छत्तीसगढ़/कोरबा :- जिले में 1 नवंबर से धान खरीदी की प्रक्रिया शुरू हुई है। लगभग 2 माह होने को है। पहले चुनाव फिर चक्रवात के कारण खरीदी धीमी रही। उपार्जन केन्द्रों में अब धान की आवक बढऩे लगी है, लेकिन अव्यवस्थाओं के कारण किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। धान उपार्जन केन्द्र तुमान में भी कुछ ऐसी ही स्थिति है जहां किसानों को फटे पुराने बारदानों में धान बेचना पड़ रहा है, जिससे भारी मात्रा में धान जमीन पर गिरकर खराब हो रहा है, जिससे शासन को नुकसान की संभावना है। इसके बाद भी प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। बरपाली तहसील अंतर्गत धान खरीदी केन्द्र तुमान में धान खरीदी का लक्ष्य लगभग 70 हजार क्विंटल है। केन्द्र प्रभारी ने बताया कि वर्तमान में 16 हजार 889 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। धान खरीदी के लिए केन्द्र को 65 हजार नया व 15 हजार 856 पुराने बारदाने मिले हैं। उपार्जन केन्द्र को जो बारदाने मिले हैं वे फटे-पुराने हैं। इन बोरों में धान खरीदी की मजबूरी बनी हुई है। सड़े-गले और क्षतिग्रस्त बारदानों में धान ले जाने से गिरने का खतरा है। अधिकांश बोरे फटे दिखाई दे रहे हैं। खरीदे गए धान का मिलरों तक सुरक्षित पहुंचना संभव नजर नहीं आ रहा है। केन्द्र प्रभारी ने बताया कि यहां 23 मजदूर रखे गए हैं। जिन्हें 7 रूपये क्विंटल के हिसाब से रोजी दी जा रही है। मजदूर फटे-पुराने बोरों को जैसे-तैसे सिल रहे हैं धान खरीदी में लापरवाही के कारण तुमान में यह स्थिति निर्मित हुई है। संबंधित विभाग ने आंख बंद कर उपार्जन केन्द्रों में फटे-पुराने बारदानों की सप्लाई कर दी है। जिसके कारण प्रशासन को भारी नुकसान से इंकार नहीं किया जा सकता।