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छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना मुख्यमंत्री के कोरबा आगमन पर करेगी एसीबी कंपनी की शिकायत, 23 लोगों के फर्जी जाति प्रमाण पत्र बना कर 40 करोड़ मुआवजा और 500 एकड़ जमीन हड़पने का है आरोप, कार्यवाही नहीं होने पर नाराज है क्रांति सेना

छत्तीसगढ़/कोरबा :- कोरबा जिले में एसीबी कंपनी का रसूख और दबदबा किसी से छिपा नहीं है कोरबा जिले की एशिया की सबसे बड़ी कोल माइंस के नाम से प्रसिद्ध गेवरा कोयला खदान व दीपिका कोयला खदान में इनका दबदबा आज भी कायम है कोयलांचल क्षेत्र में कोयले के अवैध कार्यों के दम पर एसीबी कंपनी ने एक बड़ी बुनियाद खड़ी कर दी है इसी अवैध बुनियाद के पीछे अधिकारियों की लाइन लगती है यही कारण है कि आज तक इनके अवैध कार्यों को संबंधित विभागों द्वारा पूरी तरह संरक्षण मिलता रहा है और कार्यवाही करने पर अधिकारियों के हाथ कहते हैं, सूत्रों की माने तो इस कंपनी के मालिक कभी गेवरा कोयला खदान चालू होने के दौरान दो ट्रकों के मालिक हुआ करते थे लेकिन अवैध कोयले की तस्करी की बुनियाद से खड़ी की गई इमारत के चलते आज इस क्षेत्र में इनकी तूती बोलती है संबंधित विभाग के अधिकारी इनके एक इशारे पर हर वह अन लीगल कार्य को पलक झपकते लीगल कार्य में बदल देते हैं जिसको समझना और समझाना पत्थर की लकीर के समान होता है । लेकिन आज जिस प्रकार छत्तीसगढ़ी क्रांति सेना इनके अवैध कार्यों पर लगातार प्रश्नचिन्ह लगाते हुए इन पर हमला कर रही है उससे ऐसा लग रहा है की एसीबी कंपनी के अवैध कार्यों के बुनियाद पर खड़ी की गई इमारत की कमर टूटने वाली है ।

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छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने दिसंबर 2021 में शिकायत दर्ज कराई थी कि दीपका में एसीबी कंपनी के द्वारा 23 दूसरे राज्यों के व्यक्तियों के फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर एसीबी कंपनी द्वारा 40 करोड़ मुआवजा और 500 एकड़ जमीन की हेराफेरी की है लेकिन शिकायत के कई महीने बीतने के बाद आज तक एसीबी कंपनी के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं की गई है जिस पर छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश मंत्री दिलीप मेरी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए ऐलान किया है कि अगर कोरबा में मुख्यमंत्री का आगमन होता है तो इस विषय में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना द्वारा पुरजोर इन मुद्दों पर मुख्यमंत्री से सवाल पूछेगें, वही कार्यवाही नहीं होने पर आंदोलन की थी रूपरेखा तैयार की जाएगी । फिलहाल छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना जिस प्रकार छत्तीसगढ़ महतारी के हित में जल, जंगल, जमीन के मुद्दों को लेकर लड़ती आ रही है उससे यह स्पष्ट है कि इस मुद्दे को छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना आसानी से छोड़ने वाली नहीं है और इस मुद्दे पर कार्यवाही नहीं होने पर छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना काफी नाराज है जिसका असर आने वाले समय में देखने को मिल सकता है

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