छत्तीसगढ़/कोरबा :- भाजपा के कद्दावर आदिवासी नेता ननकी राम कंवर हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों पर मुखर रहने वाले ननकी राम कंवर का एक पत्र इस बार चर्चा का विषय बना हुआ है। पूरे प्रदेश में स्वामी आत्मानंद स्कूल स्थापना के नाम पर करोड़ों रूपए के भ्रष्टाचार का आरोप पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर ने लगाया है। उन्होंने रेनोवेशन एवं नई सामग्री नियम विरूद्ध खरीदे जाने की शिकायत शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से की है। पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा स्वामी आत्मानंद स्कूल स्थापना को लेकर जिला खनिज न्यास व अन्य मद की राशि का भरपूर दुरूपयोग किया गया है। स्कूल में निविदा नियमों को ताक पर रखकर अपने चहेतों को बाजार दर से अधिक मूल्य पर निम्न स्तरों के सामानों की खरीदी की गई है। वर्तमान में उन सामग्रियों की स्थिति अत्यंत जर्जर है। पूरे प्रदेश में स्वामी आत्मानंद स्कूलों के रिनोवेशन व सामग्रियों का क्रय किया गया है। प्रदेश स्तर पर समिति बनाकर इसकी जांच की मांग श्री कंवर ने की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि संबंधित अधिकारी कर्मचारी व ठेकेदार के विरूद्ध अपराधिक मामला दर्ज करते हुए राशि की वसूली किए जाने हेतु निर्देशित किया जाए। पर सवाल इस बात का है कि आत्मानंद स्कूल में जिस भ्रष्टाचार की बात ननकी राम कंवर कर रहे हैं उसमें से अधिकांश काम डीएमएफ नहीं बल्कि सीएसआर मद से हुए हैं। ननकी राम कंवर 29 अप्रैल 2023 को पीएम मोदी को लिखे पत्र में कोरबा जिले में जिला खनिज संस्थान न्यास मद के नियम के विरुद्ध वर्ष 2022-23 में प्रशिक्षण, सामग्री सप्लाई और निर्माण संबंधी कार्य स्वीकृति में अरबों रुपये का गबन व भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी के विरुद्ध केन्द्रीय जाँच एजेंसी से जांच कराकर कार्यवाही करने की मांग की थी। इस शिकायत में उन्होंने बिना कार्य के अरबों रुपये गबन कर भ्रष्टाचार का आरोप पूर्व कलेक्टर सह अध्यक्ष जिला खनिज संस्थान न्यास व पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी सह सचिव जिला खनिज संस्थान और तत्कालीन परियोजना समन्वयक भरोसा राम ठाकुर पर लगाया था। वर्तमान भाजपा सरकार में पूर्व कलेक्टर संजीव झा डायरेक्टर डीएमसी हैं। सूत्र बताते हैं कांग्रेस शासन काल में मिली भगत कर सीएसआर मद को बिना एसईसीएल के अनुसंशा के खर्च किया गया। बताया यह भी जा रहा है कि डायरेक्ट पूर्व डीएमसी कोरबा संजय सिंह की भूमिका को प्राथमिकता देते हुए फंड जारी किए गए। इसमें जिला शिक्षा अधिकारी को भी दरकिनार कर दिया। यही वजह है कि अब ननकी राम कंवर कि उक्त चिट्ठी की इतनी चर्चा हो रही है।