छत्तीसगढ़/कोरबा :- कोरबा जिला अंतर्गत पोड़ी-उपरोड़ा ब्लॉक के 100 सीटर कन्या आश्रम(हॉस्टल) में रहकर अध्ययनरत एक नाबालिग कक्षा 11 वीं की छात्रा प्रेग्नेंट हो गई। सोमवार-मंगलवार की रात करीब 1:30 बजे नाबालिग छात्रा का कन्या आश्रम में प्रसव हुआ और रात में ही नवजात जीवित बच्चे को हॉस्टल के पीछे फेंक दिया गया। इधर आज सुबह ज़ब छात्रा की तबियत बिगड़ी तो इलाज कराने पोड़ी के सरकारी हॉस्पिटल लेकर गए तब मामले का खुलासा हुआ। छात्रा का परीक्षण के वक्त उसका प्रसव कराए जाने की पुष्टि होते ही हड़कम्प मच गई।
यहाँ सख्ती से पूछे जाने पर हॉस्टल के बाथरूम में डिलीवरी होने व बच्चे को जंगल में फेंके जाने की जानकारी छात्रा द्वारा दी गई। उसके बाद उक्त स्थान पर जाकर नवजात शिशु को बरामद किया गया। रात भर कड़कडाती ठंड के बावजूद भी बच्चा जीवित मिला। उसे अस्पताल में गहन उपचार लाभ दिया जा रहा है। मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासन में हड़कम्प मचा हुआ है वहीं जच्चा-बच्चा दोनों को जिला अस्पताल रेफर कराया गया। इस घटना के बाद से छात्रावास में छात्राओं की स्वास्थ्य निगरानी व देखभाल पर सवाल उठ रहे हैं कि छात्रा के गर्भवती होने का पता अथवा आभास अधीक्षिका को कैसे नहीं चला,
इस मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गई। जिला शिक्षा अधिकारी टीपी उपाध्याय, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी डी लाल व अन्य अधिकारी जांच पड़ताल करने हॉस्टल पहुंचे हैं। उनके द्वारा विभिन्न बिंदुओं पर जांच की जा रही है। इस पूरे मामले में हॉस्टल अधीक्षिका पर तत्काल प्रभाव से निलंबन की गाज गिरने वाली है और उस पर भी जांच बिठाये जाने की जानकारी मिल रही है। इस मामले में प्रारंभिक तौर पर यह भी जानकारी मिल रही है कि छात्रा का हॉस्टल से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित अपने किसी रिश्तेदार के साथ जो रिश्ते में उसका भाई लगता है उससे प्रेम प्रसंग चल रहा है। माना जा रहा है कि छुट्टियों में गांव जाने के दौरान छात्रा उसके संपर्क में आई और गर्भवती हो गई।फिलहाल छात्रा का बयान महत्वपूर्ण है और उससे जानकारी लेकर बयान का कलमबद्ध किया जा रहा है। इस मामले में पुलिस कार्रवाई भी तय है।