अंकसूची और टी.सी. देने के एवज में मांगे 41150 रुपये बच्चे की भविष्य के साथ खिलवाड़
छत्तीसगढ़/कोरबा/पाली :- कोरबा जिला के विकासखंड पाली अंतर्गत के ग्राम पंचायत माखनपुर में वृहद समाधान शिविर आयोजित किया गया, इस समाधान शिविर में भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे समस्याओं के समाधान हेतु ग्रामीणों द्वारा अपनी-अपनी समस्याओं का आवेदन दिए । अधिक मात्रा में शिकायतकर्ताओं ने अपनी समस्यायों से संबंधित शिकायत दर्ज कराई । उसी कड़ी में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे भ्रष्टाचार की भी लिखित शिकायत पाली निवासी जागेश्वर लहरे (शिक्षक) के द्वारा छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल पाली के खिलाफ शिकायत दी गई है। शिकायतकर्ता ने बताया है कि उनकी पुत्री कुमारी ऐंजल लहरे कक्षा 6वीं की छात्रा है,जो कि छत्तीसगढ़ पब्लिक हायर सेकंडरी स्कूल पाली में अध्ययनरत थी, जब जगेश्वर लहरे द्वारा अपनी बच्ची कुमारी ऐंजल लहरे की टी.सी. निकलवाने गया तो उनको छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल के प्राचार्य गजेंद्र तिवारी के द्वार 41150 रुपये की मांग की गई। लेकिन मार्च 2020 में कोरोनाकाल के कारण छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया था जिसमे उनके बच्ची कुमारी ऐंजल लहरे कक्षा 4थी में थी, सत्र 2020-21 में छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा कोरोनाकाल के दौरान सामुहिक रूप से सभी विद्यार्थियों को उतीर्ण घोषित कर दिया था। विगत वर्ष 2021-22 में उनकी बेटी 6वीं कक्षा में अध्ययनरत है । इन तीनों सत्र का मिलाकर छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल के प्राचार्य गजेंद्र तिवारी द्वारा जगेश्वर लहरे से 41150 की मांग की जा रही है ,जो कि गलत है । उनके द्वारा अवैध तरीके से ज्यादा पैसे की डिमांड की जा रही है । जबकि उस समय का केवल टयूशन फीस लेने का प्रावधान था। शिकायतकर्ता का ये भी कहना है कि उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सीमा लहरे लगातार छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल पाली में 08 वर्ष तक व्याख्याता के रूप में सेवा दे रही थी,कोरोनाकाल के कारण स्कूल नही जा पाई इस वजह से कायरतापूर्ण कार्य करते हुए छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल पाली के प्राचार्य गजेंद्र तिवारी द्वारा मेरी बच्ची के टी.सी. व अंकसूची रोका गया है, इस समय उनके बच्चे को पूर्णरूप से प्री. एडुकेशन दिया जा रहा था। उन्होंने तुंहर सरकार तुंहर द्वार माखनपुर समाधान शिविर में आवेदन पत्र देकर बच्ची की भविष्य को देखते हुए ये मांग किये है कि उनकी पुत्री कुमारी ऐंजल लहरे की कक्षा 4 थीं 5वीं 6 वीं की अंकसूची व टी.सी.दिलाने की मांग की गई है सरकार के नियमों को ताक में रखकर छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल के प्राचार्य के इस कृत्य से अभिभावक परेशान है, राज्य शासन के नियमों का खुलेआम उड़ा रहे है धज्जियां निजी स्कूलों पर मनमानी फीस वसूलने के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार ने कड़ाई से रोक लगाने के निर्देश दिए है.दरअसल, पिछले 2 साल से निजी स्कूलों में जरूरत से ज्यादा फीस वसूलने का गंभीर आरोप लगा है। मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया था,कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन होने के बावजूद ऑफलाइन की तरह फीस लेने के आरोप लगाए गए।
छत्तीसगढ़ के प्राइवेट स्कूल अब मनमानी फीस नहीं वसूल पाएंगे। दरअसल गैर-सरकारी स्कूलों द्वारा फीस में असाधारण वृद्धि करने की रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने छत्तीसगढ़ अशासकीय विद्यालय फीस विनियमन अधिनियम 2020 (Chhattisgarh Non-Government School Fees Regulatory Act 2020) को सख्ती से लागू करने के लिए सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखा है फिर भी कोरबा जिला के पाली विकासखण्ड के छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल निजी स्कूल पूरी तरह मनमानी पर उतर आए हैं। मनमाने ढंग से फीस निर्धारित करने वाले निजी स्कूलों के संचालकों ने नया सत्र प्रारंभ होते ही ड्रेस, जूता, मोजा के साथ ही किताबें और पाठ्यक्रम के नाम पर कमीशनखोरी का खेल जारी है। बेहतर शिक्षा के के नाम पर अभिभावकों को लूटा जा रहा है। स्कूल संचालकों ने कहीं कापी-किताबों और ड्रेस के लिए दुकानों से सेटिंग कर रखी है तो कहीं खुद स्कूल से बांट रहे हैं। फीस बढ़ाकर तो जेब भरी ही जा रही है, कापी-किताब और ड्रेस से भी मोटी कमाई की जा रही है। इन स्कूल संचालकों पर जिला प्रशासन का किसी तरह का कोई अंकुश नहीं है। निजी स्कूलों में अच्छी शिक्षा और व्यवस्था का लालीपॉप देकर अभिभावकों को ठगा जा रहा है। फीस निर्धारण में मनमानी करने वाले स्कूल संचालकों ने चालू शिक्षासत्र में फीस में इजाफा कर दिया है। स्कूलों में फीस के साथ किताबों के दामों में बढ़ोत्तरी से अभिभावक परेशान हैं। अभिभावक कर्ज से बच्चों का दाखिला करवा रहे हैं। प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस के नाम पर किए जाने वाली मनमानी के खिलाफ शिक्षा विभाग की कुछ बोलने के बजाय मुंह बंद कर रखा है। प्राइवेट स्कूल संचालकों से कोई यह पूछने वाला नहीं कि आखिर किसके नाम पर इतनी भारी भरकम एडमीशन के नाम वसूली जा रही है जब पूरी मामला की शिकायत एक शिक्षक ही शिक्षा विभाग के प्राइवेट स्कूल संबंध में शिकायत की है तो ये विषय गंभीर व सोचनीय है एक जानकर व्यक्ति को इस तरह से गुमराह कर लॉकडाउन के फीस मांगने वाले प्राचार्य और स्कूल पर कानूनी कार्यवाही होना जरूरी, जो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है।