छत्तीसगढ़/कोरबा :- छत्तीसगढ़ के कुसमुंडा क्षेत्र में SECL के अधीन जेके कंपनी के ड्राइवरों और मजदूरों ने आज कठिन परिस्थितियों में भी अपनी मांगों के लिए डटकर मुकाबला किया। सुबह से शुरू हुए आंदोलन के दौरान भारी बारिश हुई, लेकिन ड्राइवरों और मजदूरों का हौसला नहीं डगमगाया। उन्होंने लगभग 6-7 घंटे तक मुख्य महाप्रबंधक (GM) के गेट को बंद रखकर अपनी मांगों को बुलंद किया। SECL और जेके कंपनी के अधिकारियों के साथ वार्ता में चार मांगों पर सहमति बनी, जिसके बाद आंदोलन अस्थायी रूप से स्थगित किया गया। हालांकि, ड्राइवरों और मजदूरों की अन्य महत्वपूर्ण मांगें अभी भी अनसुलझी हैं, जिससे भविष्य में और संघर्ष की संभावना बनी हुई है।
बारिश मैं भींगते हुए बावजूद ड्राइवरों और मजदूरों ने एकजुटता दिखाई और अपने हक की लड़ाई को जारी रखा। इस आंदोलन में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना गैर राजनीतिक संगठन के प्रदेश संगठन मंत्री उमागोपाल ने भी पूर्ण समर्थन देते हुए मौके पर पहुंचकर हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा, बारिश हो या तूफान, ड्राइवर और मजदूर भाइयों का संघर्ष रुकेगा नहीं। हम छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना उनकी हर मांग के लिए अंत तक लड़ेंगे। उनके इस समर्थन ने आंदोलन को और मजबूती दी।
ड्राइवरों और मजदूरों की मांगों में पीएफ का पैसा अगस्त की पेमेंट अन्य मांग शामिल हैं। चार मांगों पर सहमति के बाद भी शेष मुद्दों पर प्रबंधन का ठोस आश्वासन न मिलने से श्रमिकों में असंतोष बना हुआ है। इस ऐतिहासिक आंदोलन ने कुसमुंडा क्षेत्र में श्रमिक एकता की मिसाल कायम की है। यदि शेष मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो यह संघर्ष और व्यापक रूप ले सकता है।