छत्तीसगढ़/कोरबा :- कोरबा जिले का एनकेएच हॉस्पिटल हमेशा विवादों और सुर्खियों में रहा है एनकेएच हॉस्पिटल पर कई गंभीर आरोप भी अनेक पीड़ित परिजनों द्वारा लगाते हुए पुलिस थाना चौकियों में शिकायतें दर्ज कराएं अब एनकेएच हॉस्पिटल एक नया फंडा अजमाने वाला है जिसमें वह अपने अधीनस्थ नर्सों के सम्मान समारोह का आयोजन करने जा रहा है अब इस आयोजन की असली वजह क्या है यह तो बता पाना मुश्किल है लेकिन एनकेएच हॉस्पिटल के ऊपर पुराने जितने भी गंभीर आरोप पीड़ित के परिजनों ने लगाए हैं उससे यह समझा जा सकता है कि एनकेएच हॉस्पिटल प्रबंधन अब नारियों के सम्मान के आड़ में पार होना चाह रहा है और लोगों और अपने अधीनस्थ कर्मचारियों में एक साफ-सुथरी छवि बनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन पूर्वजों का कहना है कि सच्चाई बहुत कड़वी होती है बेर के पेड़ में कभी आम नहीं लगते हैं, और किए गए कर्मों का फल जरूर मिलता है भले ही देर से मिले। वेद पुराणों में लिखा है और बुजुर्गों ने भी हमेशा कहा है बुरे काम का बुरा नतीजा और अच्छे काम का अच्छा नतीजा मिलता है, कर्मों का फल मिलना तय है भले देर से ही मिले । एनकेएच मे मोटी रकम देकर वहां भर्ती अपने मरीज को ना बचा पाने वाले शिकायत करताओं को आज भी अपनी शिकायत पर न्याय की उम्मीद बाकी है लेकिन हर बार एनकेएच हॉस्पिटल अपनी ऊंची पकड़ के कारण बचता आ रहा है और शिकायतकर्ता न्याय की आस लगाए बैठे हैं ।
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस हर साल 12 मई को नर्सों के अथक प्रयासों और योगदान को धन्यवाद देने के लिए विश्व भर में मनाया जाता है. सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा में नर्स अपरिहार्य हैं. नर्स हमारे चिकित्सा संस्थानों में एक आवश्यक भूमिका निभाते हैं और लोगों को स्वस्थ्य रखने में बड़ा योगदान देते हैं. यह दिन उनके बहुमूल्य योगदान को समर्पित है। इसी कड़ी में एनकेएच ग्रूप ऑफ हॉस्पिटल ने भी नर्सो के सम्मान में समारोह व प्रतियोगिता का आयोजन किया है। प्रतियोगिता 10 से 12 मई तक हॉस्पिटल में आयोजित किये जायेंगे और 12 मई अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के दिन दोपहर 2 बजे सम्मान समारोह व पुरुस्कार वितरण किया जाएगा। 10 मई को दोपहर 1 से 2 बजे तक मेमोरी टेस्ट गेम जिसमें उपकरणों की पहचान व जानकारी ली जाएगी। 11 मई को क्विज कॉम्पिटिशन दो टीमों के बीच, पोस्टर कॉम्पिटिशन एवं रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन एकल व ग्रुप टीमों में रखा गया है।
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के उपलक्ष्य में एनकेएच हॉस्पिटल ग्रुप के डायरेक्टर डॉ. एस. चंदानी ने कहा कि कोरोनाकाल में पिछले दो सालों से अधिक समय से हम देखते आ रहे हैं कि डॉक्टरों के साथ नर्स भी मरीजों को स्वस्थ करने में अपना दिन-रात एक कर रही हैं। यदि दुनिया में नर्सिंग का पेशा न होता तो आज इस महामारी में हम सभी का जीवन और भी संकट में होता। नर्से कई सारी जानों को आज भी बचा रही हैं, जो कई लोगों के लिए उम्मीद की किरण हैं। नर्सों का भी अपना परिवार होता है लेकिन वे अपने इस काम को लेकर इतनी कर्तव्यनिष्ठ होती हैं कि वे अन्य किसी चीज की परवाह नहीं करती हैं। भारत में नर्सों को सिस्टर का भी संबोधन दिया जाता है। इन सभी के प्रति मैं दिल से आभार व्यक्त करता हूं।