छत्तीसगढ़/कोरबा :- पूर्वर्तीय सरकार में बालोद के एक ठेकेदार ने निधि के लिए विधि में बदलते हुए 3 करोड़ 20 लाख का हाई मास्ट लाइट बेचकर आरोप सरपंचों पर मढ दिया है। खबरीलाल की माने तो डीएमएफ के काम करने के लिए प्रदेश भर के नेता अभिनेता और पत्रकार सक्रिय रहे और पॉवर सिटी को चारागाह बनाकर रखे थे। राख और कोयला डस्ट कोरबावासी खा रहा रहे और डीएमएफ का माल बाहरी ठेकेदार। अब जब डीएमएफ से पहली गिरफ्तारी हुई है तो बालोद को कांग्रेसी नेता के करीबी ठेकेदार की फाइल खुलने की चर्चा होने लगी है। बता दें कि बालोद के केशर इंफ्रा की चमत्कारी बिल जनपद सीईओ पर भारी पड़ रहा है। जनपद पंचायत कोरबा के बारे में अक्सर कहा जाता है न खाता न बही जो सीईओ लिख दे वही सही! इस बात का प्रमाण हाई मास्ट खरीदी में देखने को बखूबी मिल रहा है।
दरअसल कोरबा जनपद के 16 पंचायतों में डीएमएफ से स्ट्रीट लाइट लगाने भाजपा नेता कंवर ने कलाकारी करते सूत्रधार की भूमिका निभाई। कंवर की कलाकारी पर बालोद के केशर इंफ्रा ने चमत्कारी बिल प्रस्तुत कर बिना मूल्यांकन के सरपंचों से आरटीजीएस करा लिया। सूत्रों की माने ग्राम पंचायतों में इलेक्ट्रिक कार्यो के मॉनीटिरिंग के लिए अलग से टेक्निकल टीम है जो स्टीमेट बनाकर लगने वाली सामग्रियों का मेजरमेंट करते है उसके बाद भुगतान होता है। स्ट्रीट लाइट बेचने वाले और सेतु का काम करने वाले कंवर जानते थे कि मूल्यांकन हुआ तो एक – एक पंचायत में 20 लाख में लगने वाले लाइट विथ पोल का बिल लगभग 5 लाख रुपयों तक ही सिमट कर रह जाएगा। सो अफसरो के साथ सांठगांठ कर पंचायत पर दबाव बनाया गया और करारोपण ने बिल को सत्यापित कर रकम भुगतान करने निर्देश दिया।