छत्तीसगढ़/कोरबा :- कोरबा जिले में विगत लगभग 2 वर्षों से ब्लैक स्मिथ कंपनी द्वारा एनजीटी के नियम कानूनों को ताक में रखकर बालकों की राख जिले के तमाम जगहों पर जहां-तहां फेंक रही है जिससे जिले का वातावरण दूषित हो रहा है वही इस राखड़ की आड़ में जिले में भूमाफिया भी सक्रिय हैं जो जंगल के बीच में राजस्व विभाग से मिलीभगत कर जमीन की हेराफेरी करते हुए दूसरे जगह की रिकॉर्डेड जमीन के कुछ हिस्से को जंगल के बीचो बीच सरकारी जमीन पर राजस्व के रिकॉर्ड के माध्यम से हेराफेरी करते हुए दर्ज कराते हैं और उस जमीन के मालिकाना हक जताने वाले जमीन मालिक से ब्लैक स्मिथ कंपनी व भारत एल्युमिनियम बालको के अधिकारियों द्वारा सेटिंग कर बालकों की राख उस जमीन पर पाटकर जंगल के आसपास लगी कई एकड़ जमीनों पर कब्जा करने का खेल खेला जा रहा है जो प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है प्रशासन आंख मूंदकर राख फेंकने का परमिशन देता जा रहा है वही कई जगहों पर ब्लैक स्मिथ कंपनी मनमानी करते हुए बिना परमिशन के ही राख फेंक रही है ।
गोढ़ी के पास 5 एकड़ निजी जमीन बता कर लगभग 20 एकड़ सरकारी जमीन पर किया जा रहा कब्जा
कोरबा शहर से लगे हुए झगरहा के पास गोढी क्षेत्र मे जंगल के बीच लगभग 20 एकड़ क्षेत्रफल में बालकों की राख फेंकी जा रही है बताया जा रहा है कि वह जमीन एक कोरबा जिले के नामी हॉस्पिटल के मालिक के नाम पर 5 एकड़ रिकॉर्ड में है जिस पर प्रशासन ने 3 एकड़ जमीन पर राख फेंकने की अनुमति दी है लेकिन प्रशासन के उस अनुमति की आड़ में वहां पर लगभग 20 एकड़ जमीन पर राख फेंक कर जंगल की सरकारी जमीन पर कब्जा किया जा रहा है ।
वन विभाग की जमीन चढ़ा दी गई राजस्व रिकार्ड में
जिले में बीते 2 वर्ष का रिकॉर्ड देखें तो जमीने जादुई तरीके से एक जगह से दूसरे जगह पहुंच गई हैं ऐसे कई जिले में मामले सामने आए हैं जहां किसानों के रकबे को कम कर दिया गया है और एक जगह से नामी जमीन चलकर जंगल के बीच सरकारी जमीन पर पहुंच गई है और राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में भी चढ़ गई है , जंगल के बीच वन विभाग के जमीन पर पहुंची राजस्व की जमीन को अब भू माफिया अपनी निजी जमीन बताकर ब्लैक स्मिथ कंपनी के द्वारा बालकों की राखड़ पाटकर जंगल के आसपास कि कई एकड़ जमीनों को हथियाने का खेल खेल रहे हैं ।
बालकों का ब्लैक स्मिथ से कॉन्ट्रैक्ट लो लाइन एरिया में राखड़ डंप करने का, लेकिन ना बालको ने जगह चिन्हांकित की ना प्रशासन ने, मनमानी जगहों पर फेंकी जा रही राख
बालको ने ब्लैक स्मिथ को राख उठाओ व परिवहन का कॉन्ट्रैक्ट लो लाइन एरिया मे डंप करने का किया था लेकिन राख कहां कितनी फेकनी है यह तो ना बालको ने ब्लैक स्मिथ को बताया और ना ही जिला प्रशासन ने ब्लैक स्मिथ कंपनी को जहां-तहां जल्दी-जल्दी राखड़ फेंक कर ब्लैक स्मिथ कंपनी अपना कांट्रैक्ट पूरा करना चाह रही है सबसे बड़ी बात तो यह है कि प्रशासन ने बालको व ब्लैक स्मिथ से अब तक यह नहीं पूछा कि इतने बड़े डैम से राखड़ खाली करके राख कहां डंप किया जाएगा ।
इन नियमों का ब्लैक स्मिथ ने किया उल्लंघन
एनजीटी के नियमों के आधार पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र, कृषि भूमि क्षेत्र, वन भूमि क्षेत्र के 2 मीटर की दूरी तक राख नहीं फेंकी जा सकती है जिससे इन भूमि क्षेत्रों को नुकसान न पहुंचे लेकिन ब्लैक स्मिथ कंपनी कृषि भूमि पर बेखौफ बड़े पैमाने पर रिस्दा, बरबसपुर, नटकीखार, सलिहा भाटा, तरदा आदि जगहों पर नियम कायदों को ताक में रखकर राख डंप किया है नोनबिर्रा में तो प्रतिबंध के बावजूद राख डंप किया गया नियम के अनुसार भले ही वह भूमि कृषि के उपयोग में ना आती हो लेकिन बगैर लैंडयूस बदले राखड़ वहां नहीं फेंका जा सकता है ,
इसी प्रकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बनी हो तो वहां राख नहीं डंप किया जा सकता है लेकिन रिस्दा नाले के समीप भारी मात्रा राख डंप किया गया है, वही वन भूमि की जमीनों पर भी जहां-तहां राख डंप की गई है जिससे जमीनों पर कब्जा तो हुआ ही है साथ में पेड़ों को नुकसान भी पहुंचा है ।
कहां है जल जंगल जमीन की रक्षा करने वाले
जिले में जिस प्रकार पावर प्लांटों की राख फेंकी जा रही है और जिस प्रकार इसके आड़ में सरकारी जमीनों पर कब्जा होता जा रहा है जिस पर प्रशासन भी खामोश है ऐसा लगता है कानून का नामोनिशान मिट चुका है इन्हें ना तो कानून का भय है ना कानून में बैठे लोगों का । वही कई समाज सेवी संगठन व जनप्रतिनिधि जो आदिवासियों के हित की बात करते हैं और उनके जल जंगल जमीन की रक्षा के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे हैं आज वह भी सब खामोश हैं ।
भू माफिया सरकारी जमीनों को कब्जा कर बना रहे करोड़ों अरबों की अचल संपत्ति क्या यह काला धन नहीं क्यों नहीं हो रही कारवाही,
जिले में इन दिनों भू माफिया इस राखड के खेल के माध्यम से जहां करोड़ों अरबों की अचल संपत्ति खड़ा कर रहे हैं वही उनके पास इस अचल संपत्ति के नाम पर काला धन इकट्ठा हो रहा है जिसे रोकने के लिए जल जंगल और जमीन की रक्षा करने वाले आदिवासियों के हित की बात करने वाले सभी मौन हैं वहीं प्रशासन भी ऐसे लोगों को खुली छूट दे रखा है ऐसा कोरबा के इतिहास में पहली बार हो रहा है जिस पर जागरूक लोगों को ध्यान देने की जरूरत है ।
ओवरलोड राखड़ से भरे ट्रक रात दिन चल रहे कार्यवाही करने वाला कोई नहीं, कहां है कार्यवाही करने वाले विभाग
इन राखड़ में चलने वाले ट्रकों की बात की जाए तो यह दिन रात खुलेआम नियमों को ताक में रखकर ओवरलोड राख लोड कर चल रहे हैं जिसे कोई भी विभाग रोकने वाला नहीं है ना इन पर कारवाही की जा रही ना इन्हें रोका जा रहा ।
जंगल की मिट्टी खोदकर उसमें राख डंप कर फिर ऊपर से उसी मिट्टी को डाली जा रही
गोढ़ी के पास जो लगभग 20 एकड़ में राखड़ डंप की जा रही है पहले उस जमीन की मिट्टी की खुदाई बिना परमिशन कर गड्ढा किया जा रहा फिर उसमें राख डंप कर ऊपर से मिट्टी डाली जा रही है ।