कोरबा के 65 वर्षीय मोहम्मद शाहिद ने मात्र 15 दिन में किडनी की बीमारी को दी मात, कई अस्पतालों से निराश होने के बाद कोरबा के इस शख्स ने आयुर्वेद का सहारा लिया और जिसके कारण मात्र 15 दिन में किडनी की बीमारी को मात दे दी
किडनी रोगियों के लिए उम्मीद की किरण, मोहम्मद शाहिद की सच्ची कहानी 15 दिन में किडनी रोग से मुक्ति
छत्तीसगढ़/कोरबा :- चिकित्सा प्रणालियों से निराश हो चुके लोगों के लिए आयुर्वेद एक नई उम्मीद बनकर उभरा है। कोरबा में एक बार फिर आयुर्वेद के चमत्कार ने सबको चौंका दिया है, जहाँ किडनी की गंभीर समस्या से जूझ रहे एक 65 वर्षीय बुजुर्ग मोहम्मद शाहिद ने मात्र 15 दिनों के आयुर्वेदिक उपचार से पूर्ण स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया है।
मोहम्मद शाहिद ने बताया की बीते लंबे समय से किडनी संबंधी समस्याओं से परेशान थे। उनका क्रिएटिनिन लेवल बढ़ा हुआ था, जिसके कारण उन्हें अत्यधिक कमजोरी, हाथ-पैरों में सूजन और पेशाब संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. इस गंभीर बीमारी के इलाज के लिए उन्होंने कई बड़े अस्पतालों के चक्कर लगाए, लेकिन कहीं भी उन्हें संतोषजनक परिणाम नहीं मिल पा रहा था और उनकी हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही थी।
निराशा के भँवर में फँसे मोहम्मद शाहिद को उनके एक मित्र ने आयुर्वेद अपनाने की सलाह दी। इस सलाह पर अमल करते हुए वे कोरबा के प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक नाड़ीवैद्य डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा के पास पहुंचे। नाड़ीवैद्य डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा ने बताया कि जब मोहम्मद शाहिद उनके पास आए, तो उनकी स्थिति सही नहीं थी। डॉ.नागेंद्र शर्मा ने अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए मोहम्मद शाहिद का प्रकृति परीक्षण किया। उन्होंने बताया। ”हमने पाया कि मरीज की किडनी की कार्यप्रणाली बुरी तरह प्रभावित थी और क्रिएटिनिन का स्तर असामान्य रूप से बढ़ा हुआ था। इसी कारण उन्हें कमजोरी, सूजन और पेशाब में दिक्कत जैसी समस्याएं हो रही थीं। आयुर्वेद के सिद्धांतों के अनुसार, नाड़ीवैद्य डॉ.नागेंद्र शर्मा ने मोहम्मद शाहिद को किडनी को साफ करने और उसे सामान्य रूप से कार्य करने में मदद करने के लिए कुछ विशेष आयुर्वेदिक औषधियाँ दीं। इसके साथ ही, उन्हें कुछ विशिष्ट योगाभ्यास सुझाए गए और कड़े परहेज का पालन करने को कहा गया। डॉ.नागेंद्र शर्मा द्वारा निर्देशित औषधियों का नियमित सेवन, सुबह का योग अभ्यास और बताए गए परहेज का ईमानदारी से पालन करने का नतीजा यह रहा कि मोहम्मद शाहिद को मात्र 15 दिनों के भीतर ही अपनी सेहत में अप्रत्याशित सुधार महसूस होने लगा.उनकी कमजोरी दूर हुई, हाथ-पैरों की सूजन कम हो गई और पेशाब संबंधी दिक्कतें भी लगभग समाप्त हो गईं और क्रिएटिनिन भी नॉर्मल आ गया। इस अवसर पर नाड़ीवैद्य डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा ने कहा की लोगों में यह भ्रांति है की आयुर्वेद दवा देर से काम करती है यह चिकित्सा परिणाम यह भ्रम दूर करता है की आयुर्वेदिक दवा देर से काम करती है, आयुर्वेदिक दवा देर से नहीं अपितु तत्काल काम करती है साथ ही जड़ से रोग को दूर करती है ।
अतः सभी लोगों को अपनी चिकित्सा हेतु पहली प्राथमिकता आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को देनी चाहिये जो शाश्वत, विशुद्ध एवं निरापद है।