पहले चुनिंदा और यादगार लम्हे

भाजपा की बड़ी जीत के साथ मंत्री लखन की वापसी, बड़ी हार लेकर कांग्रेस विदा

साल 2023 में सबसे बड़ा फ्लैश बैक कांग्रेस की विदाई का है, जिसने न केवल कोरबा विधानसभा में पहली बार और सबसे बड़ी हार का सामना किया, भाजपा की बड़ी जीत के साथ लखनलाल देवांगन के साथ शहर को मंत्री से भी नवाजा। इस तरह 2023 में भाजपा की आमद के साथ कांग्रेस की विदाई हो गई।

पैसे बांटते बरसों बाद फिर कैमरे में कैद हुए उईके

चुनावी साल में सियासी उठापटक तो बनता है, लिहाजा कुछ राजनीतिक कांड भी हुए, जिसमें कई बरस पुरानी यादें एक बार फिर ताजा हो गई। पाली तानाखार के पूर्व विधायक रामदयाल यूके ने विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा की टिकट पर चुनाव लडा था। इसे एक बड़ा आश्चर्यजनक संयोग माना जा सकता है कि वर्षों बाद चुनाव के दौरान एक घटने दूसरी बार श्री उईके के साथ पेश आई। कई साल पहले उन्हें इसी विधानसभा क्षेत्र में चुनाव के दौरान ही पैसे बांटते कैमरे में कैद किया गया था। ताजा चुनाव में भी उन्हें प्रशासन की टीम ने गाड़ी में उन्हें भारी मात्रा में रुपए के साथ पकड़ा। यह दूसरी बार हुआ।

मेडिकल कॉलेज के लिए शुरू हुआ भवन-कैंपस का निर्माण

जून 2023 में जिले के स्व बिसाहूदास महंत स्मृति मेडिकल कॉलेज के नए भवन का भूमिपूजन किया गया। यह भवन 124 एकड़ में 325 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हो रहा है।बीते दो दशकों से भी अधिक समय से कोरबा में भी चिकित्सा महाविद्यालय की मांग की जाती रही है। कोरबा के उद्योग में उत्पादित बिजली से देश प्रदेश लाभांवित होता है और उद्योगों के प्रदूषण से कोरबावासी हलकान हो रहे। कोरबा की कमाई पर शासन का खजाना भरता रहा पर कॉलेज कभी कोरिया तो कभी राजनांदगांव शिफ्ट होता रहा। केंद्र सरकार ने मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किया, जिसमें एक कोरबा की जमीं पर आई और साल 2023 में मेडिकल स्टूडेंट के लिए उनके अपने भवन और कॉलेज कैंपस के साथ स्टाफ कॉलोनी का निर्माण शुरू कर दिया गया है।

डबल इंजन की सरकार में रेलवे की ट्रिपल लेयर सौगात

साल 2023 ने जाते जाते एक बड़ी राहत दी है, जो खासकर रेल यात्रियों की सुविधा की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। डबल इंजन की सरकार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुआई में कोरबा के यात्रियों की बहुप्रतीक्षित दो बड़ी मांगे पूरी हुई। रेल प्रशासन ने कोरबा से रायगढ़ के बीच सीधी ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है, जिसकी मांग लंबे समय से उठाई जाती रही है। इसी तरह छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस भी आखिरकार साढ़े तीन दशक बाद कोरबा की पटरी पर आ ही गई। रेल प्रशासन ने अमृतसर से आकर बिलासपुर में समाप्त हो जाने वाली छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस को भी कोरबा तक विस्तार करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा हसदेव एक्सप्रेस में भी अतिरिक्त कोच लगाने की घोषणा की गई है।

इंडियन आयल का एलपीजी बाटलिंग प्लांट राष्ट्र को समर्पित

जुलाई 2023 को जिले के गोपालपुर में 136 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित इंडियन आयल के एलपीजी बाटलिंग प्लांट का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रायपुर में आयोजित एक समारोह में वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करने के साथ राष्ट्र को समर्पित किया गया। इस अवसर पर इंडियन आयल के गोपालपुर संयंत्र में एक बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाकर कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया था। इस प्लांट का आरंभ होना, कोरबा जिले के लिए बड़ी उपलब्धि रही। इससे आसपास के प्रदेशों के साथ साथ कोरबा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रसोई गैस की आपूर्ति बेहतर होगी। गोपालपुर बाटलिंग प्लांट से सप्लाई शुरू होने पर सड़क मार्ग से होने वाला परिवहन खर्च घटेगा, एजेंसियों में गैस की किल्लत भी नहीं होगी।

1320 मेवा सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर स्टेशन का शिलान्यास

वर्ष 2023 में ही जिले में 1320 मेगावाट के सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर स्टेशन का शिलान्यास किया गया। यहां 660 मेगावाट की 2 इकाइयां स्थापित होंगी, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 12 हजार 915 करोड़ रूपए है। यह सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर स्टेशन प्रदेश का सबसे बड़ा और आधुनिक संयंत्र होगा। वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी की कुल उत्पादन क्षमता 2978 मेगावाट है। यह छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी का सबसे बड़ा और सबसे आधुनिक संयंत्र होगा। इसकी स्थापना से छत्तीसगढ़ स्टेट जनरेशन कंपनी के स्वयं की विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़कर 4300 मेगावाट हो जाएगी। राज्य स्थापना के बाद पहली बार इतनी क्षमता का विद्युत संयंत्र स्थापित किया जाएगा।

सीमावर्ती ग्राम उमरेली में नया डिग्री, शहर में अंग्रेजी कॉलेज

ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के बेहतर इंतजाम का इंतजार कर रहे युवाओं के लिए एक नया महाविद्यालय शुरू हुआ। कोरबा जिले की सीमा पर स्थित ग्राम चिर्रा की गई घोषणा पर अमल करते हुए सितंबर में ग्राम उमरेली में नवीन शासकीय महाविद्यालय शुभारंभ किया गया। मुख्य अतिथि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने नवीन महाविद्यालय का उद्घाटन किया था। इसी तरह इंग्लिश मीडियम के विद्यार्थियों के लिए अंग्रेजी माध्यम में उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए कोरबा में स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय की सौगात मिली। यहां कला, वाणिज्य, विज्ञान एवं कम्प्यूटर विज्ञान विषय की पढ़ाई हो रही है।

पतरापाली- बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग का हुआ लोकार्पण

राष्ट्रीय राजमार्ग अथारिटी के बिलासपुर-कोरबा-पतरापाली तक 53 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क का भी इसी साल जुलाई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल लोकार्पण किया। सड़क निर्माण में लगभग 1261 करोड़ की लागत आई। जिले की यह पहली फोरलेन है। पहले जहां कटघोरा से बिलासपुर तक पीडब्ल्यूडी की सड़क थी, तब राहगीर यह दूरी दो घंटे में तय करते थे। एनएच का फोरलेन बनने के बाद एक घंटे में ही वाहन कटघोरा से बिलासपुर पहुंच रहे हैं।

अब कुछ खट्टी, कुछ कड़वी यादें

ईडी की की ताबड़तोड़ कार्रवाई, पूर्व कलेक्टर जेल रेफर, निगमायुक्त उड़न छू

ईडी की छापामार कार्रवाई ने कांग्रेस सरकार में खूब सुर्खियां बटोरी। फरवरी में ईडी और केंद्रीय खनिज उड़न दस्ता की टीम एक ही दिन कोरबा पहुंची। ऐसा बहुत कम होता है जब केंद्र सरकार की दो एजेंसियां किसी एक जिले में एक साथ जांच पड़ताल करें। खनिज की टीम ने खनिज विभाग और इससे जुड़े मामलों में छानबीन की। वहीं ईडी की टीम ने भी कोयला घोटाले से जुड़ी जांच पड़ताल की। 2 दिनों तक खनिज विभाग के दफ्तर में दस्तावेजों को खंगाला गया। कोरबा जिले में ही देश की दो सबसे बड़ी कोयला खदान हैं। यहीं से लेवी वसूली की शुरुआत हुई थी, जिसने देश भर में सुर्खियां बटोरी। इसी घोटाले में गड़बड़ी के आरोप में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की निज सचिव सौम्या चौरसिया और कोरबा की पूर्व कलेक्टर रानू साहू भी फिलहाल जेल में बंद हैं। उन पर भी लेवी वसूली के लिए पूरे सिस्टम को संचालित करने का आरोप है। इसी कोयला घोटाले में सूर्यकांत तिवारी से लेकर कई आईपीएस अधिकारियों के नाम भी जुड़े, इन सभी की शुरुआत कोरबा जिले से ही हुई थी। इसके बाद जुलाई में कोरबा के नगर निगम आयुक्त रहे प्रभाकर पाण्डेय के बंगले में भुबईडी का छापा पड़ा और उसके बाद से निगम आयुक्त अचानक शहर से लापता हो गए।

मुस्कान लिए गायब हुई सलमा जब मिली तो कंकाल बन गई थी

जिले की न्यूज़ एंकर सलमा सुल्ताना अचानक 5 साल पहले लापता हो गई थी। किसी को नहीं पता था, वह कहां चली गई। दोबारा तहकीकात शुरू हुई और धूल खाती फाइल पर से परत दर परत राज खुलने लगे। पता चला कि उसका कत्ल हुआ और उसकी लाश यहीं कहीं दफन है।अगस्त माह में दर्री मार्ग पर पुलिस ने खुदाई के लिए सैटेलाइट इमेज, स्क्रीनिंग मशीन, थर्मल इमेजिंग और ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार मशीन का भी सहारा लिया। क्योंकि, इस जगह पर वर्तमान में नेशनल हाईवे बन चुका है। सलमा, 21 अक्टूबर, 2018 को रोज की तरह घर से काम के लिए निकली, लेकिन वापस घर नहीं लौटीं। आखिरकार जब वह मिली, तो बोरी में बंधी एक कंकाल के रूप में। पुलिस ने सलमा के बॉयफ्रेंड समेत 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया।

चोरी हुआ और 48 घंटे में वापस मां की गोद में लौटा 4 माह का मासूम

इसी साल अगस्त में ही मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती एक महिला के चार माह के मासूम बच्चे को एक महिला ने चोरी कर लिया था। बच्चे को अस्पताल से लेकर वह फरार हो गई थी। जब इस बच्चे के अपहरण की सूचना मिली तो अस्पताल प्रबंधन व सिविल लाइन पुलिस की टीम हरकत में आई थी। सीसीटीवी की मदद से आरोपी की खोज भी की जा रही थी। दो दिनों तक पुलिस के आला अधिकारियों के निर्देश पर मासूम बच्चे का अपहरण करने वाले महिला की सरगर्मी से खोजबीन की गई और अपहरण करने वाली महिला को हिरासत में ले लिया है। मासूम बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया है।

सरेआम चाकू बाजी, 3 वारदात, दो की मौत, दोस्त बने हत्यारे

इस साल युवकों के बीच मामूली विवाद के तीन वारदात पहले चाकू बाजी और फिर दो मामले कत्ल में बदल गए। पहले गणेश विसर्जन के दौरान दो ग्रुप में विवाद हुआ। ढोडी पारा में राह चलते एक ने दूसरे पर झाड़ी फेंक दी तो बदले में चाकुओं से गोद कर मार डाला। इसके कुछ ही दिन बाद इसी क्षेत्र से लगे भैंस खटाल इलाके में फिर एक घटना हुई। मामूली सी बात पर दो दोस्तों ने मिलकर अपने ही एक दोस्त को चाकू मार दिया। मृतक दवा दुकान से वापस आ रहा था, तभी उसके दो दोस्त उसे घूमने के बहाने नहर के पास ले गए और इस वारदात को अंजाम दिया। इसी तरह तीसरी घटना रुमगरा हवाई पट्टी के पास की थी। पैदल जा रहे युवक पर कुछ लड़के गाली गलौज कर पीटने लगे। काफी देर तक मारपीट के बाद उस पर चाकू से हमला कर दिया। युवक पर हमला होता देख आस-पास के लोग मौके पर पहुंच गए। जिन्हें देख आरोपी भाग निकले और युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उस पर 20 से 25 वार किए गए थे।

एसईसीएल भू विस्थापितों को नहीं मिलने आए