अभियान के तहत टीबी रोग से बचाव एवं कोविड जागरूकता का किया जाएगा प्रचार प्रसार
छत्तीसगढ़/कोरबा :- कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने आज कलेक्टोरेट परिसर में टीबी रोग और कोविड से बचने के जन जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया। कलेक्टर श्रीमती साहू ने जिले में टीबी रोग से बचने के उपाय, लक्षण एवं ईलाज के प्रचार प्रसार के लिए आश्वासन अभियान का शुभारंभ किया। कलेक्टर ने हरी झंडी दिखाकर टीबी एवं कोविड जन जागरूकता वाहन को रवाना किया। स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से पिरामल स्वास्थ्य संस्था द्वारा प्रचार प्रसार वाहनों के माध्यम से कोरबा जिले के 04 आदिवासी बाहुल्य विकासखंडों में टीबी रोग एवं कोविड के संबंध में जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। जिससे लोगों में कोविड वैक्सीन के प्रति गलत धारणाओं, भ्रांतियों एवं झिझक को दूर किया जा सके एवं आमजन को कोविड अनुकूल व्यवहार को अपनाने के लिये प्रोत्साहित किया जा सके। साथ ही गांव स्तर पर टीबी के संभावित मरीजों का सक्रिय खोज अभियान के माध्यम से लक्षणों के आधार पर बलगम की जांच करवाई जायेगी और रोग की पुष्टि होने पर सरकार द्वारा निर्धारित निःशुल्क टीबी का उपचार प्रदान किया जायेगा। ताकि टीबी जैसे संक्रामक रोग को फैलने से रोका जा सके। लोगों को जांच के लिये शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों पर जाने की आवश्यकता नहीं होगी बल्कि उनके घरों से ही जॉच के लिये खंखार सेम्पल लिया जाएगा एवं परीक्षण किया जायेगा। इस दौरान एडीएम श्री सुनील नायक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी. बी. बोडे, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. जी. एस. जात्रा, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. कुमार पुष्पेश, एन. एच. एम. जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. अशरफ अंसारी, डिस्ट्रिक्ट टीबी कोऑर्डिनेटर प्रवेश खुटे, पिरामल स्वास्थ्य से डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम लीड शैलेन्द्र प्रताप सिंह, डिस्ट्रिक्ट ट्राइबल टीबी कोऑर्डिनेटर धर्मेन्द्र कुमार सिंह, डिस्ट्रिक्ट ट्राइबल लीड विराग कुमार पाण्डेय, ऐश्वर्या सिंह एवं समस्त कम्यूनिटी मोबलाइजर, पैरामेडिकल वर्कर, एस. टी. एस., एस. टी. एल. एस. अन्य स्टाफ मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि देश में 100 दिन 100 जिलों में तीन करोड़ परिवारो को कोविड एवं टीबी के संक्रमण की कड़ी तोड़ने के अभियान के तहत आश्वासन अभियान का शुभारंभ किया गया है। इसके तहत कोरबा जिले में भी अभियान की शुरूआत की गई है। सामुदायिक सहभागिता के पहलू को दृष्टिगत रखते हुए अभियान के दौरान ग्राम पंचायत के पंचायत सदस्यों, प्रभावशाली लोगों एवं परंपरागत धर्मगुरुओं की भी सहायता ली जायेगी, ताकि गांव को टीबी मुक्त किया जा सके और टीबी के संबंध में लोग शिक्षित हों। यू.एस.एड. द्वारा वित्तपोषित परियोजना को पिरामल स्वास्थ्य संस्था द्वारा जिले में संबंधित विभाग की सहायता से क्रियान्वित किया जायेगा।