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यूपी के पहले आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण करेंगी राष्ट्रपति, सीएम योगी का है ड्रीम प्रोजेक्ट

उत्तर प्रदेश/लखनऊ :-  उत्तर प्रदेश को जल्द ही अपना पहला आयुष विश्वविद्यालय मिलने जा रहा है। गोरखपुर जिले के भटहट क्षेत्र के पिपरी गांव में बना महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय 30 जून को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा लोकार्पित किया जाएगा। इस विश्वविद्यालय की नींव 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा रखी गई थी। अब इसका उद्घाटन वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों होना संभावित है।                     
गोरखपुर में यह चौथा विश्वविद्यालय होगा और पहला ऐसा संस्थान, जिसकी आधारशिला और लोकार्पण दोनों राष्ट्रपति स्तर पर हुआ है। राष्ट्रपति मुर्मु महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम का लोकार्पण और स्टेडियम का शिलान्यास भी करेंगी। इसके साथ ही वह एम्स गोरखपुर में पहले एमबीबीएस बैच के दीक्षांत समारोह में भी शामिल हो सकती हैं।

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267.50 करोड़ की लागत से बना विश्वविद्यालय

52 एकड़ भूमि में फैले इस विश्वविद्यालय का निर्माण 267.50 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक है। अब तक निर्माण कार्य 95 प्रतिशत से अधिक पूर्ण हो चुका है। शेष कार्यों को अगले दस दिनों में पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।

आयुष चिकित्सा पद्धतियों का समेकित केंद्र

यह विश्वविद्यालय आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, सिद्धा, योग और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों का एक समेकित केंद्र होगा। अब प्रदेश के सभी राजकीय और निजी आयुष कॉलेज इसी विश्वविद्यालय से संबद्ध होंगे। वर्तमान सत्र में लगभग 100 आयुष शिक्षण संस्थान इससे जुड़ चुके हैं।

आयुष ओपीडी से लाखों को मिला लाभ

15 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू की गई आयुष ओपीडी में अब तक एक लाख से अधिक मरीजों ने परामर्श लिया है। प्रतिदिन लगभग 300 मरीज ओपीडी में आते हैं। शीघ्र ही यहां आयुष अस्पताल की शुरुआत भी की जाएगी, जिससे समग्र आयुष चिकित्सा की बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।

रोजगार और ग्रामीण विकास की संभावनाएं

आयुष विश्वविद्यालय के पूरी तरह संचालन में आने से न केवल स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत होंगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार और औषधीय खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। जड़ी-बूटियों का संग्रह और औषधीय फसलों की खेती से किसानों की आमदनी में वृद्धि की संभावना है। सीएम योगी स्वयं कई बार विश्वविद्यालय के निर्माण का निरीक्षण कर चुके हैं। यह विश्वविद्यालय न केवल आयुष शिक्षा का केंद्र बनेगा, बल्कि गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों के विकास में भी मील का पत्थर साबित होगा।

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