छत्तीसगढ़/रायपुर :- छत्तीसगढ़ में जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया अब पूरी तरह डिजिटल होने की ओर है। राज्य सरकार की इस पहल से अब रजिस्ट्री के तुरंत बाद ही दस्तावेज पक्षकारों को WhatsApp और ईमेल के माध्यम से भेजे जाएंगे, जिससे रजिस्ट्री से जुड़े काम अब और तेज़, पारदर्शी और सुरक्षित हो सकेंगे।
क्या है नई व्यवस्था?
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पेपरलेस रजिस्ट्री: अब रजिस्ट्री के बाद किसी हार्ड कॉपी का इंतज़ार नहीं। दस्तावेज सीधे डिजिटल माध्यम से भेजे जाएंगे।
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ई-केवाईसी और आधार वेरिफिकेशन: पक्षकारों की पहचान की डिजिटल पुष्टि से फर्जीवाड़े पर लगाम।
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डिजि लॉकर से लिंक: अब रजिस्ट्री नंबर डालते ही कभी भी दस्तावेज डाउनलोड किए जा सकेंगे।
नहीं है WhatsApp या ईमेल?
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ऐसे पक्षकारों को पंजीयन कार्यालय से हार्ड कॉपी दी जाएगी।
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दस्तावेजों की डिजिटल कॉपी हमेशा सुरक्षित और आसानी से उपलब्ध रहेगी।
ऑनलाइन अपॉइंटमेंट से मिलेगी सहूलियत
जुलाई से शुरू हुई NGDRS वेबसाइट पर ऑनलाइन अपॉइंटमेंट सुविधा के तहत:
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स्लॉट बुकिंग की सुविधा
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B-1, खसरा, ऋण पुस्तिका, नक्शा, ई-स्टाम्प, आधार, पैन जैसे दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड
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वसीयतनामा, बंटवारा नामा और मुख्तारनामा का पंजीयन भी अब आसान
‘सुगम एप’ देगा मोबाइल पर सारी जानकारी
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जमीन का नक्शा, लोकेशन और दस्तावेजों का विवरण एक ही प्लेटफॉर्म पर
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रजिस्ट्री से पहले ड्राफ्ट की ऑनलाइन जांच और सुधार की सुविधा भी उपलब्ध
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
उप महानिरीक्षक पंजीयन, उषा साहू ने कहा:
“जल्द ही सभी दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी डिजिटल माध्यमों से भेजी जाएगी। इससे रजिस्ट्री की पूरी प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी और सरल बनेगी।”
छत्तीसगढ़ की यह पहल डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और बड़ा कदम है। अब जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़े दस्तावेजों की प्रक्रिया होगी तेज़, पारदर्शी और भरोसेमंद, और वह भी – कुछ ही मिनटों में।