पांच मिनट में निपटाया प्रकरण 75 हजार का चेक आवेदक को मिला हाथों-हाथ,
पति पत्नी के खर्च के लिए 15 हजार के साथ ही दोनो पुत्रों को सम्पत्ति में हिस्सेदारी देगा
छत्तीसगढ़/दुर्ग :- राज्य महिला आयोग लगातार अपनी सक्रियता से आमजन की समस्याओं का निराकरण कर रही है। आज राज्य महिला आयोग के समक्ष् कुल 25 प्रकरण आए थे। जो कि मानसिक प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, भरण पोषण और संपत्ति विवाद से संबंधित थे। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक तथा सदस्यगण डॉ. अनीता रावटे एवं श्रीमती अर्चना उपाध्याय ने तसल्ली पूर्वक लोगों की समस्याएं सुनी और वस्तु स्थिति अनुसार प्रकरण का निराकरण किया। डॉ. किरणमयी नायक और सदस्यों ने आज मौके पर ही एक आवेदक के प्रकरण का निराकरण कर आवेदक और अनावेदक दोनों को संतुष्ट किया। जिसमें आवेदक, अनावेदकगण से दो साल के आरटीआई का राशि चाहती थी। 1.5 लाख रूपए की राशि 2 किस्तों में प्राप्त होनी थी। महिला आयोग ने प्रकरण के समीक्षा करते हुए मौके पर ही 75 हजार रूपए की राशि चेक के माध्यम से आवेदक को दिलाई। बकाया राशि के लिए भी अनावेदक से सहमति दिलवाई। जिसमें अनावेदक ने शासन से राशि मिलने पर तुरंत बकाया राशि देने की बात कही। चंद मिनटों के अंदर ही अध्यक्ष महोदय द्वारा लिया गया यह फैसला उनकी दक्षता को प्रदर्शित करता है। इस निर्णय की खासियत यही है कि इसमें दोनों पक्ष संतुष्ट और सहमत थे।
आयोग के समक्ष एक आवेदक ने अपनी सौतेली सास, सौतेले देवर और ससुर के विरूद्ध गाली गलौच और मारपीट का प्रकरण प्रस्तुत किया। इस प्रकरण में आवेदक ने बताया कि उसके साथ हुई मारपीट के घटना प्रक्रम को एफआईआर में सही तरीके से प्रदर्शित नहीं किया गया है क्योंकि उभयपक्ष का मामला थाने में चला गया है। इसलिए आयोग ने इसे अपने क्षेत्राधिकार का नहीं पाया परंतु आवेदिका की सहायता के लिए एफआईआर सही तरीके से दर्ज हो इसके लिए आवेदक को आयोग के सदस्य से गाइडेंस दिलाया।
एक अन्य प्रकरण में अनावेदक ने बताया है कि 25 जनवरी 2022 से काम नही कर रहा है। उनके विरोध झूठी शिकायत हुई है आयोग द्वारा समझाईश दिये जाने पर अनावेदक पक्ष ने अपना गलती नही होते हुए भी माफी मांगा गया है। इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में शादी के बाद 2.5 साल अलग-अलग रहे हे। आवेदिका 8 साल से अपने मायके में रह रही है। दोनो का साथ रहने की सभावना नहीं है। पति पत्नी आपसी राजीनामे से तलाक लेंगे, और अनावेदक एक साथ 5 लाख रूपये देने सहमत हुआ जिसे 3 किश्तोे में देने के लिए सहमत है। आवेदिका द्वारा बताया गया है कि वह अपने परिवार वालो से चर्चा करने के बाद समझौता किया जाना है इस प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखा गया है।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका राजीनामा की शर्ते लेकर आई, 1 अनावेदक सुभाष नगर के मकान को बच्चों के नाम पर नामांतरण कराएगा। 2 अनावेदक को को साथ में भोजन देने के लिए 15000 प्रतिमाह आवेदिका के देगा इस शर्त पर अनावेदक सहमत है। अनावेदक की ओर से नामांतरण की प्रक्रिया विधिवत रूप से करवाने के लिए अधिवक्ता श्रीमती रामकली यादव को नियुक्ति किया गया जिसमे विधिवत रूप से दुर्ग नगर निगम में जाकर आवेदिका के दोनो बेटो का नाम जोडने की प्रक्रिया करा लेवे जिससे अनावेदक का पक्ष सुरक्षित रहेगा। ताकि संबंध भी सुधरने की उम्मीद रहेगी। प्रकरण में कार्यवाही हो जाने के बाद रिपोर्ट मिल जाने के बाद प्रकरण रखा जावेगा।
एक अन्य प्रकरण में विभागीय कार्यवाही से संबंधित होने से दोनो पक्षो की अपना बयान शपथ पत्र देना अनिवार्य किया गया। दोेनो पक्ष अपना विस्तृत बयान शपथ पत्र लेकर आए दोनो पक्ष बयान रायपुर आयोग कार्यालय में होगा।
जनसुनवाई में प्राप्त प्रकरणों को लेकर डॉ. किरणमयी नायक ने कहा उनकी कोशिश रहती है कि सभी प्रकरणों पर प्रभावी कार्यवाही हो और लोगों को समयबद्ध ढंग से न्याय मिले।
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