मुख्यमंत्री ने भेंट-मुलाकात अभियान के दौरान लटोरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पायी थी अनियमितता, स्वास्थ्य केन्द्र स्टॉक रजिस्टर मैंटेन नहीं मिलने पर मुख्यमंत्री ने जतायी थी नाराजगी,
लटोरी के मेडिकल ऑफिसर को किया था सस्पेंड, बीएमओ और स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी को शो-कॉज नोटिस जारी करने के दिए थे निर्देश
मुख्यमंत्री के कड़े रूख के बाद डीएचएस की ओर से सभी शासकीय अस्पतालों के लिए जारी किए गए हैं दिशा-निर्देश
छत्तीसगढ़/रायपुर :- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बीते 4 मई से राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में भेंट-मुलाकात अभियान की शुरुआत की है। भेंट-मुलाकात अभियान की कड़ी में मुख्यमंत्री 7 मई को प्रतापपुर विधानसभा के लटोरी पहुंचे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल लटोरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे थे। यहां स्वास्थ्य केन्द्र के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल ने मरीजों और अस्पताल स्टाफ से दवाइयों और स्वास्थ्य सुविधाओं के संबंध में जानकारी ली। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पाया कि स्वास्थ्य केन्द्र का स्टॉक रजिस्टर मैंटेन नहीं है। इस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जतायी थी। साथ ही इस लापरवाही के लिए स्वास्थ्य केन्द्र के मेडिकल ऑफिसर डॉ. राकेश कुमार साव को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए थे। वहीं बीएमओ व स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी को शो-कॉज नोटिस जारी करने का भी निर्देश कलेक्टर को दिया था। मुख्यमंत्री के इस कड़े रूख के बाद आज स्वास्थ्य विभाग ने सक्रियता दिखाते हुए स्टॉक रजिस्टर के संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
संचालक स्वास्थ्य सेवाएं (डीएचएस) की ओर से राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) और सभी जिलों के सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक के नाम दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जारी निर्देश में सभी जिला चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों द्वारा ओपीडी में लिखी जाने वाली (प्रिस्क्राइब) दवाइयों की एंट्री ओपीडी रजिस्ट्रर में आवश्यक रूप से करने के लिए कहा गया है। साथ ही लिखी जाने वाली दवाइयों की एक प्रति पृथक से रखने के लिए भी निर्देशित किया गया है। दवा वितरण कक्ष में फार्मासिस्ट द्वारा भी रजिस्टर संधारित करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं चिकित्सालयों में मरीजों के बीमारी से संबंधित की गई जांच की एंट्री भी ओपीडी रजिस्टर में करने को कहा गया है।
इसके अलावा स्टॉक की ऑनलाइन जारी के लिए दवाओं की एंट्री डीपीडीएमआईएस सॉफ्टवेयर में तथा जांच (डायग्नोस्टिक इन्वेस्टिगेशन) की एंट्री ई-हॉस्पिटल सॉफ्टवेयर में आवश्यक रूप से करने के लिए निर्देशित किया गया है। इससे चिकित्सालय में प्रतिदिन खर्च की गई व कुल उपलब्ध दवाओं की मात्रा का संधारण सुनिश्चित हो सकेगा। डीएचएस की ओर से सभी सीएमएचओ व सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक को स्टॉक रजिस्टर समेत चिकित्सालयों की नियमित अंतराल में मॉनिटरिंग करने के लिए कहा गया है।