छत्तीसगढ़/कोरबा :- कोरबा जिले के जनपद कोरबा के आदिवासी बाहुल्य इलाकों के पंचायत में भ्रष्टाचार का बोलबाला है जिसमें अधिकारियों की भी मिली भगत देखने को मिल रही है ऐसा ही मामला ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार से जोड़ने सिलाई मशीन वितरण का है जिसमें डीएमएफ की राशि से जनपद कोरबा के पंचायत में लगभग 69 लाख रुपए सिलाई मशीन खरीदने के लिए जारी किए गए
उद्देश्य था कि ग्रामीण क्षेत्र के दिव्यांग ,विधवा परित्वक्ता महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने दिव्यांगोंका हक मारने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी और उनके हक का पैसा हजम कर उनके साथ धोखाधड़ी की गई है
दरअसल कोरबा जनपद के पंचायतों में 880 सिलाई मशीन कागजों में वितरण की गई है मामले की जानकारी लेने जब लाभार्थी सूची के हितग्राहियों से संपर्क किया गया तो पता चला कि एक पंचायत में लगभग 10 सिलाई मशीन लाभार्थियों को देना था लेकिन हितग्राहियों से संपर्क करने पर पता चला कि उन्हें तो सिलाई मशीन के बारे में कुछ पता ही नहीं मात्र 2 से 3 अपने लोगों को सिलाई मशीन देकर गांव के सरपंच सचिवों ने भी जनपद के अधिकारियों को भ्रष्टाचार का सर्टिफिकेट दे दिया
कागजों में सिलाई मशीन नवंबर 2023 को वितरण हो चुकी हैलेकिन तब से आज तक ना तो किसी ने इस मामले पर जांच की और ना ही तो हितग्राहियों से संपर्क किया गया कि उन्हें योजना का लाभ मिला है कि नहींऔर भ्रष्टाचार पर लीपापोती कर दी गई जिन हितग्राहियों को सिलाई मशीन मिली है वह भी गुणवत्ता हीन मिली है लगभग 8 हजार की मशीन 8 दिन भी नहीं चली नहीं चली हैऔर बिगड़ गई है
मामले में जनपद सीईओ अधिकारी इंदिरा भगत से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनके द्वारा ना फोन रिसीव किया गया और ना ही अभी तक कोई एक्शन लिया गया
हालांकि जिला पंचायत सीईओ ने मामले की जांच करने की बात कही है