विकसित भारत जी-राम-जी एवं पेसा अधिनियम रहे मुख्य विषय, कलेक्टर श्री कुणाल दुदावत ने जारी किए थे आदेश, नवीन योजनाओं से अवगत हुए ग्रामीण
छत्तीसगढ़/कोरबा :- राष्ट्रीय पेसा दिवस के अवसर पर 24 दिसंबर (बुधवार) को जिले की ग्राम पंचायतों में विशेष ग्रामसभाओं का आयोजन किया गया। इस संबंध में कलेक्टर श्री कुणाल दुदावत के द्वारा आदेश जारी किए गए थे। कोरबा जिला पेसा अधिसूचित क्षेत्र के अंतर्गत आने के कारण आयोजित विशेष ग्रामसभाओं में पेसा अधिनियम के प्रावधानों की विस्तृत जानकारी ग्रामीणों को दी गई।
ज़िलें की ग्राम पंचायतो के पेसा ग्रामो में विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया गया। जिसमें पेसा अधिनियम अंतर्गत विभिन्न विषयो पर चर्चा की गई।
विशेष ग्राम सभा में पेसा अधिनियम और पेसा नियमों के बारे में नागरिको को जागरूक करने हेतु विभिन्न विडियो, पाम्पलेट, पोस्टर, बैनर, दिवाल, लेखन, संदेष और अन्य सूचना एवं संचार प्रौधोगिकी सामाग्री के माध्यम से पेसा के प्रावधानो के बारे मे जानकारी का प्रचार-प्रसार किया गया। राजस्व, आबकारी, वन, पुलिस, खनन एवं अन्य विकासखंड स्तरीय विभाग के जिला और ब्लाॅक स्तर के अधिकारियो के लिए पेसा से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
ग्रामसभा के माध्यम से पेसा नियम के तहत् जागरूकता हेतु चलचित्र एवं अन्य माध्यम से ग्रामीणो को जानकारी दिया गया।
अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत राज व्यवस्था के विस्तार विषय पर चर्चा परिचर्चा हुई। इसके साथ ही अवगत कराया गया कि यह अधिनियम 1996 में भारत सरकार द्वारा बनाया गया था । छत्तीसगढ़ में इसे अगस्त 2022 में लागू किया गया है।
इसके द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के परंपरा, संस्कृति, रीतिरिवाज, पुजा पद्धति, रुढ़ियाँ इत्यादि का संरक्षण करते हुए इन क्षेत्रों के खनिज एवं प्राकृतिक संसाधनो पर इनके सहमति के पश्चात् ही इनके दोहन का प्रावधान है इत्यादि के संबंध में चर्चा की गई। इसका अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार पंचायतो के उक्त ग्रामसभा के माध्यम से किया जाने का निर्णय भी पारित किया गया।
विशेष ग्रामसभाओं में नवीन एवं महत्वाकांक्षी योजना “विकसित भारत जी-राम-जी (विकसित भारत रोजगार एवं आजीविका गारंटी मिशन-ग्रामीण) अधिनियम, 2025” के प्रमुख बिंदुओं एवं समेकित कार्ययोजना से भी ग्रामीणों को अवगत कराया गया।
क्या है विकसित भारत जी-राम-जी अधिनियम,2025
यह अधिनियम राष्ट्रीय विजन के अनुरूप समृद्ध एवं सशक्त ग्रामीण भारत के निर्माण के उद्देश्य से लागू किया गया है। इसके तहत अकुशल शारीरिक श्रम करने के इच्छुक प्रत्येक ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्यों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 125 दिनों के मजदूरी-रोजगार की वैधानिक गारंटी प्रदान की जाएगी।
अब 125 दिन का रोजगार सुनिश्चित
जी-राम-जी अधिनियम के तहत पहले निर्धारित 100 दिनों की जगह अब 125 दिनों का रोजगार सुनिश्चित किया गया है, जिससे ग्रामीण परिवारों की आय में वृद्धि होगी और आजीविका सुरक्षा और अधिक मजबूत होगी।
विकसित भारत की जरूरतों के अनुरूप कार्य
अधिनियम के अंतर्गत किए जाने वाले सभी कार्य राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना का हिस्सा होंगे। इनमें जल सुरक्षा, मूलभूत ढांचा, आजीविका आधारित अवसंरचनाएं तथा जलवायु परिवर्तन एवं प्रतिकूल मौसमी घटनाओं से बचाव से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।
तकनीक आधारित कार्ययोजना
जी-राम-जी के अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर विकसित पंचायत की रूपरेखा के अनुसार योजनाएं तैयार की जाएंगी, जिन्हें पीएम गतिशक्ति एवं राष्ट्रीय स्थानिक योजना प्रणालियों से जोड़ा जाएगा। पंचायतों की भौगोलिक स्थिति, नगरीकरण की दिशा एवं स्थानीय विकास आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर योजनाओं का निर्माण किया जाएगा।
खेती के समय खेती को प्राथमिकता
बुवाई एवं कटाई के व्यस्त समय में कृषि श्रमिकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्यों को एक वित्तीय वर्ष में 60 दिनों की अवधि अधिसूचित करने की छूट दी गई है, जिससे किसानों को समय पर पर्याप्त श्रम उपलब्ध हो सके।
कार्य न मिलने पर बेरोजगारी भत्ता
यदि किसी ग्रामीण परिवार को मांग के बाद निर्धारित समय-सीमा में कार्य उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो राज्य सरकार द्वारा बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाएगा, जिससे श्रमिकों के अधिकार सुरक्षित रहेंगे।
पंचायती राज व्यवस्था होगी और सशक्त
जी-राम-जी अधिनियम के तहत ग्राम पंचायत प्राथमिक कार्यान्वयन इकाई होगी। श्रमिकों का पंजीकरण, रोजगार कार्ड जारी करना तथा कम से कम 50 प्रतिशत कार्यों का निष्पादन ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाएगा। ग्रामसभाएं नियमित सामाजिक अंकेक्षण करेंगी, जबकि जनपद एवं जिला पंचायतें योजना के समेकन, पर्यवेक्षण एवं निगरानी की जिम्मेदारी निभाएंगी।
तकनीक से पारदर्शिता और जवाबदेही
नवीन अधिनियम के अंतर्गत बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण, स्पेसेटियल टेक्नोलॉजी आधारित योजना, मोबाइल डैशबोर्ड से निगरानी एवं साप्ताहिक सार्वजनिक प्रकटीकरण जैसी तकनीकी व्यवस्थाओं के माध्यम से पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही सामाजिक अंकेक्षण तंत्र को और अधिक सुदृढ़ किया जा रहा है।
विशेष ग्राम सभा में ग्राम सभा अध्यक्ष, सरपंच, पंच, जनप्रतिनिधि सहित ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
















