छत्तीसगढ़/उदयपुर :- परसा कोल ब्लॉक में लगातार पेड़ की कटाई पर लोगों में भारी आक्रोश पनप रहा है जिसके कारण आज लोगों द्वारा विरोध करने पर पुलिस और ग्रामीणों में झड़प हो गई जिसमें आधा दर्जन ग्रामीण घायल हो गए वहीं आठ पुलिसकर्मी भी घायल बताए जा रहे हैं क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है,
सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड के ग्राम साल्ही और आस-पास के अन्य ग्रामों के साथ-साथ सूरजपुर जिले के जनार्दनपुर और अन्य इलाकों में परसा कोल खदान परियोजना को लेकर आज तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। गुरुवार की सुबह से ही सैकड़ों पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई का काम चल रहा है, जिसका ग्रामीण और हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य विरोध कर रहे हैं। सुबह 9 से 10 बजे के बीच विरोध प्रदर्शन और मौके मौजूद अधिकारियों से बातचीत के दौरान हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य रामलाल पुलिस के हमले से सिर पर चोट लगने से वह घायल हो गए। इस घटना ने ग्रामीणों के बीच आक्रोश की भावना को और बढ़ा दिया है। रामलाल पिछले 10 वर्षों से जल, जंगल और जमीन बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं और इस आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे हैं। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, लगभग 6000 पेड़ों की कटाई की जा रही है, जिससे लगभग 140 हेक्टेयर जंगल का सफाया किया जाएगा ताकि परसा कोल ब्लॉक का काम शुरू हो सके। सरगुजा और सूरजपुर जिलों के वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की भारी मौजूदगी के बावजूद, ग्रामीणों के विरोध का स्वर लगातार तेज हो रहा है। सरगुजा और सूरजपुर जिले के वन विभाग की ओर से पेड़ों की कटाई के लिए एक दर्जन करीब सिपाही दरोगा, कुछ रेंजर और एसडीओ सहित कई अधिकारियों की मौजूदगी की सूचना मिली है। घटनास्थल से प्राप्त वीडियो में स्थिति काफी तनावपूर्ण नजर आ रही है। पुलिस और प्रदर्शन कारियों में हुई झड़प आधा दर्जन पुलिस अधिकारी और कुछ ग्रामीण भी घायल हो गए पुलिस के घायलों को सीएचसी उदयपुर लाया गया।
आपको बता दें हसदेव अरण्य में परसा ईस्ट केते बासन, परसा और केते एक्सटेंशन को राजस्थान सरकार को आवंटित किया गया है। राजस्थान सरकार ने एमडीओ के तहत इन खदानों को अडानी ग्रुप को दिया है। इस खदान से कोयला के एक बड़े हिस्से का उपयोग अडानी ग्रुप अपने बिजली संयंत्रों के लिए करता है।अडानी ग्रुप द्वारा परसा ईस्ट केते बासन कोल ब्लॉक में दो चरणों में खनन के अलावा अब परसा कोयला खदान में खनन के लिए पेड़ों की कटाई शुरू कर दिया गया है। कोयला खनन के लिए हसदेव अरण्य के जंगलों में आने वाले सालों में 2 लाख 74 हजार से ज्यादा पेड़ों को और काटा जाएगा।