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प्रदीप मिश्रा के कर कमलों से “सती उपाख्यान आरती” का विमोचन: जब वाणी में महाकाल और लेखनी में सती का तेज समाया

“सती उपाख्यान आरती” पुस्तक का भव्य विमोचन: आध्यात्मिकता और साहित्य का अद्भुत संगम

छत्तीसगढ़/कोरबा :- कोरबा की धरती पर रविवार को एक ऐतिहासिक और भावपूर्ण क्षण उस समय साक्षी बना, जब आध्यात्मिक जगत के अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा के कर कमलों से “सती उपाख्यान आरती” पुस्तक का भव्य विमोचन संपन्न हुआ। यह ग्रंथ छत्तीसगढ़ के प्रख्यात ज्योतिषाचार्य एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र शर्मा की रचनात्मक साधना का परिणाम है, जिसमें सती चरित्र के माध्यम से नारी शक्ति, श्रद्धा और धर्म की गूढ़ व्याख्या की गई है।

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पुस्तक विमोचन समारोह केवल एक औपचारिक आयोजन न होकर, आध्यात्मिक ऊर्जा, संस्कृति और साहित्यिक भावनाओं का समागम बन गया। मंच पर उपस्थिति अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक विभूतियों ने आयोजन की गरिमा को नई ऊँचाइयाँ दीं।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथियों में

कोरबा के वरिष्ठ भागवताचार्य श्री रमाकांत मिश्र,

महाकाल भक्त मंडल के अध्यक्ष दुर्गेश महाराज,

महाकाल के मुख्य सेवक नरेंद्र पांडे,

बाल ज्योतिषी जय कृष्ण शर्मा,

कोरबा प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेंद्र जायसवाल,

एवं सुप्रसिद्ध भागवताचार्य अमित मिश्र प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

इन सभी ने पुस्तक की विषयवस्तु और लेखक की दृष्टि को सराहते हुए इसे समाज के लिए प्रेरणास्रोत बताया। वक्ताओं ने सती चरित्र को आज की सामाजिक संरचना में प्रासंगिक बताया और इसे जनमानस में जागरूकता का माध्यम कहा।

पुस्तक विमोचन के इस अवसर ने कोरबा को एक नई आध्यात्मिक पहचान दी है और यह कार्यक्रम साहित्य और धर्म के प्रेमियों के लिए एक यादगार अनुभव बन गया।

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