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SECL के अधिकारी एसईसीएल को हर दिन लाखों रुपए की लगा रहे चपत, खदान में चल रहा कमीशन का खेल

-250 MM ग्रेड कोयले की जगह 100 MM की कर रहे सप्लाई 200 से 300 रुपए प्रति टन एसईसीएल को हो रहा नुकसान

छत्तीसगढ़/कोरबा :- इन दिनों कोरबा जिले की एसईसीएल की कोयला खदानों में भारी तादाद में कोयले की अफरा तफरी करते हुए बड़े पैमाने पर कमीशन का खेल चल रहा है जिससे एसईसीएल को प्रतिदिन लाखो रुपए की चपत लग रही है वही संलिप्त एसईसीएल के अधिकारी इस कमीशन के खेल में प्रतिदिन लाखों रुपए अवैध संपत्ति अर्जित कर रहे हैं ।

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सूचना प्राप्त सूत्रों के अनुसार पड़ताल करने पर पता चला कि एसईसीएल गेवरा मे -250 mm ग्रेट कोयले का स्टॉक ही नहीं है लेकिन अधिकारी -250 mm ग्रेट कोयले का डियो होल्डरों को स्टॉक मौजूद बताते हुए आक्शन कर रहे हैं लेकिन आक्शन होने के बाद उन्हें 100 MM ग्रेट कोयला दिया जा रहा है और उसके आवाज में उनसे मोटी रकम अवैध तरीके से वसूली जा रही है,

बताया जा रहा है कि -250 mm कोयले का डिस्पैच ही नहीं है लेकिन आक्शन कर लिया गया है, बाद में डिवो होल्डरों को 100 MM कोयला दिया जा रहा है इस ऐवज मे अधिकारी 30- 40 रुपए प्रति टन डियो रिलीज करने के लिए लिया जा रहा है तब कोयला उठाने की अनुमति दी जाती है इस कोयले के काले कारोबार में जहां एसईसीएल को प्रतिदिन प्रति टन 200 से 300 रू का नुकसान हो रहा है ! वही संबंधित एसईसीएल के अधिकारियों की प्रतिदिन लाखों रुपए अवैध कमाई हो रही है ।

भ्रष्टाचार में यह अधिकारी शामिल

बताया जा रहा है कि एसईसीएल गेवरा में लगभग 10–12 साल से पदस्थ एक डिस्पैच से संबंधित अधिकारी के इशारे में यह पूरा भ्रष्टाचार हो रहा है इस अधिकारी का गेवरा एरिया से लेकर बिलासपुर मुख्यालय तक ऐसा सेटिंग है कि उसका ट्रांसफ़र किसी अन्य खदान में होता ही नहीं है । इस सभी कार्यों में मानिंग जीएम भी पूर्ण रूप से जिम्मेदार है जिनके संरक्षण में यह कोयले के काले कारोबार का खेल हो रहा है,
जब हमने डिस्पैच इंचार्ज खुर्शीद साहब से इस विषय में जानकारी लेनी चाहिए तो उन्होंने एसईसीएल गेवरा प्रोजेक्ट जीएम से मिलने को कहा, लेकिन वह खदान निरीक्षण में थे जिसके कारण उनसे मुलाकात नहीं हो पाई । जब हमारी पड़ताल और आगे बढ़ी तो हमने पाया कि इसी प्रकार एसईसीएल दीपिका में भी कोयले मे कमीशन का खेल चल रहा है, जहां- 250 mm डिस्पैच का कोयला बताते हुए 100 mm का कोयला दिया जा रहा था ।

-250 MM के कोयले का उत्पादन बारिश में बंद

बता दे की बरसात के कारण -250 MM कोयला का उत्पादन बंद है जो ब्लास्टिंग कर उत्पादन किया जाता है जो एसईसीएल मशीनरी के द्वारा अधिकारी कर्मचारियों के माध्यम से किया जाता है , लेकिन 100 mm कोयला का उत्पादन चालू है जो प्राइवेट कंपनियों के मशीनों के द्वारा किया जा रहा है, लेकिन कोयले की डिमांड और वर्षा ऋतु के कारण संबंधित अधिकारी इसका भरपूर फायदा उठा रहे हैं, आक्शन -250 कोयले का दिखा रहे और दे रहे -100 mm का कोयला,  बता दे कि -250 mm के कोयले से -100 mm कोयला 200 से 300 प्रति टन महंगा मिलता है।

आने वाले समय में अगर इस मामले कि सीबीआई जाँच कि जाये तो बहुत से बड़े अधिकारी पर गाज गिर सकती है और कई बड़े अधिकारियों के पास अवैध सम्पति एवं पैसा मिल सकता है । आपको बताना चाहेंगे कि कुछ दिन पहले ही बहुत बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा कोल इंडिया के अनुषंगी कंपनी MCL में हुआ है जिससे संबंधित अधिकारियों के पास 4 करोड़ नगद मिला था ।

इन कंपनियों में जा रहा कोयला

आक्शन – 250 MM का और जा रहा 100 MM का कोयला जिसमें यह कंपनी शामिल प्रकाश इंडस्ट्रीज, एसीबी इंडिया लिमिटेड, आर्यन स्टील, सिंघल आलाप, ओराडी थर्मल सहित लगभग 100 कंपनियों के डिओ ।

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