छत्तीसगढ़/कोरबा :- जिला भाजपाध्यक्ष डॉ. राजीव सिंह को छत्तीसगढ़ महतारी का मंदिर कहां पर हैं, नहीं मालूम होने पर गहरा ऐतराज जताते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष के इस बयान की आलोचना की गई है। कहा गया कि वे तो कोरबा में केवल व्यवसायिक दृष्टिकोण अपनाते हैं, उन्हें यहां के रीति और संस्कृति से कोई वास्ता नहीं है। बड़े दु:ख की बात है कि कोरबा में रहकर वर्षों से स्थापित छत्तीसगढ़ महतारी के मंदिर का रास्ता का ज्ञान नहीं होना उनके अदूरदर्शिता को दर्शाता है। साथ ही डॉ. राजीव सिंह के उस बयान की मंदिर का ताला खुलवाने की दिशा में प्रयास किया जाएगा, उस पर भी समिति के लोगों ने एतराज जताते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. राजीव सिंह से माफी मांगने को कहा है।
छत्तीसगढ़ महतारी संवर्धन संस्कृति सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष मोहन सिंह प्रधान ने कहा कि छत्तीसगढ़ की रीति संस्कृति और परंपराओं के साथ-साथ छत्तीसगढ़ी आयोजनों को बढ़ावा देने समिति निरंतर प्रयत्नशील है। पूरे छत्तीसगढ़ का एकमात्र छत्तीसगढ़ महतारी का मंदिर हसदेव नदी के तट दर्री डेम के पास स्थित है जहां पर छत्तीसगढ़ में निवासरत लोगों के मध्य यह मंदिर गहरी आस्था रखता है। साथ ही संस्कृति को बढ़ावा देने समिति के लोग जुटे हुए हैं।
प्रेस क्लब तिलक भवन में आयोजित पत्रवार्ता में समिति के प्रदेश अध्यक्ष मोहन सिंह प्रधान, महासचिव प्यारेलाल चौधरी ने कहा कि विभिन्न आयोजनों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के लोकपर्व हरेली सहित अनेक तीज-त्योहार के माध्यम से समिति में लगातार लोग जुड़ते जा रहे है और दर्री डेम के पास स्थित छत्तीसगढ़ महतारी के मंदिर हमारे लिए आस्था का विषय है।
इन्होंने समिति के सदस्यों ने कोरबा क्षेत्र में छत्तीसगढ़ महतारी चौक का निर्माण कराने की दिशा में हो रहे विलंब के लिए कोरबा के महापौर राजकिशोर प्रसाद के सुस्त रवैय्ये को कारण बताया है। साथ ही यह भी कहा कि महापौर की ओर से जानकारी दी गई है कि मेयर इन कौंसिल से प्रस्ताव पारित कर अग्रेषित किया गया है जिस पर अभी तक निर्णय नहीं हुआ है। समिति के सदस्यों का कहना है कि छत्तीसगढ़ महतारी चौक के निर्माण के लिए महापौर का सुस्त रवैय्या जिम्मेदार है। इसके लिए समिति के सदस्यों ने प्रदेश के श्रम और उद्योग मंत्री व क्षेत्रीय विधायक लखनलाल देवांगन से मिलकर छत्तीसगढ़ महतारी चौक की अविलंब निर्माण की मांग रखेंगे। पत्रवार्ता में संरक्षक यूआर महिलांगे, हरीश चंद निषाद, भोजराम राजवाड़े, सांस्कृतिक सचिव घनश्याम श्रीवास, कोषाध्यक्ष दिगम्बर कर्ष, उप कोषाध्यक्ष रमेश श्रीवास, संगठन सचिव दिनेश कुमार निषाद, सुरेश द्विवेदी, तरूण राठौर व अधिवक्ता रजनीश निषाद व महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष गीता देवी महंत उपस्थित थे।