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बालको खिलाड़ियों के भविष्य के साथ कर रहा खिलवाड़, बालकों की मनमानी के आगे अपने ही आदेश का पालन कराने शासन प्रशासन के छूट रहे पसीने

छत्तीसगढ़/कोरबा :- केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार सभी सरकारे खिलाड़ियों के भविष्य को लेकर वायदे और घोषणाएं कर सहानुभूति दिखाते हुए वाहवाही लूटती है, और सत्ता में आने के बाद एक झटके में सब भूल जाती हैं और फिर शुरू होती है गंदी राजनीति,

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छत्तीसगढ़ सरकार और उसके प्रशासनिक तंत्र खेल और खिलाड़ियों को लेकर कितने गंभीर है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती केंद्र सरकार द्वारा 2 वर्ष पूर्व कोरबा जिले में अकादमी की घोषणा की थी जिसमें चार खेलों को प्राथमिकता से लेते हुए छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से टॉपर खिलाड़ियों की प्रतियोगिता कराई गई थी जिसमें से अलग-अलग जिलों से टॉपर खिलाड़ियों का चयन हुआ था लेकिन 2 वर्ष बीतने के बावजूद भी आज तक यह अकैडमी जो इंदिरा स्टेडियम में चालू होनी थी आज तक नहीं चालू हो पाई है इस अकादमी के संचालन की जिम्मेदारी बालकों को दी गई थी लेकिन बालको की लापरवाही खेल और खिलाड़ियों के प्रति गंभीरता न दिखाने के कारण आज तक यह अकैडमी चालू नहीं हो पाई है बालकों के इस लापरवाही पर वर्तमान बीजेपी की सरकार व उसके प्रशासनिक तंत्र भी अंकुश नहीं लग पा रहे हैं या यूं कहें बालकों की मनमानी पर नतमस्तक हैं,

बताते चले की प्रदेश के अलग-अलग जिलों के टॉपर खिलाड़ियों का इस अकादमी में चयन हुआ था जो 2 वर्ष से एकेडमी ज्वाइन करने के लिए लगातार प्रतीक्षा कर रहे हैं हर वर्ष स्कूलों में एडमिशन के वक्त अभिभावक व चयनित खिलाड़ी असमंजस की स्थिति में रहते हैं फिर किसी तरह मायूस होकर अनेक स्कूलों में एडमिशन लेकर पढ़ाई करते हैं अकादमी नहीं चालू होने के कारण हर वर्ष चयनित खिलाड़ी भ्रम की स्थिति में रहते हैं जिससे उनकी पढ़ाई तो प्रभावित होती ही है साथ-साथ उनके मस्तिष्क पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है वहीं कई खिलाड़ी डिप्रेशन के भी शिकार हो रहे हैं जरूरत है छत्तीसगढ़ सरकार वह उसके प्रशासनिक तंत्र को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पूर्ववर्ती सरकार की घोषणा को अपनी घोषणा मानते हुए बच्चों खिलाड़ी और खेल के प्रति गंभीरता से कार्य करने की और तत्काल एकेडमी चालू करवाने की जिससे इन चयनित खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया जा सके और उनमें खेल के प्रति एक पॉजिटिव सोच जागृत हो । और वह खेल जगत में अपना भविष्य बना सके ।

इस मामले पर ना ही पूर्ववर्ती सरकार के मंत्री या जनप्रतिन कुछ बोल रहे हैं और ना ही वर्तमान सरकार के मंत्री व जनप्रतिनिधि विशेष पहल कर रहे हैं इन सभी की खामोशी कहीं ना कहीं खिलाड़ियों का मनोबल गिरा रही है और खिलाड़ियों के प्रति एक राजनीतिक षड्यंत्र की बू आ रही है ।

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