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कांग्रेस ने पाली तानाखार से महिला पर जताया भरोसा, रामपुर से फूल सिंह राठिया पर भरोसा , दुलेश्वरी, पुरुषोत्तम, फूलसिंह को टिकट, टिकट बंटवारे में असंतोष, कांग्रेस ने दूसरी सूची में 53 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए

छत्तीसगढ़/रायपुर/कोरबा :-  कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति ने छत्तीसगढ़ विधान सभा के आगामी चुनाव के लिए 53 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की है। कांग्रेस की दूसरी सूची में कोरबा जिले की रामपुर विधानसभा के लिए फूलसिंह राठिया, कटघोरा विधानसभा के लिए मौजूदा विधायक पुरुषोत्तम कंवर एवं पाली-तानाखार विधानसभा के लिए श्रीमती दुलेश्वरी सिदार को प्रत्याशी बनाया गया है। जिले की शेष तीनों विधानसभा को लेकर सत्यसंवाद ने पहले ही आँकलन लगाया था जो सही साबित हुआ है। पाली-तानाखार के विधायक मोहितराम केरकेट्टा की टिकट काटी गई है जिसके कयास शुरू से लगाए जा रहे थे। वहीं रामपुर विधानसभा से टिकट के लिए जोर लगा रहे पूर्व विधायक श्यामलाल कंवर और उनके पुत्र मोहिन्दर को टिकट नहीं मिली है। जिन उम्मीदवारों को टिकट मिली है, उनके समर्थकों में हर्ष और जिन्हें टिकट नहीं मिली है, उनके समर्थकों में निराशा का भाव देखा जा रहा है। कोरबा विधानसभा के लिए पूर्व में ही विधायक व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को प्रत्याशी घोषित किया जा चुका है जिनका नाम पहली सूची में शामिल है।इसी तरह विधानसभा बसना से देवेंद्र बहादुर सिंह, खल्लारी से द्वारिकाधीश यादव, बिलाईगढ़ से कविता प्रण लहरे, बलौदाबाजार से शैलेश नितिन त्रिवेदी, भाटा पारा से इन्दर कुमार साव, धरसींवा से छाया वर्मा, रायपुर ग्रामीण से पंकज शर्मा, रायपुर शहर पश्चिम से विकास उपाध्याय , रायपुर दक्षिण से महंत राम सुन्दर दास , अभनपुर से धनेन्द्र साहू , राजिम से अमितेश शुक्ला , बिंद्रा नवागढ़ से जनक लाल ध्रुव , कुरुद से तारिणी चंद्राकर , संजरी बालोद से संगीता सिन्हा, गुंडरदेही से कुंवर सिंह निषाद, दुर्ग से अरुण वोरा, भिलाई नगर से देवेंद्र यादव , वैशाली नगर से मुकेश चंद्राकर , अहिवारा से निर्मल कोसरे, बेमेतरा से आशीष कुमार छाबरा और जगदलपुर से जितिन जयसवाल का नाम शामिल है.

टिकट से असन्तोष और आक्रोश, रामपुर, तानाखार और कटघोरा में बदलते समीकरण 

विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए कोरबा जिले में चुनावी बिसात पूरी तरह से बिछ चुकी है। कांग्रेस ने दूसरी सूची जारी कर जो नाम घोषित किए हैं उसे लेकर विरोध के स्वर उनके नाम की संभावनाओं के साथ ही शुरू हो गए थे और घोषणा के बाद भी बने हुए हैं। रामपुर विधानसभा क्षेत्र में फूल सिंह राठिया का नाम घोषित होने के बाद से जहां उनके समर्थकों व समाज के लोगों ने हर्ष व्यक्त किया तो दूसरी तरफ पार्टी के ही एक अन्य धड़े में इस बात को लेकर नाराजगी व्याप्त हो गई है कि सारे हालत बताने और आपत्ति के बाद भी फूल सिंह को टिकट दे दी गई है। पूर्व विधायक श्यामलाल कंवर और उनके समर्थकों में इस बात का गुस्सा है कि उन्हें तवज्जो नहीं मिली। पार्टी के प्रति कर्तव्यनिष्ठ रहने का उन्हें ईनाम नहीं मिला और बगावत कर पार्टी का दामन छोड़ने और पिछले चुनाव के वक्त नुकसान पहुंचाने वाले को ही भरोसे के लायक समझा गया। इस बात का गुस्सा रामपुर विधानसभा क्षेत्र के अनेक कांग्रेसजन में देखने और सुनने को मिल रहा है। यहां आज दोपहर बाद कुछ बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम होने की सुगबुगाहट है और इस तरह की चर्चाओं का बाजार कल से गर्म है।
इसी तरह कटघोरा विधानसभा क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग से अथवा सामान्य वर्ग से टिकट देने की मांग को दरकिनार किया गया। यहां से प्रबल दावेदार जिला पंचायत उपाध्यक्ष रीना अजय जायसवाल को नजरअंदाज कर एक बार फिर पुरुषोत्तम कंवर को प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर नाराजगी की बयार चल पड़ी है। नए चेहरे को टिकट देने की मांग और पिछड़ा वर्ग बाहुल्य होने के बाद भी उपेक्षा किए जाने से राजनीतिक हालात बदले-बदले नजर आएंगे,ऐसा राजनीतिक पंडितों का मानना है। पाली-तानाखार विधानसभा में भी कमोबेश यही स्थिति है जहां मौजूदा विधायक मोहित राम केरकेट्टा नाम की घोषणा के अंत तक अपनी टिकट फाइनल करने के लिए दिल्ली में हर संभव प्रयास करते रहे लेकिन उनकी नहीं सुनी गई और श्रीमती दुलेश्वरी सिदार को टिकट दी गई है। कांग्रेस ने महिला दावेदार को प्रत्याशी बनाकर यह तो बताया है कि वह महिलाओं को राजनीति में आगे लाने की पक्षधर है लेकिन दूसरी तरफ कांग्रेस के गढ़ में एक बड़ा जनाधार रखने वाले मोहित राम को नाराज भी कर दिया है। ऐसे में वोटों का समीकरण गड़बड़ाने के साथ-साथ इस बात के आसार भी बढ़ गए हैं कि नाराजगी की यह बात दूर तक जाएगी और अगर समर्थकों ने निर्णय ले लिया तो यहां से मुकाबला और भी दिलचस्प हो जाएगा।
 क्या खुलेगा गोंगपा और जनता कांग्रेस का खाता…?
बदले राजनीतिक हालातों में रामपुर और तानाखार विधानसभा में तीसरे दल का हस्तक्षेप होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। पिछले चुनाव में रामपुर विधानसभा में जनता कांग्रेस से चुनाव लड़े फूल सिंह राठिया दूसरे नंबर पर थे और कांग्रेस तीसरे नंबर पर चली गई व भाजपा के ननकीराम कंवर विधायक बने। जनता कांग्रेस से वापस कांग्रेस में लौटे फूल सिंह राठिया को टिकट देने के बाद जो हालात निर्मित हो रहे हैं उनमें जनता कांग्रेस से प्रत्याशी घोषित करवा कर उसे जिताने की बातें होने लगी है। अगर यहां वोटों का गणित पलटा तो न सिर्फ कांग्रेस बल्कि भाजपा के लिए भी राह आसान नहीं होगी। सोशल मीडिया में यह सब काफी तेजी से प्रसारित है।
रही बात पाली-तानाखार की तो यहां भाजपा से रामदयाल उइके पूरा जोर लगाए हुए हैं लेकिन पिछला चुनाव हार जाने के बाद उन्हीं पर फिर दांव लगाने से दावेदार अन्य भाजपाईयों में भीतर ही भीतर असंतोष तो है। मोहितराम भी कहीं ना कहीं अपने गम को भूल नहीं पाएंगे। वोटों का गणित गड़बड़ाएगा तो यहां गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के तुलेश्वर मरकाम अपने और बसपा वोटों के सहारे नैया पर लगा लें तो कोई बड़ी बात नहीं। वैसे परंपरागत वोटों वाले गढ़ में दुलेश्वरी को कमजोर समझना भी भूल होगी। कटघोरा विधानसभा में भाजपा के प्रेमचंद पटेल के नाम का विरोध सतह पर उभर कर आ ही गया है और कमोबेश ऐसे हालात पुरुषोत्तम कंवर को लेकर भी बने हैं लेकिन इनके विरुद्ध विरोध अभी सोशल मीडिया और हवाओं में ही तैर रहा है।
दिलचस्प मुकाबले में प्रत्याशियों की जीत की राह आसान होगी या प्रतिद्वंदी प्रत्याशियों के साथ-साथ इन्हें अपने ही दल के लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ेगा या सब कुछ मैनेज हो जाएगा, यह तो वक्त बताएगा लेकिन इससे पहले त्वरित नाराजगी का सिलसिला शुरू हो गया है। असंतोष और आक्रोश की चिंगारी नाम घोषणा के तत्काल बात से भीतर भी भीतर भड़कनी शुरू हो गई है। सोशल मीडिया में भी कुछ बातें सामने आई हैं लेकिन त्वरित नाराजगी और सोच समझ कर उठाए कदम में काफी अंतर होता है। सवाल अभी कायम है कि कोरबा जिले में एक भाजपा तीन कांग्रेस यथावत रहेगा या फिर एक कांग्रेस, 1 भाजपा, 1गोंगपा,1 जनता कांग्रेस में सीटें बंट जाएंगी..!

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