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लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि पर कोरबा प्रेस क्लब में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन पत्रकारों ने तिलक भवन में प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया नमन, उनके योगदान को किया याद

छत्तीसगढ़/कोरबा :-  कोरबा प्रेस क्लब के तिलक भवन में शुक्रवार को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी, पत्रकार, लेखक और राष्ट्रवादी विचारक लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रेस क्लब के सदस्यों एवं पत्रकारों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके राष्ट्र निर्माण में दिए गए योगदान को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।

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सभा की शुरुआत मौन धारण और पुष्प अर्पित कर की गई, जिसके पश्चात वक्ताओं ने लोकमान्य तिलक के जीवन, उनके विचारों और देश के प्रति उनके समर्पण पर प्रकाश डाला। उपस्थित सदस्यों ने कहा कि तिलक भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था – “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूंगा।”

लोकमान्य तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में हुआ था। उनका मूल नाम केशव गंगाधर तिलक था। वे प्रारंभ से ही बुद्धिमान, स्वाभिमानी और दृढ़ निश्चयी प्रवृत्ति के थे। उनके पिता गंगाधर तिलक संस्कृत और गणित के ज्ञानी थे, जिनसे उन्हें विद्या का संस्कार मिला।

तिलक न केवल एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि पत्रकारिता के क्षेत्र में भी उनका योगदान ऐतिहासिक रहा। उन्होंने “केसरी” (मराठी) और “मराठा” (अंग्रेज़ी) नामक पत्रिकाओं की शुरुआत की, जो उस समय ब्रिटिश हुकूमत की नीतियों की आलोचना करने और जनता को जागरूक करने का सशक्त माध्यम बनीं। उनके लेखन में वह तीव्रता और स्पष्टता थी, जो सीधे जनता के हृदय को छू जाती थी। वे मानते थे कि कलम और कागज भी क्रांति के औजार हो सकते हैं।

श्रद्धांजलि कार्यक्रम में कोरबा प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष रामेश्वर ठाकुर, सचिव नागेंद्र श्रीवास, कोषाध्यक्ष ई. जयंत, कार्यकारिणी सदस्य राजकुमार शाह एवं नीलम पड़वार सहित पत्रकारगण सुहेल अहमद किदवई, हीरा राठौर, प्रीतम जायसवाल, रेणु जायसवाल, राजा मुखर्जी, अनूप स्वर्णकार, राजीव, विक्की निर्मलकर प्रजापति और अन्य गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के अंत में सभी सदस्यों ने यह संकल्प लिया कि वे लोकमान्य तिलक के सिद्धांतों और विचारों को अपने कार्यक्षेत्र में अपनाकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु निरंतर प्रयासरत रहेंगे।

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