सम्मेलन में जनप्रतिनिधियों के साथ विधिक जानकारों ने भूविस्थापितों के संघर्षों में साथ खड़ा होने का दिलाया भरोसा
छत्तीसगढ़/कोरबा :-कोरबा जिले में खनन, बिजली, रेल, सड़क मार्ग सहित अन्य विकास परियोजनाओं के लिए कई दशक से भू-अर्जन के कारण होने वाले विस्थापन से उत्पन्न समस्याओं के खिलाफ संघर्ष और समाधान के विषय पर भूविस्थापित किसानों को एक मंच पर लाकर आगे की रूपरेखा तैयार करने के लिए संवाद सम्मेलन का आयोजन दीपका स्थित अशोका लाज के सभागृह में किया गया । इस सम्मेलन में कटघोरा विद्यायक प्रेमचंद पटेल , सांसद के प्रतिनिधि हरीश परसाई क्षेत्र के जनपद सदस्य और खनन प्रभावित क्षेत्र के सभी सरपंच सहित हाई कोर्ट के अधिवक्ता शुशोभित सिंह और समाज सेवी लक्ष्मी चौहान के साथ भाजपा ,कांग्रेस और गोंडवाना पार्टी के पदाधिकारी सहित अन्य गणमान्य नागरिक प्रमुख रूप से शामिल हुये ।
कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों का स्वागत के पश्चात ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने जिला पुर्नवास व पुनर्व्यवस्थापन समिति के समक्ष भूविस्थापितों और किसानों की उचित प्रतिकर और बुनियादी सुविधाओं को लागू कराने हेतु 10 बिंदुओं का लिखित प्रस्ताव प्रस्तुत किया जिसपर उपस्थित लोंगो ने सहमति व्यक्त किया और कुछ सुझाव भी रखा । उसके पश्चात छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय अधिवक्ता शुशोभित सिंह और सार्थक एन जी ओ के लक्ष्मी चौहान ने कोल बेयरिंग एक्ट , सहित देश मे प्रचलित विभिन्न भू अर्जन और पुनर्वास नीतियों की विस्तृत जानकारी दी । जमीनी आंदोलन के साथ साथ विशेषकर भूअर्जन और पुनर्वास पुनर्वासन व्यवस्थापन 2013 के केन्द्रीय क़ानून के प्रभावशीलता के आधार पर विधिक लड़ाई के लिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से भूविस्थापितों की समस्याओं का समाधान के बारे में विस्तार से जानकारी दिया ।
कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल ने कहा भूविस्थापितों की अनहित नही होने दिया जाएगा और उन्होंने कहा उनके अधिकार की लड़ाई के लिए हर समय उपलब्ध रहेंगे । इसी तरह से हरीश परसाई ने कोरबा सांसद श्रीमती ज्योत्स्ना महंत द्वारा लोक सभा एवं कोयला व इस्पात संसदीय कमेटी में भूविस्थापितों के समस्याओं को लेकर उठाये गए प्रमुख मांगो के बारे बताया और पुनर्वास नीतियों में आवश्यक संशोधन कर भूविस्थापितों और किसानों के सार्वभौमिक विकास के लिए प्रयास के साथ हर आंदोलन में सहयोग का भरोसा दिलाया ।
सम्मेलन के अंत में ऊर्जाधानी भू विस्थापित किसान कल्याण समिति द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव में अन्य सुझावों को सम्मिलित कर सर्वसम्मति से पारित किया गया और जिला पुनर्वास समिति की बैठक से पूर्व प्रभारी मंत्री सह जिला पुनर्वास समिति के अध्यक्ष श्री अरुण साव , उद्योग व श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन , जिला कलेक्टर को उचित कार्यवाही के लिए प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया तथा उचित कार्यवाही नही होने पर जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर विशाल आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया गया है ।
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के विजयपाल सिंह , बसन्त कंवर , अनुसुइया राठौर , सन्तोष चौहान , रुद्र दास , ललित महिलांगे , कुलदीप राठौर , राजेश यादव आदि ने महत्वपूर्ण योगदान दिया । सम्मेलन में मनोज शर्मा , नरेश टण्डन , रघुराज सिंह , हरीश धधवानी , कमला बाई कंवर , गणेश उइके ,केशव नारायण जायसवाल , रविन्द्र जगत , युवराज सिंह ,ब्रिज कुंवर , धन कुंवर , जगदीश पटेल, सन्तोष दास , सोनू चौहान , संदीप कंवर , दिलहरन सारथी , तुलसी बाई , संपत सिंह कंवर , दीपक कुमार , गोपाल बिंझवार , पुरषोत्तम पटेल, भगवती साहू, चंदन सिंह , तिरिथ केशव , श्रीकांत सोनकर परस चौहान सहित एसईसीएल , एनटीपीसी, सीएसईबी ,रेल कॉरिडोर से प्रभावित सैकड़ो की संख्या में प्रतिनिधियों ने हिस्सेदारी किया ।