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आउट सोर्सिंग कंपनियों में वैकल्पिक रोजगार की मांग को लेकर 6 घण्टे बन्द रहा गेवरा खदान

19 दिसम्बर से परिवार सहित अनिश्चितकालीन खदान बन्दी करने की घोषणा

छत्तीसगढ़/कोरबा :-ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने एसईसीएल में नियोजित आउटसोर्सिंग कंपनियों में व्याप्त मनमानी और स्थानीय बेरोजगारों के बजाय अन्यत्र के लोंगो की भर्ती पर रोक लगाते हुये खदान प्रभावितों को रोजगार की मांग करते हुए आज गेवरा खदान को 6 घण्टे तक बन्द करा दिया जिससे जिसमें मिट्टी खनन और कोयला परिवहन प्रभावित रहा ।   

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विगत 5 दिसम्बर को सांकेतिक प्रदर्शन कर सौपे गए ज्ञापन के आधार पर प्रबधन के साथ वार्ता हुआ था जिसमे एक सप्ताह में बेरोजगारों की भर्ती शुरू करने का आश्वसन दिया गया था किंतु भर्ती शुरू नही होने से नाराज बेरोजगारों ने आज सुबह 6 बजे से ही खदान में धावा बोलते हुए मिट्टी उत्खनन और कोयला परिवहन में लगी गाड़ियों को रोक दिया दोपहर 12 बजे तक चले आंदोलन के बीच गेवरा प्रबन्धन व आउटसोर्सिंग कम्पनियों के अधिकारियों के द्वारा मौके पर पहुंचकर भूविस्थापितों और स्थानीय बेरोजगारों की भर्ती शुरू का आश्वसन दिया जिसके उपरांत आंदोलन को स्थगित किया गया और भर्ती नही लिए जाने पर आगामी 19 दिसम्बर से अनिश्चितकालीन खदान बन्द करने की चेतावनी दी गयी है

उपरोक्त बातों की जानकारी ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के नेता रुद्र दास महंत सन्तोष ने बताया है कि कोयला खदान विस्तार के लिए झूठा आश्वसन देकर किसानों की जमीन हथिया लिया जाता है और रोजगार , मुआवजा और बसाहट की समस्या का निराकरण नही किया जाता । वहीं रोजगार की आस में भटकते भूविस्थापित और प्रभावित बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए बहानेबाजी किया जाता है । किंतु अब युवा बेरोजगारों को उनका हक दिलाने के लिए सन्गठन अपना आंदोलन किया गया है । रुद्र दास महंत ने कहा है ग्रामीणों को गुमराह करके मकानों का नापी के लिए बाध्य किया जा रहा है बसाहट के लिए ठोस योजना नही बनाई गई है । जमीन के एवज में रोजगार का मामला लटका कर रखा गया है और रोजगार के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी मुहैय्या नही कराया जा रहा है जबकि प्रभावित क्षेत्र से बाहर के लोंगो की भर्ती जारी है । इस तरह के सभी मामलों को जोड़कर आगे की आंदोलन की तैयारी है । बेरोजगारों के द्वारा व्यक्तिगत निवेदन जमा कराया जाएगा और उनके परिवार के सदस्यों सहित 19 दिसम्बर से अनिश्चितकालीन खदान बन्द करने के लिए आंदोलन के लिए उतरने की घोषणा की गई है । अगर प्रबन्धन तत्काल रोजगार बसाहट और मुआवजा की लंबित प्रकरणों को निपटारा करने के साथ वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था नही करती है तो उसको भारी नुकसान उठाना पड़ेगा । उन्होंने बताया है कि आगामी आंदोलन में नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को भी समर्थन की अपील की जाएगी ।     

आंदोलन में प्रमुख रूप से संतोष दास महंत ललित महिलांगे फूलेन्द्र सिंह शब्बीर मेमन व्यास नारायण प्रीतम दास जयराम दास दीपक साहू भूपेंद्र राठौर भुनेश्वर राठौर मोहन आकाश राजेंद्र कुमार शिवकुमार पटेल प्रियांशु सोनी रमेश पटेल कालेश्वर पटेल रामेश्वर पटेल मनोज पटेल दीपक केवट तिलक सोनी योगेश बृजलाल अश्विनी लोकेश्वर यादव ईश्वर सिंह अनिल रामानुज भागवत अर्जुन अमित फिरोज पवन सरोज आनंद राजन सिंह बंती सिंह भवानी शंकर लखन महेंद्र पाल सनत खेमराज लक्ष्मी चौहान सहित सैकड़ो बेरोजगार उपस्थित थे ।     

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