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ना आटा है, ना दाल है… घर का बुरा हाल है मोदी की गारंटी खोज अभियान के साथ संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की भव्य रैली

छत्तीसगढ़/कोरबा :-“ना आटा है, ना दाल है, घर का बुरा हाल है” जैसे नारों के साथ आज संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने भव्य रैली निकालकर अपनी नाराजगी जाहिर की। रैली के दौरान कर्मचारियों ने आमजन को एक पंपलेट भी बांटा, जिसमें व्यंग्यात्मक अंदाज में “मोदी की गारंटी खोज अभियान” का जिक्र किया गया।

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पंपलेट में खोजकर्ता के रूप में छत्तीसगढ़ प्रदेश के 16,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी बताए गए हैं और “मोदी की गारंटी लापता हो गई है” शीर्षक के साथ “ब्रेकिंग न्यूज़” डालते हुए भाजपा के घोषणा पत्र पर सवाल खड़े किए गए।

कर्मचारियों का कहना है कि विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा ने बड़े शोर-शराबे के साथ नौकरी की सुरक्षा, ग्रेड पे और नियमितीकरण को लेकर गारंटी दी थी, लेकिन अब यह गारंटी गायब हो गई है।

पंपलेट में व्यंग्य करते हुए लिखा गया –

नाम : मोदी की गारंटी

गारंटी की भी गारंटी

उम्र : चुनावी वादों के बराबर

कद-काठी : बहुत ऊंची-ऊंची बातें

साथ ही कर्मचारियों ने सरकार से सवाल किया – “तुमने बनाया है तो सवारोगे कब?”

कई दिनों से हड़ताल पर बैठे इन कर्मचारियों का सब्र अब टूटता नजर आ रहा है। उनका कहना है कि जब तक नौकरी की सुरक्षा, सम्मान और नियमितीकरण जैसी मूलभूत समस्याओं का समाधान नहीं होगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

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