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दीपका-कोरबा का एकमात्र ‘आये-जाए’ का रास्ता बदहाली का शिकार: जिम्मेदार नेता ‘नींद’ में : सुरेंद्र प्रसाद राठौर

छत्तीसगढ़/कोरबा :- दीपका क्षेत्र, कोरबा जिले का एक अहम इलाका है, लेकिन यहां के लोगों की ज़िंदगी एक ही रद्दा (रास्ता) पर टिकी है—वो भी जर्जर हालत में। कुचेना मोड़ के आगे कोरबा दीपका रोड यही एकमात्र संपर्क मार्ग है जो आम जनता, मजदूर, स्कूली बच्चे, और आपातकालीन सेवाओं के लिए सहारा है। लेकिन इस रास्ते की हालत ऐसी है कि अब यह मौत का फंदा बनता जा रहा है, बारिश के पानी के तेज बहाव में आज यह रास्ता कट गया है जिससे राहगीरों को आवा गमन में भारी परेशानी हो रही है

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ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के दिनों में कीचड़ और गड्ढों से होकर निकलना किसी जंग जीतने से कम नहीं। एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाती और स्कूली बच्चों को जान जोखिम में डालकर स्कूल जाना पड़ता है।

नेता जी ‘घरो म सुते हें’… जनता करे इंतजार

जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रदेश संगठन मंत्री सुरेंद्र प्रसाद राठौर मौके में जाकर निरीक्षण किया उनका कहना है कि यह रास्ता पिछले कई सालों से बदहाल है, दीपिका कोरबा आने जाने के लिए यह एकमात्र रास्ता है वही बगल में दो वर्ष से बन रहा पुल आज भी अधूरा है लेकिन क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। एसईसीएल भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है अब सोशल मीडिया पर युवाओं और स्थानीय संगठनों ने #जोहार_छत्तीसगढ़ और #छत्तीसगढ़िया_क्रान्ति_सेना जैसे हैशटैग के साथ मुहिम छेड़ दी है।

छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना की चेतावनी

वही छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के कोरबा सदस्य जैनेंद्र कुर्रे ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर जल्द ही सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया, तो हम उग्र आंदोलन करेंगे। जन प्रतिनिधियों की चुप्पी अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी,” –

जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी का सवाल: विकास कहां है?

‘जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी’ के कोरबा जिला अध्यक्ष जैनेंद्र कुर्रे ने इस मुद्दे को प्रदेश स्तर पर उठाने का एलान किया है। पार्टी के अनुसार यह केवल एक रास्ता नहीं, बल्कि विकास की दिशा में एक ‘कटी हुई नब्ज’ है जिसे अनदेखा करना क्षेत्रीय अपमान है।

1. जिम्मेदार कौन?
2. क्या सड़क बनने तक कोई हादसा जरूरी है?
3. कब जागेंगे छेत्र के जनप्रतिनिधि?

 

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