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ग्रामीण महिलाओं का बड़ा कदम: चैनपुर को नशामुक्त आदर्श ग्राम बनाने की मांग, कहा- बंद हो आदिवासियों को दी गई महुआ शराब की छूट

चैनपुर बना शराबबंदी की मिसाल…! ग्रामीणों ने कलेक्टर-एसपी को सौंपा ज्ञापन, नशामुक्त आदर्श ग्राम घोषित करने की मांग

छत्तीसगढ़/कोरबा :-  करतला विकासखंड के ग्राम पंचायत चैनपुर ने नशामुक्ति की ऐसी अनोखी मिसाल पेश की है, जिसकी गूंज अब पूरे जिले में सुनाई देने लगी है। गुरुवार को सैकड़ों ग्रामीण महिलाएं, युवा और बुजुर्ग जिला मुख्यालय पहुंचे और कलेक्टर व एसपी को ज्ञापन सौंपते हुए गांव को “नशामुक्त आदर्श ग्राम” घोषित करने की मांग की।

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चैनपुर की खासियत यह है कि यहां ना कोई शराब बनाता है और ना ही कोई शराब पीता है। ग्रामीणों, महिला समितियों और युवाओं ने मिलकर ठोस संकल्प लिया है कि अब गांव को स्थायी रूप से नशा मुक्त आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा।

महिलाओं की पहल बनी बड़ी ताकत

गांव की महिलाओं ने बताया कि शराब के कारण बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य और भविष्य चौपट हो रहा था। 10 से 12 साल तक के बच्चे नशे की गिरफ्त में आने लगे थे। शराबखोरी से गांव में लड़ाई-झगड़ा, अशांति और दंगे-फसाद आम बात हो गई थी। इसे रोकने के लिए महिलाओं ने मोर्चा संभाला और पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी।

अब नहीं चलेगा महुआ शराब का खेल

ग्रामवासियों ने शासन से यह भी मांग की है कि आदिवासियों को दी गई 5 लीटर महुआ शराब बनाने की छूट को तत्काल बंद किया जाए। उनका कहना है कि इस छूट का दुरुपयोग हो रहा है और आदिवासी समाज का भविष्य बर्बाद हो रहा है।

चैनपुर बना जिले का प्रेरणास्रोत

ग्रामीणों ने साफ कहा है कि अवैध शराब निर्माण या विक्रय की किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गांव की नशा मुक्ति समिति और पंचायत प्रशासन को तुरंत सूचित करेगी। अब गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देकर एक सकारात्मक माहौल तैयार किया जा रहा है। “हमें विश्वास है कि प्रशासन और पुलिस के सहयोग से चैनपुर न केवल जिले में बल्कि पूरे प्रदेश में एक प्रेरणास्रोत बनकर सामने आएगा।”

 

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