श्रावण शुक्ल नवमी पर ऐतिहासिक आयोजन, नदी संरक्षण का दिया गया संदेश
छत्तीसगढ़/कोरबा-दर्री :- श्रावण मास की पावन शुक्ल नवमी तिथि को एचटीपीपी दर्री कॉलोनी में एक ऐतिहासिक अध्याय जुड़ गया। यहां के शिव मंदिर (छठ घाट) पर कॉलोनीवासियों ने पहली बार पूरे श्रद्धा और भक्ति भाव से “हसदेव आरती” का भव्य आयोजन किया। यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय जागरूकता से भी परिपूर्ण रहा। 
कांवर यात्रा और रुद्राभिषेक के उपरांत, सभी श्रद्धालुओं ने हसदेव नदी तट पर दीप प्रज्वलित कर गंगा माता की आरती गाई और हसदेव नदी को नारियल अर्पित किया। इस पावन आयोजन का उद्देश्य नदियों के संरक्षण, घाटों की सफाई और जल शुद्धता के महत्व को जनमानस तक पहुँचाना रहा। 
कार्यक्रम का नेतृत्व श्री वेंकट राव एवं श्री नरेश जायसवाल ने किया। आयोजन में पतंजलि महिला समिति की सक्रिय भागीदारी रही, वहीं बिरसा मुंडा प्रभात शाखा के स्वयंसेवकों ने अपने परिवारों सहित उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। पूरे वातावरण में भक्ति और नदी के प्रति सम्मान का भाव स्पष्ट दिखाई दिया।
आरती के पश्चात प्रसाद वितरण किया गया और उपस्थित जनसमुदाय ने नदियों के महत्व को आत्मसात करते हुए अपने-अपने गंतव्यों की ओर प्रस्थान किया।
विशेष बातें:
-
पहली बार एचटीपीपी कॉलोनी में हसदेव नदी की आरती
-
नदी एवं घाट स्वच्छता का संदेश
-
सैकड़ों श्रद्धालुओं की मौजूदगी
-
दीप जलाकर और नारियल अर्पित कर किया गया पूजन
-
पतंजलि महिला समिति और स्वयंसेवकों की भागीदारी
“जल है तो जीवन है”—इस मूलमंत्र को आत्मसात करते हुए इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि आस्था और जागरूकता जब साथ चलें, तो समाज में सकारात्मक परिवर्तन निश्चित है।















