HomeBreaking NewsSECLअधिकारियों का नार्को टेस्ट कराने की मांग, आदिवासी भूविस्थापितों ने राज्यपाल के नाम...

SECLअधिकारियों का नार्को टेस्ट कराने की मांग, आदिवासी भूविस्थापितों ने राज्यपाल के नाम लिखा पत्र

छत्तीसगढ़/कोरबा :- एसईसीएल की दीपका परियोजना के विस्तार के कारण उचित बसाहट और रोजगार की समस्याओं तथा मुआवजा संबंधी विषमताओं से जूझ रहे भूविस्थापित परिवारों का समाधान नहीं हो पा रहा है। इससे प्रभावित आदिवासी भूविस्थापितों ने एसईसीएल सहित प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों का नार्को टेस्ट कराने की मांग की है ताकि मुआवजा निर्धारण में हुई गड़बड़ी सामने आ सके ।

प्रदेश के महामहिम राज्यपाल के नाम प्रेषित ज्ञापन पत्र में पीडि़त अभिषेक कंवर व लोकेश कुमार निवासी ग्राम झिंगटपुर मलगांव ने आरोप लगाया है कि उसके परिसम्मपतियों का मुआवजा 4 गुना दिया जाना था लेकिन निर्देश का उल्लंघन किया गया है। हमारा मकान का मुआवजा संपूर्ण परिवार का नाम जमुना सिंह, शकुन्तला, कृष्णपाल कवंर, नंद कुमार कवंर, प्रीति कंवर, अभिषेक कंवर का घर नापी किया जा चुका है। जिसमें रायपुर मार्गदर्शक 1920 के वर्गफीट से रेट बनना था जो कि क्लेम 828 रूपये है। बिना क्लेम का 662 वर्गफीट रूपये है। टीन सीट एस्बेस्टस सीट 360 वर्गफीट है। इनके मुताबिक मुआवजा राशि बनाना था। 2013 भारत के राज्य पत्रक के अनुसार चार गुना मुआवजा दिया जाने का उक्त जिला के कलेक्टर को निर्देशित किया जा चुका है। इस पर गरीब आदिवासी के ऊपर शासन एवं प्रशासन की मिलिभगत से हिटलरशाही चलाई जा रही है। जहां 50 लाख मुआवजा बनना था वहां 50 लाख मुआवजा की जगह डेढ़ से 3 लाख का मुआवजा बनाया गया है तो वहीं किसी का 5 करोड़, 10 करोड़ मुआवजा बनाकर दिया गया है जिसके कारण ग्राम मलगांव में तनाव का माहौल है। माइनिंग नियम के अनुसार खदान नहीं चलाया जा रहा है और आबादी क्षेत्र में, गांव-गली में मशीन घुसा कर सीआईएसएफ जवानों की छावनी बना दी गई है। कलिंगा के विकास दुबे पर गुण्डागर्दी करने का आरोप है जो मकानों को जबरदस्ती तुड़वा रहे हैं। फर्जी एफआईआर लिखवाई जा रही है ।

नरईबोध की गोलीकांड की घटना का जिक्र करते हुए पीडि़तों ने एसईसीएल के सीजीएम अमित सक्सेना, डिप्टी जीएम खनन मनोज कुमार, मिथेश मधुक नोडल अधिकारी, शासन के रीडर मनोज गोभिल, तत्कालीन एसडीएम ऋचा सिंह पर मुआवजा में पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा है कि सभी जिम्मेदार अधिकारियों का नार्को टेस्ट कराया जाए। शिकायत प्रदेश के राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री, पुलिस मुख्यालय, कमिश्नर, जिला कलेक्टर व एसपी से भी की गई है ।

SECL:न्यायालय की अवमानना कर खुदाई! बिना मुआवजा दिए डोजरिंग भी

कोरबा जिले में एसईसीएल के दीपका विस्तार परियोजना के लिए प्रभावित ग्राम सुआभोड़ी व मलगांव के भू-विस्थापितों के साथ एसईसीएल प्रबंधन की तनातनी कम होने का नाम नहीं ले रही है दीपका के अधिकारियों के साथ-साथ निजी कंपनी कलिंगा और उसके बाउंसरों के खिलाफ शिकायत प्रदेश के राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री, पुलिस मुख्यालय, कमिश्नर, जिला कलेक्टर व एसपी से की गई है।

स्थगित करने का आदेश के बाद भी खोदा

पीड़ित लोकेश कुमार पिता रामचंद ग्राम सुआभोड़ी हरदीबाजार ने बताया कि उसके हक की खसरा नंबर 376/30 रकबा 0.59 एकड़ भूमि पर मकान, पेड़-पौधे, फलदार वृक्ष थे उसके पास एकमात्र अंतिम भूमि रह गई थी जिसके संबंध में उच्च न्यायालय में याचिका उसने दायर की है यह याचिका न्यायालय में विचाराधीन है और अधिवक्ता के द्वारा समय मांगे जाने पर उच्च न्यायालय ने खुदाई प्रक्रिया स्थगित करने के लिए दिशा-निर्देश दिया है। दीपका के अधिकारी द्वारा आदेश की अवमानना कर खनन प्रक्रिया जारी रखी गई है इसका विरोध करने पर दीपका व हरदीबाजार थाना में शिकायत की गई है लोकेश कुमार ने अमित सक्सेना, मनोज कुमार सिंह, मिथेश मधुक, अनुप कुमार मंदावारिया, जितेन्द्र दुबे, सुशील साहू, गोकुल धीवर, शत्रुघन के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने का आग्रह किया है ।

मुआवजा व नोटिस बिना ही बलपूर्वक समतलीकरण

पीड़ित विनय कुमार राठौर निवासी सुआभोड़ी ने राज्यपाल से शिकायत की है कि खसरा नंबर 316/4 रकबा, 0.117 हेक्टेयर भूमि पर भूमि एवं मकान स्थित था बाउंड्रीवाल बनाकर मुआवजा का आंकलन किया गया दीपका प्रबंधन के द्वारा मकान और पेड़-पौधों का समतलीकरण (डोजरिंग) बलपूर्वक करने का आरोप है जिसके लिए पूर्व में कोई नोटिस नहीं दिया गया मुआवजा भी नहीं मिला है विनय कुमार ने बताया कि वर्ष 2023 के मामले को लेकर कलिंगा कंपनी के विकास दुबे, एसईसीएल सीआईएसएफ व कलिंगा के बाउंसर के द्वारा प्रताडि़त किया जा रहा है जबकि मलगांव के किसी भी मामले में वह शामिल नहीं था और जबरन फंसाया जा रहा है। विनय के मुताबिक ग्राम मलगांव में स्थित उसके मकान का मुआवजा नहीं बनाया गया है एसईसीएल के सर्वे टीम में बी के साहू व शासन के पटवारी पाटले के द्वारा नापी किया गया लेकिन पावती नहीं दिया गया। मलगांव में निर्मित मकान व सुआभोड़ी में निर्मित मकान व भूमि का मुआवजा दिलाने की गुहार लगाया है ।

Must Read