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जयसिंह राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को साधने में सफल, रज्जाक का राजनीतिक दांव सही निशाने पर लगा, रज्जाक ने जयसिंह के समर्थन में लिया नाम वापस, बढ़ा राजनीतिक पारा

छत्तीसगढ़/कोरबा :- कहते हैं कि राजनीति में ना तो कोई स्थाई दोस्त होता है और ना ही कोई स्थाई दुश्मन राजनीति किस करवट बैठेगी यह कोई नहीं बता सकता है राजनीतिक लाभ लेने जिसको जहां और जैसे भी मौका मिलता है वह भुनाने से नहीं चूकता है

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निर्दलीय प्रत्याशी रज्जाक अली ने नाम वापसी के अंतिम दिन अपना नाम वापस लेते हुए कोरबा विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी जयसिंह अग्रवाल को अपना समर्थन दिया है रज्जाक अली को हाल ही में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने अपना प्रत्याशी घोषित किया था लेकिन ऐन वक्त पर पार्टी ने रज्जाक को बी फार्म नहीं दिया इसके बाद वह पार्टी से भारी नाराज हुए और उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की वही मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने किसी के द्वारा अपना टिकट कटवा देने की बात कही थी लेकिन उन्होंने सारे शिकवे गिले भूल कर कांग्रेस की विचारधारा और जयसिंह अग्रवाल के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की है रज्जाक मीडिया से चर्चा के दौरान कहा मेरी विचारधारा बचपन से ही कांग्रेस की रही है हम कांग्रेसी जब आपस में लड़ेंगे तो फायदा बीजेपी को ही होगा मेरे निर्दल चुनाव लड़ने से कांग्रेस के प्रत्याशी को ही नुकसान हो रहा था उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी जयसिंह अग्रवाल की तारीफ करते हुए कहा कि वह एक ऐसे नेता हैं जो जन-जन के हितैसी है उनकी अगुवाई में कोरबा का तेजी से विकास हुआ है प्रदेश सरकार की योजनाओं से भी जनता का भला हुआ है, इसलिए मेरे द्वारा नाम वापस लेते हुए जयसिंह का समर्थन किया गया है वही दो अन्य निर्दलीय प्रत्याशियों ने नाम वापस लेते हुए जयसिंह को समर्थन दिया है, वहीं कोरबा विधानसभा के बीजेपी चुनाव प्रभारी अशोक चावलानी के भाई अनिल चावलानी भी कांग्रेस की रीति नीति से प्रभावित होकर कांग्रेस पार्टी में प्रवेश किया जयसिंह अग्रवाल ने गमछा पहनकर पार्टी में प्रवेश करवाया ।

रज्जाक द्वारा जयसिंह को समर्थन देने के बाद राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है, गली मोहल्ले में राजनीतिक चर्चाओं का दौरा जोरों पर है कई लोग इसे जयसिंह की सफल रणनीतिकार का हिस्सा मानते हैं तो कई लोग अब पहले के समीकरण और अब बनते समीकरण में अंतर महसूस कर रहे हैं, फिलहाल इस विधानसभा में कांग्रेस और बीजेपी का मुख्य मुकाबला माना जा रहा है लेकिन कुछ प्रादेशिक और राष्ट्रीय पार्टियों के प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में है जिससे समीकरण इतना आसान भी नहीं माना जा रहा अब मतदाताओं और कार्यकर्ताओं के समीकरण को बैठने में प्रत्याशियों को जरूरत है, इसके बाद स्थिति क्या होती है यह तो वोटिंग और मतगणना के बाद ही पता चलेगा । वही आज के बाद चुनाव प्रचार में तेजी भी आएगी जहां विभिन्न पार्टियों के प्रत्याशी जनता जनार्दन के घर-घर दस्तक देंगे और अपने पक्ष में वोट देने की अपील करेंगे ।

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