छत्तीसगढ़/कोरबा :- छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप मिरी के जिलाबदर आदेश के खिलाफ लोगों का आक्रोश भड़क उठा है। आदेश को द्वेष पूर्ण कार्रवाई करार देते हुए जिलाबदर आदेश को निरस्त करने राज्यपाल, मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है।
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के जिलाध्यक्ष अतुल दास के द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि दिलीप कुमार गिरी अधिवक्ता जो कि एक समाजिक कार्यकर्ता व छत्तीसगढिया क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष है। लगभग 02 वर्षों से जिला एवं सत्र न्यायालय कोरबा में लोगों का केस लड़ रहे है। दिलीप मिरी शुरू से ही एक ऊर्जावान व्यक्ति है, और उन्होंने अपने समाजिक जीवन में अनेक ऐसे समाजिक कार्य किये है, जिसको कोरबा जिला के अलावा पूरे प्रदेश को लोग जानते हैं। उन्होंने क्षेत्र के प्रभावित गांव के मजदूरो, भू-विस्थापितो, पुर्नवास, उचित मुआवजा इत्यादि काम कर रहे है। अभी भी अभ्यर्थियों का केस जिला सत्र न्यायालय में लड़की रहे है। जिला के दीपका मानिकपुर, कुसमुण्डा, गेवरा में मजदूरो के लिये अनेक आन्दोलन किये, जिसकी वजह से मजदूरो का सही मजदूरी दर बोनस की राशि सी.एम.टी.एस./ ई.पी.एफ. की राशि मिलने लगा। जिसकी वजह से कंपनी के प्रभाव में आकर कोरबा जिला प्रशासन व कोरबा पुलिस द्वारा फर्जी केस दर्ज कर अनेक बार जेल भेजा गया, तब भी वे लगातार कोर्ट से विधिवत जमानत लेकर मजदूरो, गरीब, शोषित पीडित छत्तीसगढिया लोगों के लिये लड़ते रहे। जिला में राखड की समस्या को गंभीरता से उठाते हुये शासन प्रशासन के खिलाफ मुखर रूप से बोलते रहे। इसी वजह से समाजिक कार्य करने वाले को द्वेष पूर्ण भाव रखते हुये जिला बदर की कार्यवाही किया गया। जो कि गलत है। आदेश को निरस्त करने की मांग की गई है।
दिलीप मिरी के जिलाबदर आदेश को निरस्त करने छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने सौंपा ज्ञापन
















