HomeBreaking Newsशिक्षा विभाग एसी की हवा में बैठकर कर रहा मॉनिटरिंग, ग्रामीण क्षेत्रों...

शिक्षा विभाग एसी की हवा में बैठकर कर रहा मॉनिटरिंग, ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षक कर रहे मनमानी, विद्यालय देर से पहुंचने वाले प्राथमिक शाला सलिहाभांठा के प्रधान पाठक निलंबित

छत्तीसगढ़/कोरबा :-  इन दिनों शिक्षा विभाग में सब गड़बड़झाला चल रहा है एक ओर जहां मौसम बदलते ही बड़ी तेजी से गर्म मौसम होता जा रहा है दोपहर में गर्मी के कारण चलना मुश्किल हो रहा है जिले में दोपहर के समय तापमान 42 के पार पहुंच चुका है वही स्कूलों में जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग नहीं किए जाने के कारण शिक्षकों द्वारा ग्रामीण अंचलों में मनमानी की सूचनाएं भी लगातार मिल रही हैं एक और शिक्षा विभाग एसी कमरे में बैठकर कागजों में मानिटरिंग कर रहा है दूसरी ओर कई शिक्षक अपने दायित्वों का पालन नहीं कर रहे हैं, ताजा मामला विकासखण्ड करतला के अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला सलिहाभांठा के प्रधान पाठक को निलंबित कर दिया गया है। प्रधान पाठक श्री अमृतलाल बघेल को देर से विद्यालय आने, विद्यालय में अध्यापन कार्य नही कराने और विद्यालय से जल्दी चले जाने की शिकायत पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री जी.पी. भारद्वाज ने कार्यवाही करते हुए प्रधान पाठक को निलंबित कर दिया है। समाचार पत्र में प्रधान पाठक के स्कूल में उपस्थित नही रहने के संबंध में प्रकाशित खबर पर संझान लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने ंबी.ई.ओ. को जांच करने के निर्देश दिये थे। जांच के दौरान प्रधान पाठक का विद्यालय में अध्यापन कार्य के प्रति लापरवाही और उपस्थिति पंजी में प्रत्येक माह वेतन के लिए एस.बी.आई. अकलतरा लिखे जाने की पुष्टि हुई। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी करतला के प्रतिवेदन के अनुसार प्रधान पाठक पर छत्तीसगढ सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 09 तथा 10 के तहत् निलंबन की कार्यवाही की गयी है। निलंबन अवधि में प्रधान पाठक का मुख्यालय कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी करतला नियत किया गया है। निलंबन अवधि में इन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।

जिला शिक्षा अधिकारी श्री भारद्वाज ने बताया कि पूर्व में भी प्रधान पाठक श्री अमृतलाल बघेल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था तथा बिना सूचना के विद्यालय में अनुपस्थित रहने के कारण अनुपस्थित दिनों का अवैतनिक भी किया गया था। श्री भारद्वाज ने बताया कि बी.ई.ओ. द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में सलिहाभांठा के छात्र-छात्राओं, शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, ग्रामीण-जनप्रतिनिधि एवं सहायक शिक्षिका से बयान प्राप्त कर शिकायत की जांच की गयी। प्रतिवेदन के अनुसार प्रधान पाठक के देरी से विद्यालय आने, अध्यापन कार्य नही कराये जाने, विद्यालय के बाहर बैठे रहने और विद्यालय से जल्दी चले जाने की पुष्टि हुई है। शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणजनों द्वारा अवगत कराया गया है कि प्रधान पाठक ट्रेन से आना जाना करते है। बिना सूचना के अनुपस्थित रहते है तथा उपस्थिति पंजी में अनुपस्थित दिवस का हस्ताक्षर करते है। प्रतिवेदन में बताया गया है कि प्रतिमाह प्रधान पाठक वेतन के लिए एस.बी.आई. अकलतरा जाना उपस्थिति पंजी में दर्शाते है। प्रधान पाठक श्री बघेल का उपरोक्त कृत्य अपने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही और उदासीनता का प्रतीक है। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रधान पाठक पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की अनुशंसा की गयी। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के अनुशंसा और प्रस्तुत किये गये प्रतिवेदन पर आवश्यक कार्यवाही करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रधान पाठक को निलंबित किया है।

पूर्व में कुछ शिक्षकों की खबरें मीडिया में आई थी जो शराब पीकर स्कूलों में पहुंच रहे थे जिन पर कार्यवाही की गई थी फिलहाल कोरबा जिले में शिक्षा विभाग की शिक्षा व्यवस्था ठीक नहीं है जिस पर शासन और प्रशासन को संज्ञान लेते हुए शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने एसी में बैठे अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में मानिटरिंग करने निर्देशित करने चाहिए कोरबा जिला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है जहां ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में शिक्षा की कमी और आर्थिक व्यवस्था ठीक नहीं है हालांकि शासन प्रशासन द्वारा इनके जीवन स्तर को सुधारने लगातार प्रयास किए जाते हैं लेकिन पद में बैठे अधिकारियों द्वारा सही समय पर मानिटरिंग और योजनाओं को सही समय पर क्रियान्वयन ना करापाने के कारण इनको उचित लाभ नहीं मिल पाता है,

आज भी कोरबा जिले में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों, की स्थिति और परिस्थिति में कोई ज्यादा सुधार नहीं हो पाया है इनके गांव तक पहुंचने कई जगहों पर सड़कें नहीं है गांव में स्कूल नहीं है पीने के पानी की उचित व्यवस्था नहीं है प्रधानमंत्री आवास से वंचित है जबकि यह मूलभूत व्यवस्था इनको जागरूक और इनके इस स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण है, वैसे तो मूलभूत सुविधाओं में सभी जरूरी है लेकिन सबसे ज्यादा शिक्षा की व्यवस्था बहुत जरूरी है कहते हैं प्राप्त की गई शिक्षा को कोई चोर चोरी नहीं कर सकता और इसके ज्ञान से व्यक्ति फर्श से अर्श तक का सफर आसानी से तय कर सकता है हालांकि गरीबी भी एक अभिशाप की तरह होती है लेकिन बुलंद हौसले के आगे गरीबी घुटने टेक देती है और शिक्षा के प्रकाश से जिंदगी जगमगाने लगती है ।

Must Read