयला खदानों से कोयला चोरी रोकने कोल संस्थानों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है जिसके बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा की इस प्रकार के अवैध कार्य करने वालों पर प्रतिबंध लग पाता है या नहीं ।
कोल माफियाओं द्वारा ग्रामीणों से खदानों से कोयला चोरी कराई जा रही
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोल माफियाओं द्वारा भोले-भाले एवं गरीब तबके के स्थानीय ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर ज्यादा पैसे कमाने की लालच देकर ऐसे अवैध कार्यों में फसाया जाता है फिर उनके माध्यम से खदानों से कोयला चोरी, डीजल चोरी, कबाड़ चोरी आदि अवैध कार्यों को अंजाम दिया जाता है फिर ओने पौने दामों में उनसे कोयला इकट्ठा कर इस प्रकार ट्रकों में भरकर अवैध कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है इस अवैध कारोबार से जहां ग्रामीणों में बुरी लत लगती जा रही है वही कानून व्यवस्था बिगड़ने और कानून को अपने हाथों में लेने की आदत कोल माफिया द्वारा डाली जा रही है
आपको बता दें कि कोरबा जिला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है जहां भोले भाले आदिवासियों को बहला-फुसलाकर ऐसे बुरे कार्य करने वाले अपनी गिरफ्त में लेते जा रहे हैं जिससे कोरबा जिले की शांति व्यवस्था भंग होने का खतरा भी मंडरा रहा है ।