छत्तीसगढ़/कोरबा :- बालको नगर क्षेत्र स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज रुगमरा के सामने शासकीय बांसवाड़ी जो लगभग 10 एकड़ में फैली हुई है शासकीय जमीन में भू माफिया खुलेआम बेजा कब्जा कर रहे हैं जिसे रोकने कोई भी प्रशासनिक जिम्मेदार अधिकारी सामने नहीं आ रहे हैं,
नगर पालिक निगम कोरबा क्षेत्र अंतर्गत बालको नगर रुगमरा पॉलिटेक्निक कॉलेज के सामने नगर पालिक निगम कोरबा द्वारा वर्षों पहले लगभग 10 एकड़ शासकीय भूमि में बांसवाड़ी का निर्माण किया गया था जहां बांस के साथ-साथ आम के पेड़ लगाए गए थे लेकिन आज यह शासकीय बांसवाड़ी भू माफियाओं के निशाने पर आ गई है और भूमाफिया राजस्व विभाग की मिलीभगत कर राजस्व रिकॉर्ड में उलटफेर कर उस 10 एकड़ की बांसवाड़ी को उजाड़ कर अपना अधिकार जमाने की कोशिश कर रहे हैं इस जमीन पर ब्लैक स्मिथ कंपनी द्वारा प्लांट की निकली राख को डंप किया जा रहा है जहां भू माफिया बड़ी-बड़ी मशीनों के द्वारा जमीन को समतल कर अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रहे हैं जिसे कोई रोकने वाला नहीं दिख रहा है ।
जमीन से 20 फीट मिट्टी निकाल कर भरी जा रही राख
बता दें कि इस जमीन को कब्जे में लेने के लिए भूमाफिया द्वारा 20 फीट गड्ढा कर उसमें पावर प्लांट की निकली राख भरी जा रही है और गड्ढे से निकाली गई मिट्टी को राख के ऊपर डालकर जमीन को समतल किया जा रहा है, आखिर 20 फीट मिट्टी निकालने की परमिशन कैसे मिल सकती है…
सैकड़ों बांस को जड़ से उखाड़ कर फेंक दिया गया
बांसवाड़ी की जमीन हथियाने के चक्कर में भू माफिया नगर पालिक निगम कोरबा द्वारा लगाई गई बांसवाड़ी में लगाए गए सैकड़ों बांसों को जड़ से उखाड़ कर फेंक दिया गया है और बांसवाड़ी का अस्तित्व खत्म कर भू माफिया जमीन पर बेजा कब्जा कर राजस्व विभाग से मिलीभगत और उलटफेर कर अरबों की जमीन को अपने रिकॉर्ड में चढ़ाने की कोशिश करते हुए जमीन को हड़पने का खेल खेला जा रहा है ।
अरबों की है जमीन
जिस शासकीय बांसवाड़ी में भूमाफिया राखड़ पाटकर जमीन हथियाने की कोशिश कर रहा है स्थानीय लोगों की मानें तो यह सरकारी जमीन है जो अरबों रुपए की है जो भ्रष्ट प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से शासकीय बांसवाड़ी की लगभग 10 एकड़ शासकीय जमीन भू माफिया के सुपुर्द की जा रही है,
ब्लैक स्मिथ कंपनी का हो सकता है शेयर, जमीन कब्जा करने में यह नाम सामने
स्थानीय सूत्रों की माने तो लगभग 10 एकड़ में फैली शासकीय बांसवाड़ी की जमीन अरबों रुपए की है जिसमें ब्लैक स्मिथ कंपनी के द्वारा पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन करते हुए खुले स्थानों में राख फेंकी जा रही है इस जमीन पर ब्लैक स्मिथ कंपनी ने किसी प्रकार की पर्यावरणीय स्वीकृति नहीं ली है ना ही कोरबा नगर पालिक निगम द्वारा लगाई गई बांसवाड़ी में राख फेखने की अनुमति ली गई है जिससे स्पष्ट होता है कि ब्लैकस्मिथ कंपनी पावर का इस्तेमाल कर उस जमीन पर राख फेंक कर अरबों की जमीन को क्षेत्रीय भू माफियाओं के सहारे हड़पना चाह रही है, स्थानीय बड़े भू माफियाओं में हेमंत शर्मा सहित सुनील विश्वकर्मा उत्तरा सारथी द्वारा इस जमीन को हथियाने में अहम भूमिका निभाई जा रही है स्थानीय लोगों की माने तो हेमंत शर्मा द्वारा कई जगह शासकीय भूमि पर कब्जा कर खरीदी बिक्री कर अकूत अवैध संपत्ति अर्जित की है…
आखिर किसके इशारे पर 10 एकड़ शासकीय बांसवाड़ी उजाड़ कर भू माफियाओं को सुपुर्द किया जा रहा
नगर पालिक निगम कोरबा क्षेत्र अंतर्गत 10 एकड़ में लगी शासकीय बांसवाड़ी को उजाड़ कर भू माफिया खुलेआम सरकारी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं जिसे कोई रोकने वाला प्रशासनिक अमला व निगम हमला नहीं दिख रहा है जबकि कोई गरीब व्यक्ति द्वारा शासकीय जमीन में एक दीवाल खड़ी कर दे तो शासकीय व नगरी अमला दोनों बुलडोजर लेकर उसे तोड़ देते हैं और खुद ही अपनी पीठ थपथपाते हैं लेकिन इतनी बड़े सरकारी भूभाग जिसमें निगम द्वारा बांसवाड़ी लगाई गई थी फलदार वृक्ष लगाए गए थे उसे उजाड़ कर पर्यावरण नियमों को ताक में रखकर खुलेआम राख फेंक कर ब्लैक स्मिथ कंपनी द्वारा प्रदूषण फैलाते हुए भू माफियाओं के साथ मिलीभगत कर जमीन पर कब्जा किया और करवाया जा रहा है जिसे रोकने ना तो कोई अधिकारी दिख रहा है ना कोई जनप्रतिनिधि सामने आ रहा है पक्ष विपक्ष सभी की खामोशी मौन स्वीकृति की ओर इशारा कर रही है ।
बांसवाड़ी की जमीन पर कब्जा करने वाले हेमंत शर्मा सरकारी शिक्षक है, इसकी संपत्ति की जांच होनी चाहिए
स्थानीय लोगों की माने तो खसरा नंबर 1119/1 की 4 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा कर बिना शासन की अनुमति के राखड पाटा जा रहा है।और निगम द्वारा कराए गए प्लांटेशन बांस और आम के वृक्षों की अवैध कटाई कर पीछे की जमीन सामने दिखा कर अतिक्रमण कर जमीन दलाल शासकीय भूमि पर कब्जा कर खरीदी बिक्री का कृत्य कर रहे है। इस सारे कामों में हल्का पटवारी की भूमिका भी संदिग्ध है और साथ ही दलालों के हौसले को देखते हुए लगता है की इन्हे ऊंचा संरक्षण प्राप्त है।
स्थानीय सूत्रों की माने तो इसमें मुख्य रूप से जमीन दलाल चुईया निवासी हेमंत शर्मा, रूमगरा निवासी सुनील विश्वकर्मा, और बालको बेलगरी बस्ती निवासी उतरा सारथी का नाम सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि हेमंत शर्मा की इससे पहले भी जमीन अफरा तफरी के मामले में वन विभाग और राजस्व विभाग में शिकायत हो चुकी है। ये पेशे से शासकीय कर्मचारी वर्ग तीन के शिक्षक होते हुए भी जमीन दलाली के काम में सक्रिय है। और अजगर बहार चुइयां सतरेंगा क्षेत्र में वन भूमि और मसाहती हल्का में जमीन कब्जा करने में सक्रिय है। यहा तक की अवैध रेत तस्करी में भी इनकी विशेष भूमिका है। हाल ही में सतरंगा रोड पर अवैध उत्खनन को लेकर वन विभाग द्वारा इनके द्वारा कराए जा रहे भूमि समतलीकरण पर दो जेसीबी और तीन ट्रेक्टर पर जप्ती कर कार्यवाही की गई थी। और वाहन चालान कर जुर्माना लगाया गया था। फिर भी इनके हौसले बुलंद है। स्थानीय लोगों की माने तो हेमंत शर्मा सरकारी शिक्षक होते हुए भी शिक्षकीय कार्य को ध्यान ना देते हुए जमीन की अफरा-तफरी कर करोड़ों की संपत्ति बनाई है अगर इसके क्रियाकलापों और संपत्ति की जांच हो जाए तो चौकानेवाले नतीजे सामने आएंगे ।