छत्तीसगढ़/कोरबा :- वर्ष 2025 का पहला दिन सड़क हादसों के नाम रहा। मध्य रात्रि से लेकर शाम के बीच सड़क हादसों में तीन जान चली गई। मुड़ापार मार्ग में बिजली के खंभे से टकराकर पलटी कार में एक की मौके पर तो दूसरे की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो जाने का मामला अभी लोग भूल नहीं पाए हैं कि शाम लगभग 6:30 बजे दर्दनाक हादसे में स्कूटी सवार की जान चली गई।
प्रारंभिक तौर पर मिली जानकारी के मुताबिक राताखार निवासी टिनका दुबे स्कूटी पर सवार होकर जा रहा था कि राताखार बाईपास से होते हुए प्रगति नगर दर्री की ओर जाने वाले मार्ग पर उसे एक भारी वाहन ने चपेट में ले लिया। हादसे में स्कूटी सवार की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे की जानकारी जैसे ही आसपास के लोगों और मृतक के परिजनों तथा परिचितों को हुई, वे वहां एकत्र हो गए और देखते ही देखते चक्काजाम की स्थिति निर्मित होने के साथ-साथ माहौल तनावपूर्ण हो गया।गुस्साए लोगों ने दुर्घटनाकारित ट्रक सहित एक अन्य ट्रक को तोड़फोड़ करते हुए दोनों वाहनों में आग लगा दी। कुछ अन्य वाहन में भी तोड़फोड़ की गई।दो वाहनों में लगी आग को बुझाने के लिए पहुंची दमकल वाहन में भी तोड़फोड़ की गई। एक ट्रक तो पूरी तरह जल गया जबकि दूसरे की आग को बुझाने की कोशिश की गई।
तनावपूर्ण माहौल के बीच कवरेज करने पहुंचे मीडियाकर्मियों को फोटो- वीडियो बनाने से रोका जाता रहा। गुस्साए लोगों में शामिल किसी एक शख्स ने एक मीडिया कर्मी का मोबाइल भी छीन लिया। वहां पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह से बीच-बचाव किया। मौके पर एडिशनल एसपी यूबीएस चौहान, नेहा वर्मा सहित कोतवाली व अन्य थाना व चौकियों के प्रभारी दल-बल के साथ मौजूद हैं। समाचार के लिखे जाने तक घटनास्थल पर तनावपूर्ण माहौल व्याप्त है। मृतक के परिजन का रो-रो कर बुरा हाल है। लोगों के गुस्से को कम करने और समझाने का प्रयास पुलिस तथा प्रशासन के मौजूद अधिकारी कर रहे हैं।
पूरे सड़क में अंधेरा ही अंधेरा, एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं जल रही
यह बड़ी विडंबना है कि ऊर्जा की नगरी में शहर के भीतर से लेकर आउटर और लगे हुए क्षेत्र की सड़क अधिकांशत: अंधेरे में डूबी रहती है। शहर के भीतर प्रमुख मार्ग में जहां स्ट्रीट लाइट आधे-अधूरे जलते हैं तो दूसरी तरफ शहर के बाहर निकलने वाले रास्तों पर भी अंधेरा छाया रहता है। राताखार मार्ग का चौड़ीकरण करने के साथ-साथ राताखार से सर्वमङ्गला पुल और प्रगति नगर दर्री जाने वाले मार्ग पर भी सड़क का काम हुआ है लेकिन दुर्भाग्यजनक है कि इस पूरे रास्ते में स्ट्रीट लाइट जलती ही नहीं। सीएसईबी के भी खंबे लगे हैं और नगर निगम के भी हैं जिनमें लगाई गई एलइडी और बल्ब सिर्फ शोभा बनकर रह गए हैं। यह हाल सिर्फ एक राताखार सड़क का नहीं बल्कि अनेक सड़कों का है किंतु नगर निगम हो या सीएसईबी के अधिकारी, जिनके जिम्मे सड़क रोशनी की व्यवस्था है, वह काम चलाऊ व्यवस्था पर अपनी ड्यूटी निभाकर सरकार से मोटी तनख्वाह ले रहे हैं।