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16 दिसंबर से 1 माह तक सभी मांगलिक कार्यों पर लगेगा ब्रेक, लग रहा खरमास, जाने इस अवधि में क्या करें और क्या ना करें

16 दिसंबर 2023 को शाम के 3 बजकर 58 मिनट से खरमास की तिथि शुरू हो जाएगी। इस दौरान सूर्य देव वृक्ष्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। पूरे एक महीने के लिए शादी के साथ-साथ अन्य मांगलिक कार्यों पर ब्रेक लग जाएगा।

खरमास 16 दिसंबर की शाम 3 बजकर 58 मिनट पर प्रारंभ होकर 15 जनवरी को समाप्त होगा। इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य करने से बचना चाहिए।
हिंदू पंचांग के मुताबिक खरमास को शुभ समय नहीं माना जाता है। इसलिए इस समय शुभ कार्य करने की मनाही होती है।
खरमास में क्या न करें
खरमास में शादी न करने की सलाह दी जाती है।
इस अवधि में नया घर खरीदना, कोई संपत्ति खरीदना, नया कारोबार शुरू करने से बचना चाहिए।
इस दौरान गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए।
इस अवधि में लोगों को नया वाहन नहीं खरीदना चाहिए।
इस अवधि में लोगों को मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।

खरमास में क्या करें
खरमास महीने में दान-पुण्य और जप-तप के कार्य बेहद शुभ माने जाते हैं।
खरमास का महीना तीर्थ यात्रा के लिए बेहद उत्तम माना गया है।
इस महीने में नियमित सूर्यदेव को जल-अर्घ्य दें और उनकी पूजा-अर्चना करें।
इस अवधि में ब्राह्मण, गाय, गुरु और साधु-संतों की सेवा करना बेहद शुभ होता है।
खरमास में प्रतिदिन गंगाजल मिले जल से स्नान करने के बाद भगवान विष्णु के प्रिय इस मंत्र का जप तुलसी की माला से एक माह तक रोज ब्राह्ममुहुर्त में करने से भौतिक, अध्यात्मिक एवं अनेक मनोकामनाओं की पूर्ति स्वतः ही हो जाती हैं ।
मंत्र- ।। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:।
भावार्थ :-
ॐ – ॐ यह ब्रंह्माडीय व लौकीक ध्वनि हैं ।
नमो – अभिवादन व नमस्कार ।
भगवते – शक्तिशाली, दयालु व जो दिव्य हैं।
वासुदेवाय – वासु का अर्थ हैः सभी प्राणियों में जीवन और देवाय का अर्थ हैः ईश्वर । इसका मतलब है कि भगवान (जीवन/प्रकाश) जो सभी प्राणियों का जीवन हैं ।
नमः – उन्हें मैं नमस्कार करता हूँ ।

खरमास के दौरान एकाक्षरी बीज मंत्र का भी जाप करें। इस मंत्र का जाप करना बेहद फलदायी होता है। एकाक्षरी बीज मंत्र-
“ॐ घृणि: सूर्याय नम:”
इस मंत्र का जाप लाल चंदन की माला से करना अत्यधिक फलदायी होता है।

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