छत्तीसगढ़/कोरबा :- कोरबा जिले में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है जहां प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के भरोसे विगत कई महीनो से शिक्षा व्यवस्था की गाड़ी किसी तरह खींची जा रही है, वही जिले में कुछ विकास खंडो मे कांग्रेस के शासन काल से जमे कई वर्षों से विकासखंड शिक्षा अधिकारी शिक्षा व्यवस्था मे तेजी नहीं ला पा रहे हैं, ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है कही भवन की समस्या तो कहीं शिक्षकों की कमी आदि समस्याएं बनी हुई है जिले में जिला शिक्षा अधिकारी की नियुक्ति नहीं होने और लंबे समय से जमे विकासखंड शिक्षा अधिकारियों के कारण व शिक्षण संस्थानों में मॉनिटरिंग की कमी के चलते शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है, शिक्षकों के संलग्नी करण में पूर्ण रूप से प्रतिबंध है लेकिन जिले में व्यवस्था के तहत नाम पर संलग्नी करण किया गया है,
प्रदेश में सरकार बदली लेकिन कोरबा जिले में शिक्षा व्यवस्था को लेकर कोई बदलाव नहीं देखा जा रहा है लंबे समय से कोरबा जिले में जिला शिक्षा अधिकारी का पद खाली है प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के भरोसे जिले की शिक्षा व्यवस्था संपन्न कराई जा रही है वही विभिन्न विकास खण्डों में विकासखंड शिक्षा अधिकारी लंबे समय से या यूं कहे कांग्रेस के शासनकाल से जमे हुए हैं जिनके स्थानांतरण में शासन प्रशासन कोई रुचि नहीं दिखा रहा है जिसके कारण शैक्षणिक व्यवस्था की स्थिति कमजोर बनी हुई है वही लंबे समय से जमे शैक्षणिक जैसे महत्वपूर्ण पदों में जमे अधिकारियों के कारण भ्रष्टाचार के आरोप भी लगते रहे हैं, छत्तीसगढ़ मे बीजेपी की सरकार बने एक वर्ष से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन आज भी कांग्रेस के शासन काल से जमे अधिकारियों को यथावत रखा गया है, लोग दबी जुबान में कहने लगे हैं कि सरकार आखिर चला कौन रहा है, निर्णय लेने में इतना समय क्यों लग रहा है,
कोरबा जिले में इसी तरह विगत दो माह से जिला पंचायत सीईओ का पद खाली है जिसे नगर निगम आयुक्त प्रतिष्ठा मंगाई प्रभारी के रूप में देख रही थी लेकिन उनके ट्रांसफर होने के बाद जिला पंचायत सीईओ नगर पालिक निगम कोरबा आयुक्त का पद भी खाली हो गया है, वही तीन जनपद पंचायत में प्रभारी सीओ के भरोसे विकास की गति किसी तरह खींची जा रही है जिले में पौड़ी उपरोड़ा, करतला और कोरबा जनपद पंचायतों में स्थाई सीईओ नहीं है प्रभारी सीईओ के भरोसे विकास को गति दी जा रही है,
नियुक्ति नहीं होने के कारण विकास की गति धीमी हो गई है जबकि सामने नगरीय निकाय और ग्राम पंचायत के चुनाव है बावजूद इसके लंबे समय से जिला पंचायत सीईओ का पद खाली है जिसके कारण ग्राम पंचायत में विकास की गति ठड़ पड़ गई है ।