छत्तीसगढ़/कोरबा :- NHAI टोल प्लाज़ा में कथित भ्रष्टाचार व धोखाधड़ी के विरोध में भूतपूर्व कारगिल योद्धा प्रेमचन्द पांडेय आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। दर्री निवासी पांडेय ने SECL रोड स्थित महाराणा प्रताप नगर विस्तार क्षेत्र में प्रेसवार्ता कर गंभीर आरोपों के साथ अपनी पीड़ा व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के भ्रष्टाचार के खिलाफ आह्वान से प्रेरित होकर कई बार अनशन किया, लेकिन शिकायतों पर न तो जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से कोई ठोस कार्रवाई की गई और न ही किसी पत्र का जवाब दिया गया। उल्टा, शिकायत करने पर अधिकारियों द्वारा धमकाए जाने के आरोप भी उन्होंने लगाए।
पूर्व सैनिकों से छीन लिया गया टोल संचालन का अधिकार
पांडेय के अनुसार, पहले डीजीआर (DGR) द्वारा टोल प्लाजा का संचालन पूर्व सैनिकों को दिया जाता था, जिससे उन्हें सम्मानजनक रोजगार मिलता था। लेकिन अब इस व्यवस्था को समाप्त कर ठेकेदारी प्रणाली लागू कर दी गई है। इसी कारण, वे कथित तौर पर ठेकेदारों की धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदार विनोद कुमार जैन द्वारा उन्हें टोल संचालन में साझेदारी व सबलेट के नाम पर करोड़ों रुपये की अवैध वसूली की गई। 30 करोड़ रुपये के लाभ की बात कहकर वादा तो किया गया, लेकिन बाद में पैसा न देकर उल्टे बड़े अधिकारियों का नाम लेकर फंसाने की धमकी दी गई।
NHAI अधिकारियों पर गंभीर आरोप
पांडेय ने दावा किया कि टोल प्लाज़ा में मेनपावर प्रबंधन में NHAI अधिकारियों की मिलीभगत से भारी अनियमितताएँ की जा रही हैं, जिसके प्रमाण सीसीटीवी फुटेज से मिल सकते हैं। उन्होंने पूर्व में कलेक्टर से NHAI कार्यालय के सामने आमरण अनशन करने की अनुमति भी मांगी थी, जिससे देश को पता चल सके कि कारगिल योद्धा के साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा है।
NHAI का पक्ष — “पार्टनरशिप विवाद निजी मामला, अवैध वसूली पर होगी कार्रवाई”
NHAI अधिकारियों ने कहा कि टोल संचालन से जुड़ा साझेदारी विवाद उनका विषय नहीं है बल्कि निजी मामला है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि टोल प्लाज़ा में अवैध वसूली या किसी तरह की अनियमितता की शिकायत मिलती है, तो नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल कारगिल योद्धा का अनशन जारी है और उन्होंने चेतावनी दी है कि जांच शुरू होने तक वे आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे।
















