सुपर मॉडल की तरह जलवे दिखाती है जादू शो की परियां
छत्तीसगढ़/कोरबा :- शहर के बुधवारी बाजार के समीप जैन मंदिर परिसर भवन मे 27 फरवरी से चल रहे मैजिक स्टार सिकंदर का शानदार लाईव मैजिक शो चल रहा है जहां बहुत सारे जनसंदेशो के साथ साथ कर्णप्रिय म्यूजिक, आधुनिकतम लाईट्स अैार फैशन शो का मोहक नजारा भी लोगो को खूब मोहित कर रहा है। तेजी से बदलती दुनिया मे तिलिस्मी जादू और हिप्नोटिज्म(सम्मोहन) का भी रंग रूप बदल गया है और अब इसमे फैशन भी प्रखुखता से शामिल हो गया है, तो इसके कुछ कारण भी है। यह जमाने के बदलाव के साथ शो मे हो रहे परिवर्तन का प्रतीक है। भारतीय जादूगरी के युवा सुपरस्टार जादूगर सिकंदर अगर मंच पर 50 हजार रुपए मूल्य के ड्रेस पहनकर उतरते हैं, तो उनके सहयोगी कलाकारों की ग्लेैमर्स पोशाके भी कम कीमती नहीं है। हाईटैक दुनियां में दर्शकों को खींचने के साथ-साथ पूरे कार्यक्रम में जोड़े रखने के लिए ग्लैमर का बखूबी प्रयोग भी कला की बारीकियों में शामिल हो गया है। यही कारण है कि मिस्र का जिक्र आते ही जादूगर साफे और मोतियों की माला वाले पोशाक में होते हैं, तो चीन और जापान से जुड़े दृश्यों के लिए वहां के परिधान में। मुगल काल के ड्रेस भी कम भड़कीले नहंी हैं, इसे अैार मोहक बनाने के लिए डांस और म्यूजिक को भी वेहद खूबसूरती के साथ शामिल किया गया है। जादू के मंच पर जलवे विखेडने वाली परियों के ड्रेस और उनकी अदाएं किसी सुपर मॉडल से कतई कम नही कहा जा सकता और लोगो को आर्कषित करने में इनकी भूमिका भी महत्वपूर्ण है। जादुई करतबों के दौरान जब ये मार्डन परियां जादूगर की मौजूदगी में अपने जलवे बिखेरती है और मुस्कुराहटो के वाण चलाती है तो हॉल में बिजली सी कौध जाती जादूगर सिकंदर के दो घंटों के शो में 100 से अधिक पोशाकों का प्रयोग होता है। अकेले जादूगर सिकंदर ही दो दर्जन पोशाकें बदलते हैं। शो में जादूगर की ड्रेस डिजाइनिंग पर नजर डालते है तो नवाबों की झलक मिलती है। बेशकीमती कपड़े शनील, साटन से तैयार होते हैं। इन पर जब खूबसूरत किनारी गोटा व जरी के साथ टंके मोती, कुंदन व नगो का प्रयेाग होता है तो आधुनिक फैशन डिजाइनरों को भी मात दे जाते हैं। बाजार में कीमत आंकी जाए तो एक-एक ड्रेस 50से 60 हजार रुपए से कम में नहीं बनेगी और सच भी है कि जो कपोलकल्पित वेशभूषा हम कथा-कहानियों में पढ़ते-सुनते आते रहे हैं उनको सामने देखने को मिलता हैं। जादू के इस कमाल में इन कपड़ों की करामात भी कम नहीं होती हैं, क्योंकि जब जादू सामने होता है तो लोग ज्यादातर समय तक उसी में उलझे रह जाते हैं। राजा-महाराजा, शेख-फकीर, जादूगर आदि के ड्रेस जिस पर आज का फैशन फेल हो गया है। इसे देख लोग एक बारगी अपने पुरातन विरसों को याद कर उठते हैं। खास बात यह है कि यह ड्रेस अब कहीं मार्किट में नहीं बनाए जाते हैं और न ही इनका डिजाइनिंग संभव है। इसके बावजूद जादूगर सिकंदर इनको आज भी जीवित रखे हुए हैं, जादू की कला के साथ ही। यही नहीं बल्कि इसमें वक्त के बदलाव तथा लोगों की पसंद के मुताबिक बारीकी से थीम के आधार पर समय-सयम पर परिवर्तन भी होते रहते हैं।जादू शो मे काम करने वाली हसीनाओं के ड्रेस यूं तो मार्डन युग के हिसाब से डिजायन कराए गए है और वेहद आकर्षक भी है । ये सारे ड्रेसो की डिजायनिंग जादूगर खुद करते है और उनका टेलरिंग विभाग उसे मूर्त रूप देता है।
इन्द्रजाल शो की खास बात यह है कि शो के दौरान हरेक आइटम के साथ उसी से संबंधित ड्रेस धारण की जाती है। अगर इल्यूजन ऑफ अमरीका का आइटम है तो जादूगर पठान की सफेद ड्रेस धारण करते हैं। ममी मिस्ट्री आइटम के वक्त हरे रंग का ड्रेस। इसी तरह से जब योग माया की बारी हो तो भगवा ड्रेस में मंच पर नजर आते हैं। जादूगर सिकंदर के मुताबिक इस दौरान इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि कहीं धर्म, संप्रदाय व संस्कृति की मर्यादा खंडित न हो। इस तरह से फैशन के ग्लैमर से भरपूर विश्व विख्यात जादूगर सिकंदर का मायाजाल शहर को जमकर चकित और आनन्दित कर रहा है। प्रत्येक शो मे दूर दूर से आ रहे लोग और हॉल के अंदर तालियों की गडगड़ाहट भी अपने आप में एक जादू ही है। यहां पहली बार लोगो को एैसा भव्य इन्टरनेशनल लाईव शो देखने को मिल रहा है जिसमे भरपूर मनेारंजन है। जादूगर सिकंदर के प्रवक्ता मदन भारती और प्रबंधक रुद्र प्रताप सिंह के अनुसार अब स्कूलो ,क्लबो व ग्रूप बुकिंग के लिए विशेष पैकेज जारी कर दिया गया है और टिकटो की एडवांस बुकिंग सुबह 11 बजे से ही शुरु किया जा रहा है ताकि लोग भीड़ की परेशानी से बच सके। उन्होने बताया कि जल्द ही एक खतरनाक आउटडोर स्टंट एक्ट का प्रदर्शन किया जाएगा। है। जैन मंदिर परिसर में बना हॉल अब चमचमाता हुआ जादू महल का रुप ले चुका है और रोजाना दो मनमोहक शो दोपहर 3:30 बजे और शाम 6:30 बजे से दिखाए जा रहे हैं। रविवार को स्पेशल तीन शो 1 बजे,3;30 बजे और 6:30 बजे से शुरु होता है।