HomeBreaking Newsरेडी टू ईट संचालन में अरुचि पड़ी भारी, चयनित महिला समूह का...

रेडी टू ईट संचालन में अरुचि पड़ी भारी, चयनित महिला समूह का अनुबंध निरस्त

नेता प्रतिपक्ष के मानसून सत्र में उठे सवालों के बाद प्रशासन एक्शन मोड में, शीतकालीन सत्र से पहले पात्र समूह को मिला न्याय

छत्तीसगढ़/कोरबा :- सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना के तहत रेडी टू ईट एवं फोर्टिफाइड आटा निर्माण-आपूर्ति के लिए चयनित महिला स्व सहायता समूहों के संचालन में रुचि नहीं लेने के मामले में शासन-प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। आकांक्षी जिला कोरबा में इसकी शुरुआत चोटिया परियोजना से कर दी गई है। चयनित आदर्श महिला स्व सहायता समूह, खिरटी (विकासखंड पोड़ीउपरोड़ा) द्वारा कार्य प्रारंभ नहीं किए जाने और कार्य के प्रति अरुचि पाए जाने पर जिला पंचायत कोरबा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा समूह का अनुबंध निरस्त कर दिया गया है। इसके स्थान पर अंतिम प्रतीक्षा सूची में शामिल स्मृति महिला स्व सहायता समूह, बुढ़ीपीपर टिहली सरई (पोस्ट मोरगा) को संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

- Advertisement -
विधानसभा में उठे सवालों से जुड़कर देखी जा रही कार्रवाई

इस प्रशासनिक कार्रवाई को विधानसभा नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत द्वारा मानसून सत्र में 8 जुलाई को रेडी टू ईट समूह चयन में कथित भ्रष्टाचार और अनियमितता को लेकर लगाए गए आरोपों के परिप्रेक्ष्य में देखा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार शीतकालीन सत्र में संभावित हंगामे से पहले यह निर्णय लिया गया, जिससे पात्र समूह को न्याय मिल सके।

पायलट प्रोजेक्ट के तहत कोरबा समेत 6 जिलों में चयन

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 24 मार्च 2025 को जारी निर्देश के तहत रेडी टू ईट एवं फोर्टिफाइड आटा निर्माण के लिए महिला स्व सहायता समूहों का चयन किया गया था। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के कोरबा, रायगढ़, बलौदाबाजार-भाटापारा, बस्तर, दंतेवाड़ा और सूरजपुर जिलों को शामिल किया गया। कोरबा जिले में जिला स्तरीय चयन समिति की अनुशंसा पर 28 मई 2025 को चयन आदेश जारी किया गया था, लेकिन छह माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद कई परियोजनाओं में उत्पादन शुरू नहीं हो सका।

छह माह बाद भी उत्पादन शुरू नहीं, उठ रहे सवाल

चयन आदेश जारी हुए करीब 6 माह बीत चुके हैं, लेकिन आज तक अधिकांश समूह उत्पादन में नहीं आ पाए हैं। चार परियोजनाओं के रेडी टू ईट नमूने केंद्रीय खाद्य प्रयोगशाला, ठाणे (महाराष्ट्र) भेजे गए हैं, जिनमें से दो की रिपोर्ट संतोषजनक प्राप्त हुई है, जबकि दो की रिपोर्ट अभी लंबित है। अन्य परियोजनाओं के नमूने अब तक नहीं भेजे जा सके हैं।

प्राविधिक सूची में नाम, अंतिम सूची से हटाया गया था समूह

स्मृति महिला स्व सहायता समूह बुढ़ीपीपर का नाम प्रारंभिक प्राविधिक सूची में शामिल था, लेकिन अंतिम सूची में नियमों से इतर अंक देकर बाहर कर दिया गया था। आरोप है कि चयन समिति ने पात्र समूह की अनदेखी कर आदर्श महिला स्व सहायता समूह खिरटी को चयनित किया, जबकि उस समूह के नाम से पहले से ही दो परियोजनाओं में कार्य लिए जाने की शिकायत थी, जो नियमों के विपरीत है।

अन्य परियोजनाओं के समूहों में भी जगी न्याय की उम्मीद

चोटिया परियोजना में हुए इस निर्णय के बाद कटघोरा, हरदीबाजार, पसान और कोरबा ग्रामीण परियोजनाओं के उन महिला समूहों में भी न्याय की उम्मीद जगी है, जिन्होंने चयन प्रक्रिया में अनियमितता को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय और संभागायुक्त बिलासपुर के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है। महिला समूहों का कहना है कि यदि चोटिया परियोजना में पात्र समूह को न्याय मिल सकता है, तो अन्य परियोजनाओं में भी जल्द ही गलत तरीके से किए गए चयन पर कार्रवाई संभव है।

Must Read