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जनपद और विकासखंड बदले लेकिन नहीं बदले अधिकारियों के जिले, शासन के नियमानुसार 3 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी कई जनपद पंचायत सीईओ व बीईओ जिले में ही पदस्थ, ग्रामीण विकास एवं शिक्षा के क्षेत्र में नहीं आ पा रही कसावट

छत्तीसगढ़/कोरबा :- कोरबा जिले में ऐसे कई मुख्य कार्यपालन अधिकारी और खंड विकास शिक्षा अधिकारी हैं जिनको कोरबा जिले में एक लंबा समय अपनी सेवाएं देते हो गया है इनके जनपद और विकास खंड बार-बार बदल दिए जाते हैं लेकिन शासन के नियमानुसार 3 वर्ष पूर्ण होने के बाद जिले के बाहर पदस्थ नहीं किया जा रहा है जिससे ग्रामीण विकास और शिक्षा के क्षेत्र में तेजी नहीं आ पा रही है,
शासन के नियमानुसार 3 वर्ष 1 ही जिले कई जनपद सीईओ और बी ई ओ ने निर्धारित समय अवधि पूर्ण कर ली है बावजूद इसके इन्हें जिले से बाहर नहीं किया जा रहा है जिसमें से कई अधिकारी एक ही जनपद या एक ही विकासखंड में समया अवधि समाप्त होने के बाद वर्षों से पदस्थ हैं इनमें से कई अधिकारी दो से तीन बार जिले में एक ही जगह घूम घूम कर पदस्थ रह चुके हैं या वर्तमान में हैं जो शासन के नियमानुसार कतई न्यायोचित नहीं है । कटघोरा जनपद में एक सीईओ तो 5 बार पदस्थ किया गया बावजूद इसके भारी विरोध के बाद उन्हें वहां से हटाना पड़ा अब फिर वह जिले में ही सेवाएं दे रहे हैं, और वहां भी उन्हें लगातार भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है ।

अधिकारियों के लंबे समय तक एक ही जिले में जमे रहने से विकास कार्यों और शिक्षा में नहीं आ पा रही कसावट, आ रही समय-समय पर भ्रष्टाचार की खबरों से भी इनकार नहीं

कोरबा जिले में जिस प्रकार कई सीईओ और बी ई ओ शासन द्वारा निर्धारित 3 वर्ष का समय 1 जिले में समाप्त कर चुके हैं बावजूद इसके इनकी जिले के बाहर नवीन पदस्थापना शासन स्तर पर नहीं की जा रही है प्रशासन स्तर पर इन अधिकारियों को एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक या मुख्यालय में ही बार-बार पदस्थ किया जा रहा है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर विकास कार्यों में कसावट नहीं आ पा रही है पंचायतों में सेटिंग कर भ्रष्टाचार से इनकार नहीं किया जा सकता है ।

पहली बार कोरबा में शिक्षा का स्तर सबसे नीचे रहा 10वीं 12वीं का रिजल्ट टॉप टेन से बाहर रहा

यही हाल विकासखंड शिक्षा अधिकारियों का है जिसमें कई अधिकारी विगत कई वर्षों से जिले में खंड विकास शिक्षा अधिकारी की कुर्सी संभाल रहे हैं कुछ तो दो से तीन बार एक ही विकास खंड में पदस्थ हैं, कई विकास खंड अधिकारी जो अपने मूल पद स्कूल के प्रिंसिपल का दायित्व न संभाल कर उन्हें खंड विकास शिक्षा अधिकारी के पद पर लंबे समय से पदस्थ किया गया है जिसके कारण आज शिक्षा का स्तर कोरबा जिले में नीचे जा रहा है, यही कारण है कि पहली बार इस वर्ष 10वीं और 12वीं का रिजल्ट टॉप टेन से बाहर रहा ।
समय-समय पर इन विभागों में भ्रष्टाचार की शिकायतें भी लोगों और मीडिया द्वारा सामने आती रही है जिसे इनकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि शासन के नियम के विपरीत लंबे समय तक अधिकारियों के एक स्थान पर जमे रहने से भ्रष्टाचार की संभावनाएं तो बढ़ती ही हैं वही शासन के और जनहित के कार्यों में कसावट की संभावनाएं कम हो जाती है ।

प्रधानमंत्री आवासों शौचालयों में पूर्ण भ्रष्टाचार आज भी जिले में सैकड़ों आवास और शौचालय अधूरे

कोरबा जिले में कई ऐसे जनपद सीईओ हैं जिनके कार्यकाल में प्रधानमंत्री आवास बनाए गए हैं और शौचालय बनाए गए हैं ग्राम पंचायत में शौचालय पूर्ण होने की कागजों में जानकारी देकर पंचायतों को ओडीएफ भी घोषित कर दिया गया है यही हाल प्रधानमंत्री आवासों का है जिसे कागजों में पूर्ण बताते हुए अधिकारियों द्वारा वाहवाही लूटी गई है जो आज भी अधूरे हैं, कई अधिकारी इसी जिले में या तो जनपदों में या मुख्यालय में ही पदस्थ हैं उनको 3 वर्ष से ज्यादा की अवधि पूरी होने के बाद भी अन्यंत्र जिले में पदस्थ नहीं किया गया है जिसके कारण पंचायत स्तर में ग्रामीण विकास और शिक्षा क्षेत्र में कमी देखी जा रही है ।

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