छत्तीसगढ़/कोरबा :- हरदी कला हरदी बाजार की रहने वाली 85 वर्षीय वृद्ध महिला बिसाहिन बाई यादव इन दिनों जीवन की सबसे कठिन लड़ाई लड़ रही हैं। बेटों द्वारा अलग कर दिए जाने के बाद अब शासन की उचित मूल्य दुकान से एक माह से चावल न मिलने के कारण वह भूख की कगार पर पहुंच गई हैं। मजबूरी में वृद्धा ने कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है। 
वृद्धा बिसाहिन बाई ने बताया कि उनका राशन कार्ड, ई-केवाईसी एवं आधार कार्ड पूरी तरह अपडेट है, इसके बावजूद हरदी कला की उचित मूल्य दुकान से उन्हें पिछले एक माह से चावल नहीं दिया जा रहा है। बार-बार गुहार लगाने के बाद भी दुकान संचालक द्वारा कोई समाधान नहीं किया गया।
सबसे दर्दनाक स्थिति यह है कि वृद्धा के दोनों पुत्रों ने उन्हें अलग कर दिया है। न तो उनका भरण-पोषण किया जा रहा है और न ही रहने-सहने की जिम्मेदारी ली जा रही है। यहां तक कि बेटों द्वारा खेती की जमीन भी छीन ली गई, जिससे उनकी आजीविका का अंतिम सहारा भी खत्म हो गया।
कमजोर शरीर और अधिक उम्र के कारण बिसाहिन बाई कोई काम-काज करने में असमर्थ हैं। उन्होंने आवेदन में यह भी उल्लेख किया है कि यदि शीघ्र सहायता नहीं मिली तो भीख मांगने की नौबत आ सकती है।
वृद्धा ने कलेक्टर से निवेदन किया है कि मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए उन्हें कम से कम एक माह का राशन (चावल) तत्काल दिलाया जाए, ताकि वह भूख से बच सकें।
यह मामला न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि समाज में वृद्धजनों की स्थिति किस कदर दयनीय होती जा रही है। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस गंभीर मामले में कितनी संवेदनशीलता और तत्परता दिखाता है।
















